मुंबई (पीटीआई)। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लगातार बिकवाली की वजह से निवेशकों का बाजार में भरोसा कम हुआ है। अप्रैल की महंगाई और मार्च के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों को लेकर निवेशक सतर्क रहे। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,158.08 अंक या 2.14 प्रतिशत फिसल कर 53,000 अंक से नीचे 52,930.31 अंक के स्तर पर आ गया। कारोबार के दौरान यह 1,386.09 अंक या 2.56 प्रतिशत फिसल कर 52,702.30 अंक के निचले स्तर तक आ गया था। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 359.10 अंक या 2.22 प्रतिशत लुढ़क कर 15,808 अंक के स्तर पर आ पहुंचा।

एचसीएल टेक सेंसेक्स पैक में टाॅप गेनर

सेंसेक्स पैक में शामिल इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, टाइटन, एनटीपीसी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयर बिकवाली के दबाव में टूट कर नुकसान में लाल निशान के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी ओर विप्रो और एचसीएल टेक के शेयर बिकवाली के दबाव के बावजूद लाभ कमाने में कामयाब रहे। एशिया में टोक्यो, हांगकांग, सियोल और शंघाई के शेयर बाजारों में कारोबारी सौदे तेज गिरावट के साथ खत्म हुए। यूरोपीय शेयर बाजारों में भी दोपहर के सत्र में कारोबारी सौदे गिरावट के साथ किए गए। बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार नुकसान के साथ बंद हुए थे।

कच्चा तेल 105.7 डाॅलर प्रति बैरल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सौदा 2.02 प्रतिशत लुढ़क कर 105.7 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर किया गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने लगातार मुनाफावसूली के लिए बिकवाली जारी रखी। बुधवार को इन्होंने 3,609.35 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। मेहता इक्विटीज में रिसर्च वाइज प्रेसिडेंट प्रशांत तापसे महंगाई की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजारों में डर का साया बना रहा जिससे कारोबारी सौदे नुकसान में हुए। ब्याज दरों पर अगली रणनीति को लेकर फेडरल रिजर्व पर निवेशकों की निगाहें हैं।

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