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-चंद्रशेखर आजाद पार्क के सामने से पकड़े गए सौरभ ने कबूले शहर के कई नाम, जांच शुरू

-बगैर नंबर की बाइक उपलब्ध कराने वाले शख्स का सर्च ऑपरेशन जारी

PRAYAGRAJ: एटीएस के निशाने पर शहर के कई राजदार भी हैं। आतंकवादियों के लिए काम करने वाला सौरभ शुक्ला उर्फ शिब्बू ने पकड़े जाने के बाद कुछ नामदारों का नाम कबूल किया है। एटीएस ने इनकी भी जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि सौरभ यहां छिपे आतंकी गुर्गो से मिलने या फिर उनकी मदद में आया रहा होगा। सौरभ को बगैर नंबर की बाइक उपलब्ध कराने वालों की भी तलाश की जा रही है। अभी उसके यहां आने का मकसद क्लियर नहीं हो सका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सौरभ अभी और राज खोल सकता है।

आतंकी गुर्गे से मिलने आया था सौरभ

लखनऊ से आई एटीएस की टीम ने एमपी के अगहर बागड़ थाना रामपुर जिला सीधी निवासी सौरभ पुत्र रविशंकर शुक्ल को चंद्रशेखर आजाद पार्क के पास दबोचा था। पूछताछ में सौरभ ने शहर के कुछ नामचीन लोगों का नाम लिया है। ऐसे में टीम को शक है कि जिनके नाम प्रकाश में आए हैं वह उसकी आर्थिक मदद करते रहे होंगे। एटीएस ने सामने आए लोगों की भी कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है।

सौरभ के ऊपर आरोप है कि वह पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर भारत में आपराधिक साजिश रचता था। साथ ही दूसरों के नाम बैंक अकाउंट खोलकर उसमें विभिन्न संस्थानों से मोटी रकम मंगवाकर आतंकियों की मदद किया करता था। ऐसे में माना जा रहा है कि वह यहां छिपे किसी आतंकी गुर्गे की मदद या किसी से पैसे कलेक्ट करने आया रहा होगा।

टेररिस्ट्स से पहले भी रहा है शहर का कनेक्शन

2003

वाराणसी विस्फोट कांड के आरोपित वलीउल्ला को उसके गुर्गो के साथ यहीं पकड़ा गया था। फूलपुर निवासी वलीउल्ला पर वाराणसी विस्फोट कांड में कुकर बम बनाने का आरोप है। इन दिनों वह जेल में है। उसके तीन गुर्गे लखनऊ में हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। अधिकारी यह भी मान रहे हैं कि जेल में बंद वलीउल्ला का कोई गुर्गा यहां फिर नेटवर्क खड़ा कर रहा होगा। उसी की आर्थिक मदद या उससे मिलने ही सौरभ आया होगा।

2016

जमालुद्दीन नामक एक आतंकी को यहां एटीएस द्वारा दबोचा गया था। वह शहर के कई नामी होटलों में नौकरी करने के बहाने छिपा हुआ था। भनक लगने के बाद एटीएस एक्टिव हुई तो उसका चेहरा बेनकाब हो गया। वह भी इन दिनों में जेल में है। उस वक्त उन होटल मालिकों व कर्मचारियों से भी कई माह तक पूछताछ की गई थी, जिसमें उसने काम किया था।