- प्राधिकरण ने रोका अगस्त में होने वाला 617 प्लॉटों का आवंटन

- डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाले के कारण अटका मामला

- सभी प्लॉट्स की फिजिकल रिपोर्ट बनाने के दिए आदेश

- आई नेक्स्ट ने उजागर किया था डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाला

- एमडीए को लगेगा करीब 300 करोड़ रुपए फटका

Meerut : डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाले के चलते सिटी के बीच खली पड़े प्लॉट्स के ऑक्शन पर भी संकट है। फिलहाल प्राधिकरण ने अगस्त का ऑक्शन टाल दिया है। अब ये ऑक्शन कब होगा, कुछ भी डिसाइड नहीं है., लेकिन ये तय है कि प्राधिकरण ने जो गलती डिफेंस एंक्लेव में की थी वो इस ऑक्शन में बिल्कुल दोहराई नहीं जाएगी। ऑक्शन से पहले सभी प्लॉट्स का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया जाएगा। गौरतलब है कि आई नेक्स्ट ने डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाले को पुरजोर तरीके से उजागर किया था। 8 अगस्त यह मामला चीफ सेक्रेटरी के सामने भी रखा जा सकता है।

अब नहीं होगा ऑक्शन

डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाले ने ऐसा तूल पकड़ा कि अब प्राधिकरण के नए ऑक्शन करने में पसीने छूटने लगे हैं। इसका नया उदाहरण सामने भी आ गया है। प्राधिकरण ने म्क्7 नए प्लॉट के ऑक्शन पर हाथ खींच लिए हैं। प्राधिकरण के अनुसार डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाले को निपटाने के बाद ही कोई नया ऑक्शन किया जाएगा। ये तमाम प्लॉट सिटी में मौजूद आवासीय कॉलोनीज के आसपास ही है। अब जब ऑक्शन को टालने की बात आ गई है, तो ये प्लॉट कहां-कहां है इस बारे में बताने से प्राधिकरण के अधिकारी बच रहे हैं।

तो ये है अंदर की बात

प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक इन तमाम प्लॉट्स की फिजिकल रिपोर्ट बनवाई जा रही है। सभी संबंधित जोन के अधिकारियो को इन प्लॉट मौजूदा स्थिति के बारे में पता लगाने के लिए कहा गया है। क्या वो प्लॉट मौके पर है या नहीं? अगर है तो नक्शे के हिसाब उसकी पैमाइश पूरी है या नहीं? अगर अवैध निर्माण है तो कब से है और किसने किया? इन तमाम जानकारियों के साथ एक पुख्ता रिपोर्ट बनाने को कहा है। ताकि आगे कोई ऑक्शन हो तो डिफेंस एंक्लेव जैसे लू पोल सामने न आ सके।

पहले नहीं हुई पैमाइश

डिफेंस एंक्लेव में ऑक्शन करने से पहले या पहले हुए प्लॉट ऑक्शन से पहले किसी भी प्लॉट की फिजिकल रिपोर्ट नहीं बनाई गई थी। जिसके कारण ही डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाला उजागर हुआ। वैसे प्राधिकरण अधिकारियों ने नक्शे के साथ पूरे डिफेंस एंक्लेव की पैमाइश करने के आदेश कर दिए हैं। ताकि पता लग सके कि इस मामले में चूक कहां हुई।

आखिर कौन है वो चोर?

कंकरखेड़ा और बाइपास के आसपास भू-माफियाओं ने लैंड पर कब्जा कर प्लॉटिंग और हाई-राइज बिल्डिंग्स खड़ी कर दी हैं, जिस पर प्राधिकरण का कोई ध्यान नहीं गया। न ही प्राधिकरण कोई अधिकारी इस एंगल पर काम कर रहा है। गौरतलब है कि मेरठ में करीब ख्भ्0 से अधिक अवैध कॉलोनीज हैं, जिन पर प्राधिकरण ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ये बात और छोटे मोटे अवैध निर्माण प्राधिकरण गिराता रहा है।

आई नेक्स्ट सामने लाया था मामला

आई नेक्स्ट ही डिफेंस एंक्लेव लैंड घोटाले को सामने लेकर आया था। ख्फ् जुलाई को 'फ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड गायब' खबर प्रकाशित की गई था। मामला ये था कि प्राधिकरण ने क्7 जुलाई को भ्भ्00 स्क्वायर मीटर लैंड ऑक्शन की थी। जिसके बाद जब आवंटी डिफेंस एंक्लेव पहुंचे तो उन्हें मौके पर जमीन ही नहीं मिली। मौके पर सिर्फ दो हजार स्क्वायर मीटर ही लैंड मिली। तब जाकर मामला सामने आया। तब से आई नेक्स्ट इस खबर पर लगातार अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।

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अब तक फ्भ्0 संपत्तियों का ऑक्शन

अगर डिफेंस एंक्लेव के ऑक्शन को छोड़ दिया जाए तो पिछले चार महीने में एमडीए करीब फ्भ्0 संपत्तियों का ऑक्शन कर चुका है, जिससे प्राधिकरण म्0 करोड़ रुपए इंस्टॉलमेंट के मिल चुके हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों ने माने तो पिछले जितने भी ऑक्शन हुए वो पूरे क्लीन हुए है। उनमें किसी तरह की कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है। प्राधिकरण की बेकार पड़ी लैंड को ऑक्शन करने का मकसद यही था कि प्राधिकरण की कुछ आय हो सके। ताकि आने वाले समय में जो डेवलपमेंट वर्क कराने है वो पूरे हो सके।

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करीब फ्00 करोड़ का फटका

डिफेंस एंक्लेव लैंड मिसिंग मामले के उजागर होने से घबराए प्राधिकरण भले ही म्क्7 प्लॉट के आवंटन पर रोक लगा दी हो, लेकिन ऐसा करने से करीब फ्00 करोड़ रुपए का फटका लगा है। इस अच्छी खासी रकम से कई रुके हुए प्रोजेक्ट्स पर काम हो सकता था।

वर्जन

जिन प्लॉट्स का ऑक्शन अगस्त में होना था, उनकी फिजिकल रिपोर्ट बनाने के लिए कह दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही उन प्लॉट की नीलामी की जाएगी, उससे पहले नहीं। वहीं डिफेंस एंक्लेव पर प्राधिकरण अपनी ओर कार्रवाई जारी रखे हुए है। समय आने पर बताया जाएगा।

- राजेश कुमार, वीसी, एमडीए