RANCHI : हजारीबाग, रामगढ़ और जमशेदपुर के बाद राजधानी रांची गैंगवार का अगला मैदान बन सकता है। 2017 में हजारीबाग सिविल कोर्ट में दिनदहाड़े अपराधियों की फायरिंग में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव के मारे जाने के बाद ही इस खूनी संघर्ष की नींव फिर तैयार हो गई थी, जिसकी आग अब रांची तक पहुंच चुकी है। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने रांची जिला पुलिस बल को अलर्ट कर दिया है। खासकर, खलारी एरिया में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है।

हमले की आशंका

पांडेय गैंग और सुशील श्रीवास्तव के गैंग के बीच की यह अदावत अब रांची को निशाने पर ले सकती है। श्रीवास्तव गिरोह ने पांडेय गिरोह के 40 लोगों को मारने की प्लानिंग की है। इसके बाद पांडेय गिरोह के लोग भूमिगत हो गए हैं। उन्हें डर है कि फिर अमन श्रीवास्तव गिरोह के कुछ लोग उनलोगों पर हमला बोल सकते हैं।

भाजपा नेता की हत्या के बाद खुलासा (बॉक्स)

भाजपा नेता पंकज गुप्ता की हत्या के बाद हुए खुलासे से रांची पुलिस के होश उड़े हुए हैं। छापेमारी के दौरान श्रीवास्तव गिरोह के छह अपराधी गिरफ्तार हुए, जिनके पास से एके-47 सहित एक दर्जन पिस्टल बरामद किये गए। ये हथियार पांडेय गिरोह के सफाये के लिए जमा किये जा रहे थे।

40 लोगों की हत्या का बना रखा था प्लान

छापेमारी में पुलिस के हाथ 40 फोटो भी लगे हैं जिनकी हत्या श्रीवास्तव गिरोह करने वाला था। इनमें विकास तिवारी गैंग के दिलीप साव, गजू साव, सुमन सिंह, रामप्रवेश पांडेय, गौतम, आकाश तिवारी, गणेश पांडेय विकास सहित कुल 40 लोग शामिल हैं.पुलिस के अनुसार, सभी फोटो गैंग के सदस्यों के बीच बांटे गए थे और उन्हें आदेश मिला था कि उनमें से कोई भी मिले, उसे वही मार गिराना है।

दोनों गैंग के बीच है पुरानी अदावत

श्रीवास्तव व पांडेय गैंग का रांची से पुराना नाता रहा है। रांची के अरगोड़ा इलाके में सुशील श्रीवास्तव की पत्‍‌नी पर किशोर पांडेय के शार्गिदों ने जानलेवा हमला किया था। दूसरी तरफ पांडेय गैंग से बदला लेने के लिए सुशील श्रीवास्तव ने रांची जेल में ही डॉन अनिल शर्मा से हाथ मिलाया था। ऐसे में 1990 से ही दोनों आपराधिक गिरोह के बीच चली आ रही दुश्मनी से रांची भी हिल सकती है। हालांकि भोला पांडेय, किशोर पांडेय और सुशील श्रीवास्तव मारे जा चुके हैं, पर इनका गैंग अभी भी जिंदा है।