- मेरे कहने पर भी कभी नहीं करने दिया धरना प्रदर्शन

- दलितों का नहीं, मायावती का व्यक्तिगत मामला

LUCKNOW: बहुजन समाज पार्टी से बगावत करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती ने दलितों नहीं, बल्कि खुद पर हुई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर राजधानी में प्रदर्शन कराया। पिछले साढ़े चार साल के दौरान दलितों के उत्पीड़न के किसी भी मामले में वे नहीं बोलीं। कई बार मैंने उनसे धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी तो उन्होंने मना कर दिया। खुद का अपमान हुआ तो धरने के जरिए गाली के बदले गाली देने का सिलसिला शुरू हो गया। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है। अच्छा होता कि राजनैतिक दल जनहित के मुद्दों के लिए आंदोलन करते, ना कि व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए।

तानाशाह बन रहे बेलगाम नेता

मौर्य ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ बेलगाम नेता तानाशाह बनते जा रहे हैं। निजी मामले को लेकर धरना-प्रदर्शन कराके एक गाली के बदले चार गाली दी गयीं। इससे बहुजन समाज पार्टी निंदा का पात्र बन गयी है। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय नाम से रैलियों का आयोजन महज नाटकबाजी है। सच यह है कि इस मामले पर वह बैकफुट पर आ चुकी हैं, इसलिए उन्हें आनन-फानन में दिल्ली से लखनऊ आना पड़ा। वहीं नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाले जाने पर बोले कि वे किसी भी 'कुर्कअमीन' को पार्टी से बाहर नहीं करेंगी। इससे उनकी आमदनी के रास्ते बंद हो जाएंगे। वहीं नसीमुद्दीन द्वारा खुद को कूड़ा-करकट बताने वाले बयान पर कहा कि फिर तो बसपा का पूरा विधानमंडल दल ही कूड़ा-करकट था क्योंकि मैं उनका नेता था। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि कूड़े से बनने वाली बिजली एक झटके में सबको जला कर राख कर देती है।

मंडलवार बैठकों का सिलसिला शुरू

गोमतीनगर के एक निजी कॉलेज में पश्चिमी उप्र और बुंदेलखंड के कार्यकर्ताओं की बैठक संबोधित करने के बाद मौर्य ने कहा कि लोकतांत्रिक बहुजन मंच के तत्वावधान में आगामी 22 सितंबर को रमाबाई अंबेडकर स्थल पर आयोजित रैली को सफल बनाने के लिए वे 20 अगस्त से पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे। सोमवार को गोमतीनगर में लखनऊ मंडल के कार्यकर्ताओं की बैठक भी बुलाई गयी है जिसमें रैली की तैयारियों पर चर्चा होगी। उन्होंने दावा किया कि 22 सितंबर को होने वाली रैली मील का पत्थर साबित होगी। करीब 54 फीसद पिछड़ा वोट बैंक का मायावती व अन्य दलों ने जिस तरह से दुरुपयोग किया, उसका जवाब रैली में दिया जाएगा।