प्रदेश सरकार के बजट में मेडिकल कॉलेज को मिली डायबिटीज रेटनोथेरेपी यूनिट

आंख के मरीजों को मिल सकेगा एडवांस इलाज, स्टूडेंट्स को भी होगा फायदा

Meerut। यूपी सरकार की ओर से मंगलवार को जारी बजट में मेरठ मेडिकल कॉलेज को डायबिटिज रेटिनोथेरेपी यूनिट का तोहफा मिला है। इस यूनिट की स्थापना के बाद डायबिटिज रेटिनोथेरेपी के जरिए मरीजों की आंखों का इलाज बेहद सरल हो जाएगा। इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन के तहत रिसर्च कर रहे स्टूडेंट्स के लिए भी ये यूनिट वेस्ट यूपी की एकमात्र सरकारी यूनिट होगी।

खुल सकेगी आधुनिक यूनिट

मेडिकल कॉलेज के आई डिपार्टमेंट में अभी तक कम उपकरणों के साथ ऐसे मरीजों का इलाज किया जाता है। जबकि गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता हैं। यूनिट खुलने के बाद इलाज की हाईटेक सुविधा यहीं उपलब्ध होगी। जबकि प्राइवेट में कई गुना महंगा मिलने वाला ये इलाज यहां मरीजों को नि:शुल्क होगा। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि हैदराबाद में एक सेमिनार में शिरकत करने के दौरान ये प्रपोजल शासन को दिया गया था।

ये है डायबिटिज रेटिनोथेरेपी

डायबिटीज का असर सबसे अधिक असर आंख और किडनी पर होता है। अधिकतर मरीजों में डायबिटिज की वजह से नजर कमजोर होने की समस्या होने लगती है। जबकि कुछ मरीजों को अंधता की समस्या हो जाती है। इसके इलाज के लिए डायबिटिज रेटिनोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है।

फैक्ट फाइल

जिले में हर दिन 8 से 10 मरीज मधुमेह की वजह से अंधता या नजर कमजोर होने की शिकायत लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं। अभी तक इसके लिए एडवांस इलाज की सुविधा नहीं है।

वेस्ट यूपी के मरीजों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।

टाइप-1 डायबिटीज में अंधता का खतरा सबसे अधिक रहता है।

25 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों में नजर संबंधी दिक्कत आती है।

मरीजों के लिए ये बड़ी राहत देने वाली खबर है। अभी तक डायबिटीज की वजह से आंख की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए खास व्यवस्था नहीं थी। यूनिट खुलने के बाद बड़ी संख्या में मरीजों को राहत दी जा सकेगी।

डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज