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LUCKNOW: बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा के घोषणा पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस तरह पिछले लोकसभा चुनाव में जनता को छलने व गुमराह करने का प्रयास किया था, ठीक उसी प्रकार से एक बार फिर घोषणा पत्र के माध्यम से बरगलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। घोर चुनावी वादाखिलाफी व जनता से विश्वासघात करने वाली बीजेपी व मोदी सरकार को नया घोषणा पत्र जारी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। सबसे पहले उन्हें जनविश्वासघात के लिये जनता से माफी मांगनी चाहिये क्योंकि उन्होंने 5 साल में केवल धन्नासेठों के लिए ही काम किया।

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने जब अपने दो संकल्प पत्रों के वादे नहीं निभाए तो अब तीसरे पर कौन विश्वास करेगा। भाजपा लोगों का ध्यान हटाने में माहिर है। उसका काम समाज में नफरत फैलाना है। जो पहले चायवाला था अब खुद ही चौकीदार बन गया है। कई उद्योगपति बैंकों की लंबी रकम लेकर विदेश भाग गए, चौकीदार देखता ही रह गया। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने इसे संकल्प पत्र की जगह छलावा पत्र करार देते हुए कहा कि अच्छा होता कि भाजपा पिछले चुनाव के अपने घोषणापत्र का जिक्र करती कि पांच साल के कार्यकाल में क्या दो करोड़ प्रतिवर्ष के हिसाब से दस करोड़ युवाओं को रोजगार मिला। किसानों की आय दोगुनी हुई, 15 लाख बैंक खाते में आये, सौ स्मार्ट सिटी बनीं। साथ ही नोटबंदी व जीएसटी के नतीजे पर भी विस्तृत रिपोर्ट देते।