पोर्ट लुइस (एएनआई)। भारत का महत्वकांक्षी मून मिशन 'चंद्रयान 2' भले ही अपनी मंजिल पर पहुंचने से कुछ समय संपर्क से बाहर हो गया हो लेकिन भारत के इस प्रयास की सभी लोग सराहना कर रहे हैं। इस मिशन को लेकर भूटान के बाद मॉरीशस की प्रतिक्रिया सामने आई है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्राविंद जुगनॉथ ने शनिवार को चांद सतह पर विक्रम लैंडर उतरने के प्रयास के लिए भारत सरकार और इसरो टीम को बधाई दी है और कहा है कि दुनिया भर में भारत को इस स्पेस प्रोग्राम के जरिए एक नई पहचान मिल गई है।

चंद्रयान-2 के लिए भूटान के प्रधानमंत्री ने की इसरो की सराहना, कहा हमें भारतीय वैज्ञानिकों पर गर्व

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को मिली एक नई पहचान

इसके साथ प्रविंद ने यह भी कहा है कि मॉरीशस इसरो टीम के साथ सहयोग के लिए तत्पर है। प्राविंद जुगनॉथ ने ट्वीट किया, 'मैं चांद के दक्षिण ध्रुव पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को उतारने के प्रयासों के लिए भारत सरकार और इसरो टीम को बधाई देना चाहता हूं। हालांकि, इस बार यह मिशन सफल नहीं हुआ लेकिन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को इसके जरिये दुनिया में एक अलग पहचान मिली है।'  बता दें कि चंद्रयान-2 शुक्रवार देर रात चांद से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर खो गया। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने यह जानकारी दी कि चांद की सतह से करीब 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर से संपर्क टूट गया है। विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हो गया था। चंद्रयान -2 ऑर्बिटर अभी भी अपनी कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।

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