-विरोधी पार्टी के खेमे में सेंध लगा रहे भाजपाई

-अपनी पार्टी से नाराज लोगों को बीजेपी में शामिल करने की मुहिम

-सिटी के कई बड़े कांग्रेसी चुनाव सम्पन्न होने से पहले बदल सकते हैं पाला

LUCKNOW: दो दिनों के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनऊ आए और अपनी चाणक्य नीति से कांग्रेस में सेंधमारी शुरू कर दी। पिछले पांच सालों से कांग्रेस का दामन थामे डॉ। नीरज बोरा को अपने पाले में तोड़ लिया। कुछ दिन पहले ही डॉ। नीरज की दिल्ली में राजनाथ सिंह से मुलाकात हुई थी। स्क्रिप्ट उसी समय बंद कमरे में लिख दी गई थी। इसकी भनक भी आई नेक्स्ट को क्क् अप्रैल को ही लग गई थी। वैसे कांग्रेस अब इस डैमेज कंट्रोल को काबू करने के लिए अलिखेश दास पर डोरे डाल सकती है।

आई नेक्स्ट के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे

आई नेक्स्ट की ओर से क्क् अप्रैल को महाचौपाल का आयोजन किया गया था। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को पहुंचना था लेकिन बिजी होने की वजह से उन्होंने डॉ। नीरज बोरा को भेजने के लिए निर्देश दिए थे। डॉ। नीरज उस दिन सिटी में मौजूद भी थे लेकिन वह रीता जोशी के समर्थन में कुछ बोलना नहीं चाहते थे और इसी वजह से ऐन मौके पर वह नहीं पहुंचे। इसके बाद रीता जोशी ने प्रतिनिधि के रूप में तारिक सिद्दीकी को भ्ोजा था।

चाय की चुस्कियां और पुरानी यादें

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पूर्व विधायक डीपी बोरा से उनके घर जाकर मुलाकात की तथा स्वास्थ्य का हालचाल लिया। चाय की चुस्कियों के बीच पॉलिटिकल रणनीति भी बनाई। सीतापुर रोड स्थित उनके आवासीय परिसर में पहले से मौजूद विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों समेत बड़ी संख्या में बोरा समर्थकों ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया। राजनाथ ने कहा कि डीपी बोरा सीनियर पॉलिटीशियन हैं। क्977 में वह भी इनके साथ विधानसभा में रह चुके हैं।

सियासी गलियारे में हलचल

चुनाव के मौसम में लखनऊ के सियासी गलियारे में हलचल मची हुई है। नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। नीरज बोरा भले ही पार्टी में शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह राजनाथ सिंह का प्रचार करेंगे। अब देखना यह है कि बोरा पार्टी में कब शामिल होंगे और उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाएगी। लखनऊ से विधायक रहे नीरज के पिता डीपी बोरा वीपी सिंह के साथ जनता दल में भी गए। फिर मायावती के नेतृत्व में बसपा में रहे। नीरज वोरा ने सियासी सफर ख्00भ् में बसपा से शुरू किया। ख्009 में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए। ख्0क्ब् में कांग्रेस से भी नाता तोड़ लिया है।

अगला नाम अिखलेश दास!

कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। इससे पहले चार बार से कांग्रेस केपुराने सभासद नागेंद्र सिंह चौहान को बीजेपी में शामिल कराया। उनकी बहन मधु सिंह भी पार्टी में शामिल हो गई। कांग्रेस के कई और दूसरे नेताओं को लेकर भी चर्चा है कि वे बीजेपी के साथ आ सकते हैं, लेकिन डैमेज कंट्रोल के लिए अब बीएसपी से राज्यसभा सांसद डॉ। अखिलेश दास को कांग्रेस में शामिल किए जाने की तैयारी है। इसके अलावा भरपाई पूरी करने के लिए कांग्रस ने अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष साजिद अली को भी शामिल कर लिया है।

यूथ कांग्रेस के नेता भी नाराज

लखनऊ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष सतीश वर्मा भी पार्टी से नाराज हैं। वह सपा में शामिल हो सकते हैं। उत्तर विधानसभा क्षेत्र की यूथ कांग्रेस के महामंत्री शहबाज खान भी इसको लेकर संगठन में खुद को असहज पा रहे हैं।