- गंगानगर एक्सटेंशन की 208 बीघा जमीन पर किसानों का कब्जा

- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एमडीए नहीं ले पाया कब्जा

Meerut: जिस भूमि पर एमडीए ने कभी अपनी आवासीय योजना बसाने का सपना संजोया था, आज उसी जमीन पर किसानों की आलू की फसल लहलहा रही है। ऐसा तो तब है जब एमडीए उस जमीन पर प्लाट काट चुका है और आवंटी अपने प्लाटों पर कब्जे के लिए पिछले कई सालों से एमडीए के चक्कर काट रहे हैं।

एमडीए की टेंशन

मवाना रोड स्थित गंगानगर में एमडीए ने अपनी गंगानगर एक्सटेंशन योजना बसाने का खाका तैयार किया था। योजना के लिए एमडीए ने किसानों से ख्ब्म् बीघा जमीन अधिग्रहण की थी और उसमें प्लाटिंग कर दी थी। लेकिन तब से आज तक उस जमीन को वहां के किसान ही जोतते आ रहे हैं।

कोर्ट के आदेशों पर भी कब्जा नहीं

जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे किसानों और एमडीए के मुकदमें में भी कोर्ट का निर्णय प्राधिकरण के पक्ष में आया था। जिसको लेकर एमडीए बामुश्किल ब्ख् बीघा जमीन पर ही कब्जा ले पाया था। अब चूकिं कोर्ट के निर्णय को भी दो साल से अधिक का समय हो गया है। बावजूद इसके एमडीए जमीन पर कब्जा नहीं ले पाया है।

आवंटी काट रहे चक्कर

एमडीए ने इस जमीन की यू और एक्स पॉकेट में भ्ख्फ् प्लाट काटे थे, जिसको बाकायदा आवंटियों को भी बेच दिया गया था। अब किसानों ने तो जमीन से कब्जा छोड़ा नहीं, आवंटी बेचारे अपना करोड़ो रुपया योजना में लगाकर फंस गए। एमडीए की इस योजना में फंसे आवंटियों को न तो प्लॉट ही मिल पाए और न ही अपने पैसे।

किसानों ने मांगा बढ़ा हुआ मुआवजा

किसानों का कहना है कि जब तक एमडीए शताब्दीनगर के मुताबिक म्90 रुपए के बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान नहीं करता तब तक कब्जा नहीं छोड़ा जाएगा।

जमीन पर कब्जे को लेकर किसानों से वार्ता की जा रही है। किसानों से बात कर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। किसान नहीं मानें तो जमीन पर जबरन कब्जा लिया जाएगा।

राजेश यादव, वीसी एमडीए