-तीन बड़े नेताओं के साथ कई छोटे भी छोड़ चुके हैं हाथी की सवारी

LUCKNOW: ब्रजेश पाठक का जाना दो महीने के अंदर बीएसपी के लिए तीसरा बड़ा झटका है। इससे पहले ठीक दो महीने पहले 22 जून को विधानसभा में नेता विरोधी दल और बीएसपी में पिछड़ों के सबसे बड़ा चेहरे राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती पर टिकटों की खरीद फरोख्त का आरोप लगा इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। कुछ ही दिन बाद बीएसपी के दलित नेता आरके चौधरी ने भी बीएसपी से नाता तोड़ लिया। उन्होंने पिछले महीने की 26 तारीख को बिजली पासी किला में रैली कर काफी भीड़ जुटाई थी। हालांकि इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भी हिस्सा लिया था।

कई विधायक भी छोड़ चुके हैं बसपा का साथ

बीएसपी से कई विधायक भी पार्टी छोड़ चुके हैं। लखीमपुर से बाला प्रसाद अवस्थी और गोरखपुर से विधायक राजेश त्रिपाठी, छोटे लाल मौर्य और विनय शाक्य बीएसपी छोड़ चुके हैं। इसमें से कुछ ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इतना ही नहीं बसपा ने कई नेताओं के टिकट काटे तो वह भी बीएसपी छोड़ कर दूसरी पार्टी में आस्था तलाश रहे हैं। इसके अलावा मौजूदा विधायकों में भी कई ऐसे हैं जिनका टिकट कटना तय माना जा रहा है।

मुस्लिम नेताओं को भी किया किनारे

मायावती ने कुछ दिन पहले हरदोई से पूर्व विधायक अब्दुल मन्नान और उनके भाई अब्दुल हन्नान को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पार्टी के एक और नेता अनीस बाबू को भी बसपा ने बाहर का रास्ता दिखाया। इसके अलावा हरदोई से ही एक और मुस्लिम नेता मोहम्मद आसिफ खां उर्फ बब्बू खां को पार्टी से बाहर कर दिया था। हालांकि बब्बू खां को बृजेश पाठक के इस्तीफे के बाद उनका निलंबन वापस कर दिया।

बसपा का पश्चिम में भी लगा झटका

सोमवार को बीएसपी को दो झटके लगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ के कोऑर्डिनेटर जगदीश शर्मा ने बीएसपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया। जगदीश शर्मा ने कंाग्रेस पार्टी की नीतियों में आस्था सोनिया, राहुल व राजबब्बर के प्रति विश्वास व्यक्त किया है।