- गंगानगर में करन गैस एजेंसी पर मारपीट, उग्र उपभोक्ताओं ने शोरूम के शीशे तोड़े

- पासी गैस एजेंसी पर जमकर हंगामा, होम डिलीवरी न करने का आरोप

मेरठ : डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर इन एलपीजी (डीबीटीएल) के शोर तले उपभोक्ताओं का हक दबने लगा है। मंत्रालय की योजनाएं और तेल कंपनियों के निर्देश का हवाला देकर कुछ वितरक मनमानी पर उतारू हो गए हैं। होम डिलीवरी से हाथ खींचकर कालाबाजारी की जा रही है। मंगलवार को कई एजेंसियों पर उपभोक्ताओं के सब्र का पैमाना छलका। गंगानगर में करन गैस एजेंसी पर मारपीट और तोड़फोड़ हुई। पासी, तिरंगा व परवान गैस एजेंसी पर हंगामा हुआ।

क्या है मामला

भारत पेट्रोलियम की करन गैस एजेंसी पर सुबह से उपभोक्ताओं की लंबी लाइन लगी। छात्र मोहित गर्ग पुत्र संदीप निवासी अहमदपुरा, अब्दुल्लापुर आपूर्ति न होने की शिकायत लेकर पहुंचा। उसने कहा कि चार दिसंबर की बुकिंग के बाद भी गैस नहीं दी गई, जबकि एजेंसी के हॉकर खुलेआम ब्लैक कर रहे हैं। आरोप है कि इस दौरान एजेंसी स्टाफ ने उससे अभद्रता कर दी। मोहित ने एबीवीपी प्रदेश सहमंत्री अंशुल गुप्ता, गौरव गर्ग व मनीष लोहिया आदि साथियों को बुला लिया। कई अन्य उपभोक्ताओं ने भी होम डिलीवरी न करने की शिकायत कर जमकर हंगामा किया। गुस्साएं लोगों ने शोरूम के शीशे तोड़ दिए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। उधर, एजेंसी संचालक राकेश शर्मा का कहना है कि डीबीटीएल के कारण काम बढ़ गया है और स्टाफ कम है, जिससे होम डिलीवरी में दिक्कत आ रही है, उन्होंने कंपनी की ओर से कम आपूर्ति आने की भी बात कही।

बॉम्बे बाजार स्थित पासी गैस एजेंसी पर भी हंगामा हुआ। यहां रामकिशोर गुप्ता व सुनील कुमार निवासी सदर ने कहा कि होम डिलीवरी एजेंसी ने बंद कर दी है। डीबीटीएल के काम का बहाना बनाकर गोदाम से रसोई गैस लेने को उपभोक्ताओं से कहा जा रहा है। अफसरों से शिकायत पर भी हालात नहीं सुधर रहे। वहीं परवान गैस एजेंसी, बैजल गैस एजेंसी व तिरंगा गैस पर भी हंगामे हुए। इंडेन के एरिया सेल्स अफसर पी। प्रकाशन ने कहा कि होम-डिलीवरी एजेंसियों को करनी ही होगी। वह स्वयं निरीक्षण कर ऐसे वितरकों को चिह्नित करेंगे।