बुधवार को वेस्ट इंडीज़ के साथ शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर यहाँ ईडन गार्डेन में आख़िरी बार मैदान पर उतरेंगे.

इसलिए अबकी यहाँ दीवाली एक सप्ताह लंबी खिंच रही है. यह कहना ज़्यादा सही होगा कि फ़ुटबाल का मक्का कहा जाने वाला कोलकाता फ़िलहाल क्रिकेट के ज्वार में डूबा है.

बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के संयुक्त सचिव सुबीर गांगुली कहते हैं, "यह सचिन का उत्सव है जो पूरे हफ्ते तक चलेगा."

यहाँ सचिन के 199वें टेस्ट को लेकर शुरू से ही जो माहौल तैयार किया जा रहा है वह अब जुनून की हद तक पहुंच गया है.

इसकी वजह से जहाँ बरसों बाद ईडन में किसी टेस्ट मैच के दौरान सभी सीटें भरी नज़र आएंगीं, वहीं हफ्ते भर तक इस महानगर में आम जनजीवन ठप होने का भी अंदेशा है.

टिकट की तलाश

सचिन के ख़ुमार में डूबा फ़ुटबाल का मक्का

अख़बारों से लेकर टीवी चैनलों और गली-मोहल्ले-चौराहे की चाय-पान की दुकानों तक बस सचिन और उनके 199वें मैच की ही चर्चा है. सचिन को लेकर मची इस दीवानगी ने स्थानीय हीरो और महाराज कहे जाने वाले सौरव गांगुली को बहुत पीछे छोड़ दिया है.

कुछ साल पहले सौरव ने जब संन्यास का एलान किया था तब यहाँ ऐसा कुछ नज़र नहीं आया था. सचिन के ज्वार में फ़िलहाल यहाँ कोई सौरव का ज़िक्र तक नहीं कर रहा है.

इस स्टेडियम में लगभग 68 हज़ार सीटें हैं लेकिन आम लोगों के लिए पांच हज़ार से कुछ ही ज़्यादा सीटें उपलब्ध हैं. टिकट नहीं मिलने से सचिन के प्रशंसकों में भारी निराशा है.

मैच के टिकट की तलाश में कोई डेढ़ सौ किलोमीटर का सफ़र तय कर ईडन पहुंचे सौरभ भट्टाचार्य कहते हैं, "आम दर्शकों के लिए कम से कम 10-12 हज़ार टिकटें तो होनी ही चाहिए थीं."

काफ़ी कोशिश करने और मोटी रक़म चुकाने के बाद एक टिकट हासिल करने वाले बारासात के दीपंकर माइती कहते हैं, "क्रिकेट के देवता को आमने-सामने देखने का मौक़ा जीवन में बार-बार नहीं मिलता."

वैसे, जिनको टिकट नहीं मिल सके हैं उनको निराश होने की कोई ज़रूरत नहीं है. बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने पूरे राज्य में 200 विशालकाय स्क्रीन लगाने का फ़ैसला किया है ताकि अधिक से अधिक लोग ईडन में सचिन के आख़िरी मैच के गवाह बन सकें.

भव्य आयोजन

सचिन के ख़ुमार में डूबा फ़ुटबाल का मक्का

सीएबी ने सचिन के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की हैं. यह पहला मौक़ा है जब किसी मैच के दौरान उसकी टिकटों पर किसी खिलाड़ी की तस्वीर छपी नज़र आएगी. ईडन में टेस्ट मैच के पांचों दिन टिकटों पर सचिन की अलग-अलग मुद्राओं वाली तस्वीर होगी.

कोलकाता में रविवार से ही सचिन के सम्मान में आयोजन शुरू हो गए हैं.

सीएबी के कोषाध्यक्ष विश्वरूप डे कहते हैं, "सचिन को देखने के लिए 65-70 हज़ार लोगों के ईडन पहुंचने की उम्मीद है. पहले दिन लोगों को सचिन का मास्क दिया जाएगा और फिर दूसरे दिन उन्हें सचिन के सम्मान में बैनर और पोस्टर दिए जाएंगे."

"मैच के तीसरे दिन सचिन के मैदान में उतरते समय ईडन के आसमान में ग़ुब्बारों के 199 गुच्छे छोड़े जाएंगे. इन ग़ुब्बारों पर सचिन की तस्वीर होगी और स्लोगन लिखे होंगे. चौथे दिन सचिन को समर्पित मशहूर लोगों के लेख वाली एक पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा."

"पांचवें दिन सचिन के सम्मान में हेलिकॉप्टर के ज़रिए आसमान से 199 किलो गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई जाएंगी. तेंदुलकर को पांच पौंड का संदेश केक भेंट किया जाएगा ताकि वह इस मैदान की मीठी यादों को अपने साथ ले जा सकें."

दीवानगी का आलम

सचिन के ख़ुमार में डूबा फ़ुटबाल का मक्का

सचिन की तस्वीर वाले सोने के सिक्के से ही इस मैच में टॉस होगा. सीएबी ने सचिन की मां और उनके परिजनों को भी न्योता देने का फ़ैसला किया है. इसके अलावा शेन वार्न, सर विवियन रिचर्ड्स, ग्लेन मैक्ग्रा और ब्रायन लारा समेत कई दिग्गज खिलाड़यों को भी मैच देखने का न्योता भेजा गया है.

रविवार यानी दीवाली की रात को सचिन जब कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतराराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरे तो उनके प्रशंसकों की दीवाली मानो और ज़्यादा रोशन हो गई. हज़ारों प्रशंसक उनकी एक झलक पाने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे. वहां सीएबी की ओर से गुलाब के 199 फूल देकर उनकी अगवानी की गई.

सोमवार को सचिन जब अभ्यास के लिए ईडन पहुंचे तो वहां सबसे पहले उनकी मुलाक़ात अपने हमशक्ल से हुई. जी हां, इस मौक़े पर ईडन में मोम से बना सचिन का एक पुतला लगाया गया है. सचिन ने अपने पुतले के साथ खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवाई.

मैच का आख़िरी दिन यानी 10 नवंबर सबसे शानदार होगा. इस दिन कोलकाता फ़िल्मोत्सव के उद्घाटन के सिलसिले में सुपस्टार अमिताभ बच्चन और शाहरूख़ ख़ान भी कोलकाता में मौजूद होंगे. यह दोनों अभिनेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ स्टेडियम में जाकर सचिन का सम्मान करेंगे.

नाराजगी

सचिन के ख़ुमार में डूबा फ़ुटबाल का मक्का

और तो और राजनेताओं पर भी यह दीवानगी सिर चढ़ कर बोल रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो मैच देखने के लिए ईडन में जाएंगी हीं. सीपीएम के प्रदेश अध्यक्ष विमान बसु ने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए सचिन को शुभकामनाएँ दे डालीं. सचिन को एक महान बल्लेबाज़ बताते हुए बसु ने उम्मीद जताई कि इस मैदान पर आख़िरी बार उनका बल्ला चलेगा.

लेकिन कोलकाता में कई लोग इस अतिरेक से नाराज़ हैं. एक स्कूल शिक्षक मनोहर दासगुप्ता कहते हैं, "आख़िर खिलाड़ी तो आते-जाते ही रहते हैं. लेकिन इस बार इतना शोर क्यों है? सचिन से पहले भी न जाने कितने महान खिलाड़ियों ने क्रिकेट को अलविदा कहा है. तब तो ऐसा शोर नहीं हुआ था."

उत्तर कोलकाता की एक गृहिणी सावित्री बर्मन तो इसके लिए सीधे-सीधे ख़ासकर इलेक्ट्रानिक मीडिया को ज़िम्मेदार ठहराती हैं. वह कहती हैं, "दरअसल, यह सब टीवी वालों की वजह से हुआ है. उनलोगों ने विज्ञापनों से होने वाली कमाई के लालच में सचिन की विदाई को लेकर एक हाइप पैदा कर दिया है. इससे ऐसे लोग भी इसमें दिलचस्पी लेने लगे हैं जिनको क्रिकेट की ए, बी, सी, डी भी समझ में नहीं आती."

सरकारी नौकरी से पांच साल पहले रिटायर होने वाले डॉक्टर वीरेन भादुड़ी को तो याद भी नहीं है कि कभी ईस्ट बंगाल-मोहन बागान मैच को लेकर भी यहाँ ऐसा माहौल बना हो. वह कहते हैं, "फ़ुटबाल का मक्का कहा जाना वाला यह महानगर अब क्रिकेट के मदीना में तब्दील हो गया है. किसी चीज़ के प्रति इस कदर दीवानगी सही नहीं है."

लेकिन इन आलोचनाओं को दरकिनार पूरा महानगर क्रिकेट के खुमार में गले तक डूब चुका है.

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