शहादत पर फक्र, लेकिन बेटे को खोने का गम

- चार जून को नक्सली हमले में घायल हुआ था वरुण तिवारी

- होलागढ़ के जवान को आज दी जाएगी अंतिम विदाई

दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देते हुए देश की रक्षा के लिए सीआरपीएफ में तैनात इलाहाबाद का लाल शहीद हो गया। दुश्मन तो उसे नहीं हरा सके, लेकिन छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके में तैनाती के दौरान नक्सलियों की गोली से घायल जवान वरुण तिवारी जिंदगी की जंग हार गया। जवान के होलागढ़ स्थित घर पर उसके शहीद होने की खबर पहुंची तो बेटे की शहादत की शान में परिजनों का सीना फक्र से चौड़ा हुआ। लेकिन उसके अब इस दुनिया में न होने के गम ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। वरुण तिवारी का शव देर रात सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पडि़ला पहुंचेगा और मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।

घायल वरुण ने संडे को ली अंतिम सांस

होलागढ़ विकास खंड के दहियांवा लोनाखार का पूरा गांव निवासी सुरेश तिवारी का पुत्र वरुण तिवारी (ख्0) सीआरपीएफ के ख्ख्9 बटालियन में तैनात था। जिसकी ड्यूटी बीजापुर छत्तीसगढ़ में लगी थी। चार जून को छत्तीसगढ़ के बीहड़ जंगलों में नक्सलियों से जवानों की मुठभेड़ हुई थी। इसमें वरुण गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। उसे दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहां संडे की देर रात इलाज के दौरान वरुण की सांस थम गई। सोमवार की सुबह सीआरपीएफ के एक जवान ने वरुण के परिजनों को खबर दी कि उनकी आंखों का तारा अब इस दुनिया में नहीं रहा।

इकलौता और दुलारा था वरुण

किसान सुरेश तिवारी का बेटा वरुण सीआरपीएफ में भर्ती हुआ तो पिता के साथ ही मां मिथिलेश कुमारी और बहन सोनिका, मोनी और सन्नो की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था। वरुण पिछले महीने दस दिन की छुट्टी लेकर घर आया था। इसके बाद वापस छत्तीसगढ़ चला गया। तीन बहनों के बीच इकलौता भाई वरुण परिवार का दुलारा था। सोमवार सुबह उनके शहीद होने की खबर चचेरे भाई ने बताई तो मां बेसुध हो गई। कुछ ही देर में उनके घर गांव वालों का तांता लग गया। जिनके चेहरे पर फक्र और गम साफ नजर आया।

वरुण की शादी की तैयारी में थे परिजन

सीआरपीएफ में भर्ती होने के बाद भी वरुण ने पढ़ाई नहीं छोड़ी थी। क्8 साल की उम्र में उसने नौकरी की राह चुनी तो भविष्य को संवारने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय में दाखिला भी ले लिया। इस साल वरुण बीए द्वितीय वर्ष का छात्र था। परिजनों ने बताया कि वरुण की बड़ी बहनों सोनिका और मोनी की शादी हो चुकी है। सन्नो अभी छोटी है। घरवाले बीए की पढ़ाई पूरी होने पर वरुण की शादी करने के बारे में भी सोच रहे थे, पर बेटे की शहादत ने उनके कई अरमानों पर पानी फेर दिया।

सीआरपीएफ के डीआइजी डीके त्रिपाठी ने बताया कि शहीद का शव विमान से बनारस लाया जाएगा। जहां से ग्रुप सेंटर पडि़ला फाफामऊ आएगा। फिर मंगलवार सुबह शव लेकर जवान घर जाएंगे और राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी।