-सिटी में वाडऱ्ो की सड़कों का बुरा हाल

-तारकोल, मिट्टी से लेकर गिट्टी में गोलमाल कर बनने वाली सड़कें चंद महीनों में ही टूट गई

-यहां सड़क के नाम पर सिर्फ बिखरी गिट्टियां आ रही नजर

GORAKHPUR:

सीएम सिटी होने के बावजूद भी यहां की सड़कों की हालत खस्ता हाल है। पब्लिक को उम्मीद थी कि वार्डों के सड़कों की स्थिति बदलेगी। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी बिछिया से ओमकार नगर, पुर्दिलपुर वार्ड से बैंक रोड, बेतियाहाता से शिव मंदिर जाने वाली सड़क का बुरा हाल है।

वार्डों में जर्जर सड़कें

बिछिया वार्ड के पीएसी गेट से ओमकार नगर कॉलोनी तक की करीब 150 मीटर की सड़क बीते वर्ष लगभग 32 लाख रुपए खर्च कर बनाई गई। जो अब पूरी तरह से उखड़ चुकी है। तारकोल की मात्रा कम होने के कारण सड़क की गिट्टियां उखड़कर बिखर गई हैं। हालांकि पब्लिक की कंप्लेन पर नगर निगम ने सड़क की पैचिंग जरूर कराई है लेकिन वह यह भी ज्यादा दिन नहीं टिक पाया। जिसके कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बैंक रोड की सड़क भी टूटी

अग्रसेन तिराहे से बैंक रोड जाने वाली सड़क की पैचिंग वर्ष 2019 में निगम ने करीब पांच लाख खर्च कर कराई। जो अब उखड़ चुकी है। वहीं राज टाकीज जाने वाली सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढे भी पब्लिक को परेशान कर रहे है।

बेतियाहाता शिव मंदिर मार्ग

अलहदादपुर वार्ड बेतियाहाता शिव मंदिर मार्ग की 200 मीटर की सड़क पिछले साल अगस्त में दस लाख रुपए खर्च कर बनाई गई। लेकिन देखते ही देखते यें सड़कें गढ्डे में तब्दील हो चुकी है। सड़कों पर फैली गिट्टियां किसी हादसे को दावत दे रहीं हैं।

अंबेडकर चौक से फिराक गोरखपुर मार्ग पर बने गड्ढे

सिटी के अंबेडकर चौक से फिराक गोरखपुर चौराहा तक सड़क की पैचिंग जुलाई माह में कराई गई जो अब गढ्डे में तब्दील हो चुकी है। हालांकि जिम्मेदारों ने पिछले माह पैचिंग कराई लेकिन यह सड़क फिर से उखड़ी चुकी है। यहीं हाल बेतियाहाता फिराक गोरखपुर चौक से हरीहर प्रसाद दुबे मार्ग का है।

बदहाल सड़कें

मानक के विपरीत गिट्टियां, तारकोल में कटौती

-बिछिया से ओमकार नगर, हरीहर प्रसाद मार्ग, बेतियाहाता शिव मंदिर मार्ग का बुरा हाल

-वार्डों की जनसंख्या-1.22 लाख

-बदहाल सड़कों की संख्या लगभग-75

-सड़कों पर अनुमानित खर्च करीब - 11 करोड़

मानक के विपरीत बनती है सड़कें

नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार सड़कों का निर्माण कराते समय मानकों का ध्यान नहीं रखते है। एक्सपर्ट आरएन सिंह का कहना है कि नई सड़क के लिए कम से कम 10 सेमी गिट्टी डालकर पेंटिंग की जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिससे दस वर्षो तक चलने वाली सड़कें महज तीन से चार साल में टूट जाती है। उनके अनुसार सीसी रोड की कम से कम 14 दिनों तक तराई होनी चाहिए। मैटेरियल मानक के मुताबिक है या नहीं इसकी लैब में जांच होनी चाहिए। सीमेंटेड सड़कों की लेवलिंग भी नहीं की जाती है।

लोगों का दर्द

बिछिया की सड़कों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। सड़कें टूट चुकी हैं। लगता ही नहीं कि हम सीएम सीटी में रहते हैं।

राहुल

सभी वार्डो में सड़कों का बुरा हाल है। लोकल सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि सड़कें कम से कम पांच साल तक चलें।

रिशू

सड़क किनारे नालों पर अतिक्रमण कई समस्याओं की वजह है। अग्रसेन तिराहे से लेकर बक्शीपुर की सड़क सिर्फ अतिक्रमण व जलभराव की वजह से टूटती है।

धमेंद्र यादव

बेतियाहाता शिव मंदिर से अलहदादपुर आने वाली सड़क पर जगह-जगह गढ्डे हैं। वहीं अलहदादपुर से रायगंज की ओर जाने वाली सड़क पर बने गड्ढों से दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

सूरज कुमार पांडेय

वर्जन

महानगर के विभिन्न वाडरें की 90 सड़कों को बनाने के लिए 20 करोड़ मिले हैं। कुछ सड़कों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। अन्य पर जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।

सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर, नगर निगम