-सेंट्रल गवर्नमेंट से एनओसी और एसपीवी गठन जैसे अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

-काम हो चुका है शुरू लेकिन अब तक प्रोजेक्ट को नहीं मिली नीति आयोग से हरी झंडी

KANPUR: फ्राईडे को लखनऊ में होने वाली चीफ सेक्रेटरी की मीटिंग में कानपुर मेट्रो का मामला गूंजेगा। जिसमें सेंट्रल गवर्नमेंट से एनओसी के अलावा एसपीवी गठन सहित आदि मुद्दे होंगे। इस मीटिंग में फाइनेंस, अरबन डेवलपमेंट, हाउसिंग सहित अन्य मिनिस्ट्री के प्रमुख सचिव के होने की वजह से कम से कम एसपीवी के गठन का मामला सुलझने के आसार है।

स्टेट से मिला 50 करोड़ का बजट

चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव व सेंट्रल अरबन डेवलपमेंट मिनिस्टर वेंकैया नायडू 4 अक्टूबर को कानपुर मेट्रो वर्क का शिलान्यास कर चुके हैं। इसके साथ पॉलीटेक्निक में मेट्रो डिपो के लिए बाउन्ड्रीवॉल बनाने व लैंड डेवलपमेंट का काम शुरू हो गया है। हालांकि कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को सेंट्रल गवर्नमेंट से एनओसी नहीं मिली है। पिछले दिनों पुरातत्व विभाग, लखनऊ के अफसर कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का निरीक्षण कर चुके हैं। केडीए उन्हें मेट्रो प्रोजेक्ट की डिटेल भेज चुका है। इसके साथ ही नीति आयोग से भी अभी तक इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी नहीं मिली है। न ही सेंट्रल गवर्नमेंट से इस प्रोजेक्ट को बजट मिला। हालांकि स्टेट गवर्नमेंट कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ का बजट दे चुकी है। कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट में फंडिंग को लेकर यूरोपियन इंवेस्ट बैंक और जापानी बैंक जाइका की टीम कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का निरीक्षण कर चुकी है। कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की जिम्मेदार संभाल रहे लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी कुमार केशव पहले ही कह चुके हैं फिलहाल बजट की कोई समस्या नहीं है।

दो महीने बाद भी एसपीवी नहीं बनी

पर कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के शिलान्यास के करीब दो महीने के बाद भी अभी तक स्पेशल परपज व्हीकल का गठन नहीं हो सका। एसपीवी का प्रपोजल कैबिनेट में रखने के लिए कैबिनेट नोट भी तैयार हो चुका है। एसपीवी की ही देखरेख में कानपुर मेट्रो का काम होगा। साथ एसपीवी गठन के बाद कानपुर मेट्रो का बैंक एकाउंट खुलेगा, जिसमें स्टेट व सेंट्रल गवर्नमेंट से जारी किया गया बजट आएगा।

ये मामले

-कानपुर मेट्रो

-मंधना-भौंती बाईपास

-कानपुर रिंग रोड

-दादा नगर पैरलल ब्रिज

साउथ सिटी की मालरोड से कनेक्टिविटी को आरओबी,फ्लाईओवर

-जरीबचौकी फ्लाईओवर

-जीएसवीएम मेडिकल कालेज को यूनिवर्सिटी का मामला

-ट्रामा सेंटर