एमएलएन मेडिकल कॉलेज में सामने आया सनसनीखेज मामला, सीएम तक पहुंची शिकायत

डीजीएमई ने कहा, कराएंगे पूरे मामले की जांच

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ALLAHABAD/LUCKNOW (27 Feb): एमडी की पढ़ाई कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स प्रोफेसर के घर में पर्सनल काम करने को मजबूर हैं। यह सनसनीखेज आरोप लगता है मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एड हॉक पर तैनात बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ। एडी तिवारी पर। छात्रों ने इसकी लिखित शिकायत ऊपर तक पहुंचा दी है। डीजी एमई ने इस पत्र को संज्ञान ले लिया है। उन्होंने कहा है कि जांच कराई जाएगी और मामला सच साबित हुआ तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

साल में दो-चार क्लास ही लेते हैं

शिकायती पत्र में छात्रों ने आरोप लगाया है कि वह कॉलेज में क्लास लेने तो साल में मात्र 2 से 4 दिन ही आते हैं। लेकिन, स्टूडेंट्स को अपने घर बुलाकर झाडू़ लगवाना, चाय नाश्ते का इंतजाम करना, ट्रेन रिजर्वेशन का खर्च भी कराते हैं। पीजी (एमडी) की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर्स ने लिखित शिकायत सीएम, केजीएमयू वीसी, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया सहित अन्य से की है।

जमा कराए 10-10 हजार रुपए

एमडी की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स डॉ। मनोज कुमार वर्मा, डॉ। प्रिंस पारीक, डॉ। प्रिया शर्मा ने शिकायत में कहा है कि परीक्षा से पूर्व बिना विभागाध्यक्ष को सूचित किए परीक्षक बदल दिए गए और परीक्षा से पहले छात्रों से 10-10 हजार रुपए लिए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसके बाद और रुपयों की मांग रखी जो पूरा न कर पाने पर एग्जाम में देख लेने की धमकी दी गई।

नहीं हुई कोइर् कार्रवाई

शिकायती पत्र में कहा गया है कि प्रयोगात्मक परीक्षा 25 जून को हुई थी। जिसके बाद मामले की शिकायत उन्होंने अपने विभागाध्यक्ष डॉ। अनुभा श्रीवास्तव को 26 जून व प्रिंसिपल डॉ। एसपी सिंह को 27 जून को दी। इस पर आश्वासन दिया गया कि जल्दी ही डॉ। एडी तिवारी को बुलाकर बात की जाएगी लेकिन, कोई कार्रवाई नहींं की गई।

दोबारा एग्जाम कराने की मांग

स्टूडेंट्स ने कहा है कि डॉ। तिवारी एग्जाम रिजल्ट पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए परीक्षा परिणाम उनकी सुनवाई के पूर्व घोषित न किया जाए और परीक्षा एडी तिवारी की अनुपस्थिति में अन्य परीक्षकों द्वारा दोबारा कराई जाए।

नहीं दिया जवाब

मामले में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने डॉ। एडी तिवारी को उनके मोबाइल (97942382) पर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन काट दिया। बाद में दोबारा उनके स्टूडेंट ने फोन रिसीव किया और कहा कि वह बिजली हैं। एचओडी डॉ। अनुभा श्रीवास्तव ने कहा कि इस बारे में प्रिंसिपल से ही बात करें तो ठीक रहेगा।

अटेंडेंस जरूरी कर दी गई है। मामला गंभीर है, इसकी इसकी जांच की जाएगी और प्रिंसिपल से जवाब तलब किया जाएगा।

-डॉ। केके गुप्ता,

डीजीएमई