- कई किमी। दूर तक के गांवों के लोग पहुंचते हैं नजदीकी मुख्य बाजार, एटीएम से होती है निराशा

- जिले के अन्य मुख्य बाजार में लगे एटीएम की भी यही हालत, कैश के लिए मारा-मारा फिर रहे कस्टमर्स

GORAKHPUR: सुदूर देहात क्षेत्र तक व्यवसाय विस्तार के लिए अधिकतर बैंकों ने मुख्य बाजारों में अपने ब्रांचेज खोल लिए हैं। कस्टमर्स को सुविधा देने के नाम पर ब्रांच में ही एटीएम की सुविधा भी दे दी। इतना ही नहीं, इन पर 24 ऑवर सर्विस का बोर्ड भी चिपकाना भी नहीं भूले। कुछ दिन तक तो सबकुछ ठीक ठाक रहा लेकिन बैंक चलते ही उसका एटीएम चलना बंद हो गया। अब हालत यह है कि अधिकतर बैंक के एटीएम 'नो सर्विस' की स्थिति में हैं। सोमवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर्स ने जिले के मुख्य बाजारों में लगे एटीएम का रियलिटी चेक किया। अधिकतर एटीएम पर ताले लटके थे। कुछ ही एटीएम चालू स्थिति में मिले। जहां कड़ी धूप में लंबी कतार में लगकर कस्टमर्स कैश के लिए वेट करते नजर आए।

एटीएम की यह हालत

बैंकों की भीड़ कम करने और ग्राहकों को अधिक सुविधा देने के लिए देहात क्षेत्र के मुख्य बाजारों में एटीएम लगाए गए थे। शुरू-शुरू में सब ठीक रहा। मुख्य बाजारों में एटीएम खुलने से एक उत्साह सा माहौल हो गया था। लेकिन, जल्द ही बैंक इस दिशा में उदासीन हो गया। अब हालत यह है कि अधिकतर एटीएम पर सिर्फ बोर्ड पर ही 24 ऑवर सेवा उपलब्ध है। शटर पर कुछ और ही बोर्ड लगा है। कहीं तकनीकी खराबी है। कहीं कैश नहीं है। कहीं बिजली आने पर ही एटीएम चलता है तो कहीं बैंक खुलने पर ही एटीएम भी खुलता है। बैंक बंद होने पर एटीएम भी बंद हो जाता है। इस तरह की व्यवस्था होने के कारण एक बार फिर कस्टमर्स की पूरी भीड़ बैंक पर ही डिपेंट हो गई है। दर्जनभर एटीएम में महज एक-दो एटीएम ही चालू हालत में हैं।

बैंक की यह हालत

देहात क्षेत्र के मुख्य बाजार में ही बैंक के ब्रांचेज हैं। इनसे कई-कई किमी। दूर तक के गांवों के कस्टमर्स जुड़े हैं। एटीएम बंद होने के कारण सभी कस्टमर्स फिर से बैंक पर डिपेंड हो गए हैं। लेकिन, बैंक में ग्राहक सुविधाएं और भी बदतर हैं। कहीं एक तो कहीं दो काउंटर पर ही जमा-निकासी का काम होता है। ऐसे में दर्जनों गांवों से पहुंचे सैकड़ों कस्टमर्स को डील करने में कर्मचारियों के पसीने छूट जाते हैं। इधर, कस्टमर्स भी लंबी कतार में लगे-लगे कई घंटे बाद काउंटर तक पहुंच पाते हैं। शाम तक रुपए मिल भी जाए तो बाजार के लिए समय नहीं रहता। कई बार तो दोपहर में ही कैश खत्म हो जाता है और बाकी लोगों को लौट जाना पड़ता है। कस्टमर्स देहात एरिया में बैंकों की इस व्यवस्था से खिन्न हैं।

यहां इस हाल में मिले एटीएम

भटहट: यहां चार बैंकों के एटीएम हैं। सोमवार को दो एटीएम बंद रहे। जबकि पीएनबी और एसबीआई के एटीएम बैंक के साथ ही बंद हो जाते हैं। सोमवार को पीएनबी के एटीएम में कैश ही नहीं था जबकि एकमात्र खुले एसबीआई के एटीएम पर कस्टमर्स की लंबी लाइन लगी थी।

उरुवा बाजार : यहां चार बैंकों के एटीएम हैं। क्षेत्र में सबसे अधिक कस्टमर्स एसबीआई के हैं लेकिन बैंक का एटीएम कई महीने से बंद है। शाखा प्रबंधक बंद होने का स्पष्ट कारण नहीं बता पाए।

गोला बाजार : यहां कुल 9 एटीएम हैं लेकिन मात्र 2 एटीएम ही चालू स्थिति में मिला। क्षेत्र के जानीपुर, डेईडीहा, झूमिला आदि एरिया के लोग यहां कैश के लिए पहुंचते हैं।

करेंसी नोट के अभाव में एटीएम बंद है। नोट उपलब्ध होते ही एटीएम खोल दिया जाएगा।

- केएस गुंजयाल, शाखा प्रबंधक, स्टेट बैंक, गोला

एटीएम में कुछ समस्या है, उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

- गुरु प्रसाद, शाखा प्रबंधक, एसबीआई, उरुवा बाजार

बोले कस्टमर्स

अक्सर पैसे की जरूरत पड़ती है। ग्राहक भी इस भरोसे आते हैं कि एटीएम से पैसा निकालकर खरीदारी कर लेंगे लेकिन पैसा नहीं मिलने से वापस हो जाते हैं। एटीएम बंद होने से हम लोगों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।

- शत्रुघ्न कसौधन, व्यवसायी

खेती का समय है। खाद-बीज के लिए पैसे की जरूरत है लेकिन जब भी एटीएम पर जाता हूं, बंद मिलता है। कैश होते हुए भी काम नहीं हो पा रहा।

- विजय प्रकाश, मेहड़ा निवासी

हर बार इस उम्मीद से पैसा निकालने जाते हैं कि आज एटीएम खुला होगा और पैसा मिल जाएगा। लेकिन अक्सर एटीएम बंद रहता है। खुला भी मिला तो कैश नहीं रहता।

- आलोक राय, गोपलापुर निवासी

एटीएम का रहना और न रहना बराबर है। इससे कोई लाभ नहीं मिल पा रहा। अब भी बैंक में लाइन में लगकर ही पैसा निकालना पड़ रहा है।

- सुधानंद शुक्ला, चिट्ठेपार निवासी