- सीएम के मोहल्ले के साथ ही चौरहिया गोला में भी हालात खराब

- काफी इंतजार के बाद बनाई गई थीं रोड, फिर से बिगड़ गई

GORAKHPUR:

सीएम सिटी होने के बाद भी यहां के लोगों को टूटी-फूटी सड़कों पर चलने की नियति बनती जा रही है। सिटी की कई सड़के बजट के अभाव में वर्षो तक जर्जर स्थिति में पड़ी रहीं, जब बजट आया और रोड बन गई तो अंडर ग्राउंड केबल बिछाने के नाम पर फिर सड़क तोड़कर छोड़ दी गई। यह हालत सिटी के कई मोहल्लों की तो है ही, खुद सीएम के मोहल्ले में भी यही हालात हैं।

पिछले महीने ही बनी थी सड़कें

नगर निगम के जिम्मेदारों ने काफी मशक्कत के बाद किसी तरह रोड का प्रस्ताव पास कराया। लाखों रुपए खर्च कर जिम्मेदारों ने रोड बनवाई। इसमें भी कई बार पेंच फंसे और रोड का काम अटक गया। जैसे-तैसे करके पिछले महीने ही इन दोनों रोड्स का वर्क कंप्लीट हुआ, मगर इसके बनते ही एक बार फिर रोड पर मुसीबत आ गई और यह सड़क बिजली विभाग की अंडर ग्राउंड केबलिंग स्कीम की भेंट चढ़ गई। रोड को खोदकर अंडर ग्राउंड केबलिंग की जा रही है और केबल डालने के बाद सिर्फ इसमें मिट्टी पाटकर जिम्मेदार आगे निकल जा रहे हैं।

कई वर्ष बाद ठीक हुई थी रोड

बरसों से टूटी पड़ी इन रोड का सालों के बाद नंबर आया था। चौरहिया गोला से लेकर इस्माईलपुर तक बनी रोड करीब नौ साल पहले बनाई गई थी, जबकि गोरखनाथ की रोड का नंबर भी दस साल के बाद आया है। दोनों ही रोड को बनाने में काफी दिक्कतें भी आई और इन्हें बनाने में वक्त भी लगा, लेकिन जिम्मेदारों ने 10 साल बाद ठीक हुई रोड को 10 दिन में ही खोदकर रख दिया।

कॉलिंग

करीब नौ साल के बाद यह रोड बनाई गई थी, मगर बनने के एक महीने बाद ही इसको फिर से खोद डाला गया। अब देखें कि इसका नंबर कब आता है।

- विशाल गुप्ता, इस्माईलपुर

रोड बनाने में जिम्मेदारों ने काफी वक्त लगाया, लेकिन इसे तोड़ने में पल भर भी नहीं लगा। इसकी वजह से फिर से दिक्कत हो गई है।

- लक्की शर्मा, इस्माईलपुर

वार्ड की रोड काफी जमाने के बाद बनी थी। बनने के दौरान भी कई महीने तक तो सिर्फ गिट्टी डालकर छोड़ दी गई थी, लेकिन इसके बाद चंद दिनों में ही पूरी रोड खोद दी गई।

- मोहम्मद नौशाद, गोरखनाथ

रोड को बनने में 10 साल का वक्त लग गया, लेकिन जिम्मेदारों ने 10 दिन में ही इसकी हालत खराब कर दी। एक सीजन क्या, एक महीने भी लोग इस रोड का इस्तेमाल नहीं कर सके।

- सोनू, गोरखनाथ

वर्जन

पुराना गोरखपुर में मेरे काफी प्रयास के बाद रोड बनाई गई। मगर बिजली विभाग ने इसे खोद दिया। हमने विरोध किया तो वह लेटर दिखाने लगे, जिसकी वजह से हमें पीछे हटना पड़ा।

- विजयराज सिंह, पार्षद, पुराना गोरखपुर

रोड जब खोदी जा रही थी तो मुकामी लोगों के साथ मैंने भी इसका विरोध किया था, लेकिन उन्होंने शासन का आदेश और रोड कटिंग टैक्स का पेपर दिखाया। जिसकी वजह से हमें पीछे हटना पड़ा।

- मंजूर आलम, पार्षद, इस्माईलपुर