- यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित पीसीएस-जे की परीक्षा में होनहारों ने लहराया परचम

GORAKHPUR: कॉन्फिडेंस और जज्बा हो कुछ कर गुजरने का तो बड़ी-बड़ी परीक्षा भी पास की जा सकती है। गोरखपुर के होनहारों ने पीसीएस-जे की ऐसी ही परीक्षा पास कर परचम लहराया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस-जे 2018 में गोरखपुर के कई होनहारों ने सफलता प्राप्त करते हुए न्यायाधीश पद प्राप्त करने का अपना सपना पूरा किया है।

इन्होंने क्वालिफाई किया पीसीएस जे

पीसीएस-जे की सफलता सूची में गोरखपुर के सागर सिंह, अभिषेक पांडेय, प्रद्युम्न मिश्रा, मनीष यादव, महेंद्र सहित कई के नाम दर्ज हैं। प्रदेश सरकार में मंत्री रहे स्व। चंद्रकिशोर के पुत्र सागर सिंह अब सिविल जज (जेडी) की भूमिका में होंगे। जटेपुर उत्तरी क्षेत्र के रहने वाले सागर ने पहले ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। सागर की मां अर्चना चंद्रा भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य हैं। सागर की सफलता से परिजनों में हर्ष है। सफलता के इसी क्रम में बड़हलगंज क्षेत्र के भटपीपार खुर्द निवासी प्रद्युम्न कुमार मिश्रा का भी नाम है। प्रद्युम्न के पिता विंध्यवासिनी कुमार मिश्रा ज्योतिष एवं धर्मशास्त्र के विद्वान व किसान हैं, जबकि मां लीलावती मिश्रा गृहिणी हैं। इंटर तक की पढ़ाई महुआपार के इंटर कॉलेज की है जबकि गोरखपुर यूनिवर्सिटी से विधि स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। प्रद्युम्न वर्ष-2009 एलएलएम बैच के टॉपर रहे हैं। वर्तमान में वह भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, (सिडबी) अहमदाबाद में विधि प्रबंधक के पद पर सेवारत हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी से ही विधि स्नातक व परास्नातक उपाधि प्राप्त अभिषेक कुमार पांडेय का भी चयन पीसीएस जे में हो गया है। वह मौजूदा समय में गाजियाबाद में सेंट्रल जीएसटी के निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। शहर के विकासनगर निवासी अभिषेक भी बेहद सामान्य परिवार के हैं। पिता तुंगनाथ पांडेय ने ट्यूशन पढ़ाकर उन्हें शिक्षा दिलाई। अभिषेक अपनी सफलता का श्रेय मां मुन्नी देवी, पिता, भाई बिजली विभाग में एसडीओ दोहरीघाट विवेक व बड़ी बहन शिक्षिका किरन को देते हैं।

पिता कचहरी में चपरासी, बेटा बन गया जज

सिविल और न्यायिक सेवा जैसी प्रतिष्ठित चयन सेवा परीक्षाओं में सफल कैंडिडेट्स के पीछे सपने और संघर्ष की लंबी दास्तां होती है। ऐसी दास्तान जो औरों को प्रेरित करती है, उनका हौसला बढ़ाती है, ऐसी ही कहानी है पिछले दिनों घोषित उत्तर प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिवीजन) चयन परीक्षा परिणाम में सफल अमित मणि की। न्यायिक सेवा के लिए चयनित होकर अमित ने अपने पिता का वर्षो पुराना सपना हकीकत में बदल दिया। अमित के पिता पुरुषोत्तम गोरखपुर दीवानी कचहरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मी के रूप में सेवारत हैं। लंबे सेवाकाल में हमेशा से न्यायाधीशों को देखते और सोचते कि काश उनका उनका बेटा कभी जज बने। आखिर वो दिन आया और अमित ने अपने पिता के सपने को पूरा कर दिया। मूल रूप से देवरिया के सकरापार बुजुर्ग गांव निवासी अमित के पिता पुरुषोत्तम मणि और माता उर्मिला की खुशी का इन दिनों कोई ठिकाना नहीं है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी से 2013 में विधि स्नातक अमित ने अपनी पूरी पढ़ाई और न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी आर्थिक तंगी के बीच की। अमित बताते हैं कि सेवानिवृत्त जिला जज उमेश चंद्र मिश्र से मिला मार्गदर्शन बहुत काम आया।

जज बन अल्का ने बढ़ाया मान

पीसीएस-जे 2018 में सिटी के आवास विकास कॉलोनी की रहने वाली अल्का सिंह को भी सफलता मिली है। 2017 में इसी परीक्षा के इंटरव्यू में असफल रहीं अल्का ने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल कर ली। गोरखपुर यूनिवर्सिटी से विधि स्नातक अल्का की माता अध्यापिका हैं जबकि पिता पूर्वोत्तर रेलवे में मुख्य डिपो सामग्री अधीक्षक पद पर सेवारत हैं।