- एमडीए अधिकारियों ने दर्ज कराया था सिविल लाइन थाने में मुकदमा

-एमडीए अधिकारियों के साथ हुई थी बदसलूकी

मेरठ : सिविल लाइन पुलिस ने एमडीए अधिकारियों के साथ बदसलूकी करने वाले एमडीए कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। एसएसआई सिविल लाइन धनवीर सिंह का कहना है कि कर्मचारी नेता सुशील त्यागी व बलराम को गिरफ्तार कर लिया गया है।

क्या है मामला

शनिवार को मेरठ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने एमडीए उपाध्यक्ष वीसी योगेंद्र यादव का घेराव करके हंगामा किया था। एमडीए अधिकारियों के साथ बदसलूकी भी की थी। एमडीए के अपर सचिव बैजनाथ ने सिविल लाइन थाने में पांच कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। रविवार को सिविल लाइन पुलिस ने एमडीए कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष सुशील त्यागी व बलराम को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया।

सिविल लाइन थाने में हंगामा

सिविल लाइन पुलिस ने जैसे ही कर्मचारी संघ के नेता सुशील त्यागी को गिरफ्तार किया तो आनन फानन में काफी संख्या में एमडीए कर्मचारी सिविल लाइन थाने पहुंचे। सिविल लाइन पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। पुलिस ने आनन-फानन में सुशील त्यागी को कोर्ट में पेश किया। जिसके चलते दिनभर सिविल लाइन थाने में हंगामा होता रहा।

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कर्मचारी नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध

-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी से कर्मियों में उबाल

-एमडीए कर्मचारी आज बैठक कर तय करेंगे विरोध की रणनीति

मेरठ: रविवार को एमडीए कर्मचारी संघ अध्यक्ष सुशील त्यागी और मेट बलराम की गिरफ्तारी के विरोध में प्राधिकरण के कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। सोमवार को बैठक कर कर्मचारी प्राधिकरण उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव के विरोध की रणनीति तय करेंगे। कर्मचारी नेताओं की गिरफ्तारी से बदला माहौल था। यह पहला मौका रहा, जब विरोध प्रदर्शन पर कर्मचारी नेता गिरफ्तार हुए।

महंगा पड़ा प्रदर्शन

शुक्रवार को मेरठ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सुशील त्यागी के नेतृत्व में कर्मी प्राधिकरण उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव से मिले थे। कर्मियों का आरोप था कि इस दौरान वीसी ने अभद्रता करते हुए कर्मियों को केबिन से बाहर निकाल दिया, शनिवार को इसी मामले में सभी कर्मचारियों ने बैठक की। इसके बाद एमडीए वीसी के कक्ष में ही कर्मचारी घुस गए। उपाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार, मनमानी करने, कर्मियों की अनदेखी करने समेत अनेक आरोप लगाते हुए हंगामा किया।

ये है मामला

गौरतलब है कि एमडीए में कर्मियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में यूनियन अपना दखल बनाना चाहती है जबकि वीसी इसे अपने अधिकारों का हनन मानते हैं। यहां कर्मियों के निजी हितों को लेकर भी टकराव माना जा रहा है। बहरहाल, प्राधिकरण में अभी माहौल और गरमाने के आसार नजर आ रहे हैं।