एमडीए ने शुरू की कवायद, सूची बनाकर डीएम को सौंपी जाएगी

Meerut। मेरठ विकास प्राधिकरण मेरठ में अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को बनाने वाले बिल्डर्स को 'भवन माफिया' घोषित करेगा और इनकी सूची डीएम को सौंपेगा। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन विभाग में बड़ा फेरबदल करते हुए जोनल अधिकारियों और जूनियर इंजीनियरों के तबादले किए हैं।

जारी होगी सूची

एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि मेरठ में बिल्डर्स एकल आवासीय मैप पास कराकर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर रहे हैं। आम खरीदार का यह नहीं मालूम होता है कि वे जिस फ्लैट या मकान का खरीद रहे हैं, वो वैध है या अवैध। ऐसे में खरीददार फंस जाता है और अपने जीवन की गाढ़ी कमाई एक अवैध इमारत को खरीदने में खर्च कर देता है। प्राधिकरण अब ऐसे निर्माणों को चिह्नित करेगा और उसकी लिस्ट बनाएगा। ऐसे बिल्डर्स की लिस्ट बनाकर प्राधिकरण उन्हें भवन माफिया घोषित करेगा और कार्रवाई के लिए लिस्ट जिलाधिकारी को सौंपेगा। एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि अवैध प्लाटिंग करने वाले, ऐसे बिल्डर जो तय क्षेत्र से अधिक में प्लाटिंग कर देते हैं और मिलीभगत कर अवैध निर्माण करते हैं। ऐसे बिल्डर्स को भी भवन माफिया की सूची में शामिल किया जाएगा।

जोनल अधिकारी बदले

प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बुधवार बड़ी कार्रवाई करते हुए जोनल अधिकारियों के तबादले किए हैं। जोन डी के जोनल अधिकारी धीरज कुमार सिंह को जोन बी का जिम्मा दिया गया है। अभी तक जोन बी के जोनल अधिकारी अधिशासी अभियंता एके सिंह थे। जोन ए के जोनल अधिकारी करनवीर सिंह के बुधवार रिलीव होने के बाद उनके स्थान पर अधिशासी अभियंता राजीव कुमार सिंह को जोन ए जोनल अधिकारी बनाया गया है। एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि सालों से प्रवर्तन विभाग में जमे जूनियर इंजीनियरों को हटाया गया है और उनके स्थान पर तेजतर्रार जूनियर इंजीनियरों को प्रवर्तन विभाग में तैनाती दी गई है। जूनियर इंजीनियर ओमपाल सिंह, सोमेंद्र प्रताप सिंह, महादेव शरण और पवन कुमार शर्मा को प्रवर्तन से मानचित्र विभाग में भेजा गया है।

4 माह का सीलिंग का ब्योरा तलब

एमडीए उपाध्यक्ष ने बुधवार को अवैध निर्माण के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में गत 4 माह का ब्योरा जोनल अधिकारियों से तलब किया है। उपाध्यक्ष ने अपने आदेश में कहा है कि यदि सीलिंग के बाद भी किसी इमारत में निर्माण हुआ है संबंधित क्षेत्र के जोनल अधिकारी से लेकर जूनियर इंजीनियर से जबाव तलब होगा। निर्माण से यदि सील हटी है तो किसके आदेश पर हटी, इसकी भी पड़ताल एमडीए वीसी कराएंगे। वीसी ने जोनल अधिकारियों से अवैध निर्माण पर की गई कार्रवाई की फाइलें तलब की हैं।