BAREILLY: नवादा शेखान की अनुपम अब इस दुनिया में नहीं है। उसका शरीर अंतिम संस्कार के बाद राख में तब्दील हो गया है। सिर्फ उसकी यादें भी बची हैं। पति, सास और एक लड़की ने मिलकर मिट्टी का तेल डालकर उसकी हत्या कर दी थी, लेकिन हत्या से पहले ही अनुपम ने अनहोनी की आशंका जता दी थी। वह 8 अक्टूबर ख्0क्ब् को ए-म् साइज के दो पेज में अपने साथ हुए जुल्मों की पूरी दास्तां लिखकर चली गई। अनुपम ने जो दास्तां लिखी है उसे पढ़कर हर किसी की रूह कांप जाए। शायद ही कोई होगा जिसकी आंख से दास्तां पढ़ने के बाद आंसू न छलके। लेटर में लिखी कुछ बातें ऐसी भी हैं जिसे हम नहीं लिख सकते हैं। आइए बताते हैं अनुपम की दर्द भरी कहानी उसी के लेटर की जुबानी

गहनों को लेकर एलर्जी का झूठा बहाना

मैं अनुपम अपनी आप बीती इस परचे से आप सब तक पहुंचाना चाहती हूं। सभी बड़ों को नमस्ते। बरेली जिला में आंवला तहसील में उरला गांव है। उरला के ठाकुर भानुप्रताप सिंह जी की मैं बेटी हूं। हम तीन बहनें हैं और एक भाई। सभी भाई-बहन की शादी हो चुकी है। मेरे पापा डाक विभाग में थे जो रिटायर हैं। मेरी शादी सन ख्00फ् में शाहजहांपुर जिला के हरिउआ गांव के रहने वाले बरेली में रह रहे ठाकुर धर्मपाल सिंह जी के बेटे रविंद्र पाल सिंह से हुई थी जिन्हें लोग प्यार से राजू कहते हैं। हमारी शादी के कार्ड में मेरा अनुपम और पति का नाम रवि लिखा हुआ है। मेरी बारात फ्0 नवंबर को आई थी और विदा एक दिसंबर को हुई थी। मेरे पति की पहली शादी जलालाबाद के किसी गांव में हुई थी। मैं उनकी दूसरी पत्‍‌नी हूं। दहेज में पिता ने स्कूटी, ज्वैलरी, कपड़े व बहुत सामान दिया था। जो भी गहने दोनों से मिले थे उन्हें छीन लिया गया । गहनों को लेकर मैं बहाना बना देती थी कि मुझे गहने पहनने से एलर्जी हाेती है।

गौने के बाद पता चली पति की करतूत

शादी के समय से ही मेरे पति का बर्ताव कुछ अजीब सा था। मेरी सास , ननद का भी बर्ताव मेरे साथ अच्छा नहीं था। वह मेरे पति को मुझसे दूर रखती थीं। मेरे पति भी मुझसे उतना प्यार नहीं करते थे जितनी मैं उनसे उम्मीद करती थी क्योंकि उनका चरित्र गंदा था। यह बात मुझे गौना गई तब पता चली। क्क्-क्ख् दिन रहने बाद एक दिन मैंने अपने पति को कमरे में किसी लड़की के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा। यह सास ने भी देखा लेकिन मुझे ही दोषी ठहरा दिया। पति ने मुझे बेल्टों से मारा। मेरी दर्द भरी चीख मेरे मां-बाप तक नहीं पहुंच पायी क्योंकि मेरे मां-बाप मुझसे बहुत दूर थे।

सब लड़कियों की बदनामी नहीं चाहती

फिर एक दिन पति ने बताया कि लड़की से उसके नाजायज संबंध पहली पत्‍‌नी के सामने से थे। इस तरह से कई लड़कियों से मेरे पति के संबंध थे। सभी के नाम लिखूंगी तो सब लड़कियों की बदनामी होगी। मेरे ससुर का स्वभाव बहुत अच्छा था। उन्हें इस बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। मैं रहती रही, वक्त गुजरता गया। मेरे एक लड़का और लड़की दो बच्चे हुए। बच्चों की वजह से चुपचाप सब सहन करती रही। मेरे पति मुझे कभी बताकर नहीं जाते थे और न ही फोन पर बात करते थे। नाजायज सम्बन्ध रखने वाली लड़कियों की शादी के बाद मेरे पति का बर्ताव बीस परसेंट सही हो गया था।

ख्0क्फ् में आयी एक अौर लड़की

इसी बीच सन ख्0क्फ् में एक लड़की मेरे सास के ऊपर वाले कमरे में अपनी फैमिली के साथ रहने किराए पर आयी। कुछ दिन सही रहा लेकिन धीरे-धीरे मेरे पति ने उसकी लड़की से दोस्ती कर ली। उसके बाद पति ज्यादातर लड़की के कमरे में रहते थे और उसी से खाना व चाय मांगकर खाते-पीते। मेरे पति ने कई बार अपने हाथ से उस लड़की को खाना खिलाया। उस लड़की की वजह से मेरे पति का थोड़ा बहुत लगाव मुझसे खत्म हो गया। जब मैने लड़की से मिलने के लिए मना किया तो कहते थे कि तेरी जिंदगी नर्क बना दूंगा। कुत्ते की जिंदगी जिएगी तू। भिखारन बनने वाली है।

मुंह में फायर कर दूंगा

जब बच्चे चले जाते तो मेरी बेल्टों से पिटाई की जाती और कहते कि आवाज निकाली तो पापा की गन का फायर तेरे मुंह में कर दूंगा या भ्0 हजार में बदमाश लाकर तेरा कत्ल करवा दूंगा। मेरी बदमाशों से दोस्ती हो गई है। मैने अपने पति को लड़की के साथ कई बार आपत्तिजनक स्थिति में देखा तो मैंने विरोध किया मुझे घर से निकल जाने की धमकी दी गई। लड़की मेरी सास से कहती है कि इस घर के लोगों की डोर मेरे हाथ में है। मैं डोर काट दूंगी तो पतंग कटकर गिर जाए पर मैं सोचती हूं मुझे काटनी न पड़े, कट कर अपने आप गुम हो जाए। मेरी सास इस बात पर बहुत हंसती हैं।

मैं बच्चों को नहीं मिलूंगी

मेरे पति मुझे मुझे जान से मारने और तीसरी शादी करने की धमकी देते हैं। मैं क्0-ख्0क्ब् को बरेली जा रही हूं पर बहुत डर रही हूं। मेरी जान को खतरा है। मेरे मरने पर मेरे बच्चे कृष और माही मुझे बहुत ढूंढेंगे पर मैं उन्हें कहीं नहीं मिलूंगी। मैं बच्चों के लिए जीना चाहती हूं पर पता नहीं मेरे पति और वह अनुराधा मुझे जिंदा छोड़ेंगे या नहीं। मेरी आप सबसे यही विनती है कि मेरे कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इस सबमें मेरी सास भी शामिल हैं। मेरे हसबैंड शराब भी पीते हैं। मेरे पति के और मेरे फिजिकल रिलेशन भ्महीने से नहीं हुए हैं। उन्हें बरेली आकर उससे ही फुरसत नहीं मिलती है जो मुझसे कोई बात करे। शुक्रिया- अनुपम सिंह