-शहर में हेलमेट की जांच से चमका फुटपाथ का बाजार

-चालान से बचने के लिए पब्लिक खरीद रही सस्ते हेलमेट

GORAKHPUR: शहर में नियमों का पालन कराने जुटी ट्रैफिक पुलिस की सख्ती से हेलमेट की बिक्री बढ़ गई है। साथ ही बाजार में ऐसे हेलमेट की भरमार हो गई है, जो बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। लोग भी औने-पौने दामों पर सड़क किनारे बिक रहे हेलमेट खरीद रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसे हेलमेट से सिर्फ चालान की प्रक्रिया से बचा जा सकता है। लेकिन हादसे में सिर में लगने वाले चोट को रोक पाने का मकसद पूरा नहीं होगा। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि हाल के दिनों में हेलमेट पहनने से सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। इसलिए फुटपाथ किनारे इनकी दुकानें भी सज रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन माह में करीब 35 हजार हेलमेट बिक चुके हैं।

आईएसआई मार्का में फर्जीवाड़ा

पब्लिक की सुरक्षित यात्रा के लिए हेलमेट जागरुकता अभियान चल रहा है। एक तरफ शहर में ट्रैफिक पुलिस रोजाना लोगों को हेलमेट पहनाने के लिए जागरूक करती है। वहीं दूसरी ओर नियमों की अनदेखी करने पर उनका चालान भी काटा जाता है। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए ज्यादातर लोग सस्ते दामों पर काम चलाऊं हेलमेट पहनने लगे हैं। इसका फायदा उठाते हुए फर्जी आईएसआई मार्का वाले लोकल हेलमेट भी बेचे जा रहे। दोयम दर्जे का हेलमेट बेचने की दुकानें पूरे शहर में नजर आने लगी हैं। सस्ते हेलमेट बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि लोग उनसे काम चलाऊं हेलमेट मांगते हैं। कहते हैं कि पुलिस के चालान से बचने के लिए ही चाहिए।

इस तरह से करें हेलमेट की पहचान

बाजार में आधे से अधिक हेलमेट नकली बिक रहे हैं।

अच्छी क्वालिटी का केाई हेलमेट सस्ते दाम पर नहीं मिलेगा।

सस्ते हेलमेट तीन सौ रुपए में आसानी से बाजार में मिल जाते हैं।

बढि़या हेलमेट बनाने में करीब साढ़े चार सौ रुपए का खर्च अाता है।

टेस्टिंग के बाद बनते ब्रांडेड हेलमेट

कंडीशनिंग टेस्ट- हेलमेट को 50 डिग्री सेल्सियस मैक्सिमम और मिनिमम टेम्प्रेचर पर रखा जाता है।

अल्ट्रावायलेट रेडिएशन चेक- करीब 48 घंटे तक 125 वाट के जिनोफाइड लैंप की रोशनी में रखा जाता है।

नमी का टेस्ट - चार घंटे पानी के तेज बहाव में रखकर नमी की जांच की जाती है।

आघात परीक्षण - पांच किलो का भार ढाई मीटर की ऊंचाई से पूरी ताकत से डाला जाता है।

नोट: ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के अनुसार

ैक्ट फीगर

- शहर में तीन माह के भीतर 35 हजार हेलमेट की बिक्री हुई है।

-चालान और जुर्माना बढ़ने से लोग हेलमेट खरीदने ले रहे हैं।

- करीब 20 फीसदी हेलमेट डुप्लीकेट बिक रहे हैं। उन पर फर्जी आईएसआई मार्क है।

-सस्ते में मिलने वाले हेलमेट की कीमत तीन सौ रुपए से अधिकतम छह सौ रुपए है।

-हेलमेट न पहनने पर पहली बार में पांच सौ रुपए जुर्माना है। इसलिए सस्ता हेलमेट लोगों को पसंद आ रहा।

यहां सड़कों पर नजर आती दुकानें

यूनिवर्सिटी हॉस्टल के सामने

मोहद्दीपुर आरकेबीके पास

आजाद चौक मेन रोड

नौसढ़ बाजार

बरगदवां-गोरखनाथ रोड

मेडिकल कालेज, गुलरिहा

इंजीनियरिंग कॉलेज के पास

शहर में बढ़ी हेलमेट की चोरी

पुलिस की सख्ती और जागरुकता अभियान से ज्यादातर लोगों ने हेलमेट पहनना शुरू कर दिया है। लेकिन इसका एक असर यह भी नजर आया है कि हेलमेट की चोरी बढ़ गई है। बाइक के शीशे, हैंडल या अन्य किसी जगह हेलमेट टांगने पर चोरी हो जा रहे हैं। कैंट, कोतवाली, गोरखनाथ सहित अन्य थानों पर रोजाना कम से कम दो मामले हेलमेट चोरी के पहुंचते हैं। कैंट एरिया में हेलमेट चुराने वाले बाइक सवार युवकों की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिली थी। इसमें एक बाइक सवार आराम से आता है। पहले से खड़ी बाइक में टंगा हेलमेट निकालकर उसे पहनते हुए फरार हो जाता है।

इतनी की कमाई कर चुकी पुलिस

वर्ष चालान जुर्माना

01 जनवरी- 31 जुलाई 19 46085 6541800

01जनवरी- 31जुलाई 18 12021 2617850

01 जनवरी- 31 जुलाई 17 11555 1789800

01 जनवरी- 31 जुलाई 16 13434 1355100

हेलमेट पहनने के लिए पब्लिक को जागरूक किया जा रहा है। इसका असर भी नजर आने लगा है। लेकिन चालान और जुर्माना से अधिक जरूरी है कि सेफ्टी के लिए हेलमेट पहना जाए। हेलमेट की आवश्यकता को देखते हुए तमाम लोग सस्ते और डुप्लीकेट हेलमेट यूज कर रहे हैं। हमारी सलाह है कि लोग ब्रांडेड हेलमेट पहनने जिससे सर्वाइकल की प्रॉब्लम नहीं होगी। दुर्घटना में सिर की सुरक्षा भी होगी।

आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैि1फक

ये हैं नए मानक

-सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, 15 जनवरी के बाद केवल आईएसआई प्रमाणित हेलमेट्स ही बेचे जाएंगे।

-यह हेलमेट ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड के आईएस 4151:2015 के मानकों पर खरे होने चाहिए।

- आईएस 4151:2015 के नए मानकों के अनुसार, नए हेलमेट का अधिकतम वजन 1.2 किलोग्राम होना चाहिए। अब यह सीमा 1.5 किलोग्राम है।

- बिना आईएसआई मानक बनाने, बेचने और भंडारण करने वालों पर कानूनी कारज्वाई होगी।

- इंडस्ट्रियल हेलमेट पहनने वालों पर की जाएगी कारज्वाई।