-वोटर लिस्ट, वोटर ID कार्ड में गड़बड़ी के कारण हजारों नहीं कर सके मतदान

-कहीं वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की मिली शिकायत तो कहीं वोटिंग स्लिप में नाम व फोटो था गलत

VARANASI: वाराणसी में सोमवार को चुनावी महासमर का समापन हुआ। परसेंट वोटिंग के साथ बनारस ने इस महासमर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी। चिलचिलाती धूप को नजरअंदाज कर लोग पोलिंग बूथ तक पहुंचे और मनपसंद कैंडीडेट को वोट डाले। सरकार से लेकर गैर सरकारी संगठनों तक का प्रयास आखिरकार रंग लाया। लेकिन वोटिंग के इस महासमर में कुछ ऐसे भी थे जो शामिल होने से चूक गये। यह चूक उनकी नहीं थी। चूक थी इलेक्शन कमीशन की। कोई इसलिए वोट नहीं डाल सका कि उसका वोटर आईडी कार्ड नहीं था तो किसी के वोटर आईडी कार्ड में लिखी सूचनाएं गलत थीं। अगर ऐसे लोगों को भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलता तो शायद वोटिंग का परसेंटेज और बेहतर होता।

नाम और फोटो में फंसा पेंच

शहर में अगर मोटे तौर पर अनुमान लगाया जाये तो हजारों की संख्या ऐसे वोटर्स की थी जिनके पास वोटर आईडी कार्ड होने के बावजूद वे वोट नहीं डाल सके। कारण बना वोटर कार्ड में दी गयी सूचनाओं का गलत होना। किसी का नाम गलत है तो किसी की फोटो गलत है। किसी को स्त्री से पुरुष बना दिया गया है तो किसी के मां की जगह उसकी पत्नी का नाम लिखा मिला। गुरुनानक खालसा, रामप्यारी रस्तोगी, अग्रसेन इंटर कॉलेज आदि पोलिंग स्टेशन पर दर्जनों की संख्या में लोगों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा।

Speed भी रही धीमी

पोलिंग स्टेशन पर यह बात चर्चा का विषय रही कि वोटिंग की स्पीड काफी धीमी है। पोलिंग स्टेशन पर किसी बूथ पर वोटर्स की लंबी लाइन लगी दिखी तो किसी बूथ पर सन्नाटा रहा। कारण रहा बूथ पर तैनात पीठासीन अधिकारी और उनके काम करने वालों की स्पीड अच्छी नहीं थी। ईसके चलते वोटर्स को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। कुछ वोटर्स तो धूप के चलते अपने घरों को वापस हो लिये।

वोटिंग स्लिप पर किचकिच

कुछ पोलिंग स्टेशंस पर वोटिंग स्लिप को लेकर भी किचकिच की खबर रही। कायदे से तो बीएलओ द्वारा वितरित किये गये वोटिंग स्लिप को ही वोटर आईडी कार्ड की तरह इस्तेमाल किये जाने का नियम बनाया गया था। कुछ पोलिंग स्टेशंस के पीठासीन अधिकारियों ने इसे माना और कुछ ने इसे रिजेक्ट कर दिया जिसके चलते भी कई वोटर्स अपने वोटिंग के अधिकार से वंचित रह गये।

किसी के पास एक भी नहीं

सरकारी तंत्र की लापरवाही का नमूना देखिये, किसी को वोट डालने के लिए एक कार्ड मुहैया नहीं और वहीं दर्जनों लोग ऐसे थे जिनके पास दो दो वोटर का‌र्ड्स थे। बीएचयू में बने पोलिंग बूथ पर डॉ। स्वाती के नाम से दो वोटर का‌र्ड्स इश्यू किये गये थे।

यह तो सीधे सीधे लापरवाही का मामला है। एक ही पोलिंग बूथ के लिए दो दो आईडी का‌र्ड्स इश्यू किये गये हैं।

-डॉ। स्वाती

मेरे वोटर स्लिप पर मेरे भाई की फोटो लगा दी। मैं वोट देने गया तो वहां पर पीठासीन अधिकारी ने मुझे वोट डालने नहीं दिया।

-शिव प्रसाद पाण्डेय

हमने वोटर लिस्ट में अपना नाम एड कराने के लिए फॉर्म भरा था। लेकिन जब वोट देने पहुंचे तो हमारा लिस्ट में नाम नहीं था।

-अंजू पालिवाल, बीएचयू

हमारे कैंपस में एनएसएस की ओर से कैंप लगाकर वोटर्स बनाये गये थे। मैंने भी फॉर्म भरा था। लेकिन मेरा वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था।

-मीमांसा त्रिपाठी, बीएचयू

मेरे नाम का वोटर आईडी कार्ड इश्यू था। लेकिन वोटर लिस्ट में मेरा नाम ही नहीं था। मैं वोट नहीं डाल पाया।

-राकेश तिवारी