-डायरिया ने दी दस्तक, ओपीडी में हर रोज पहुंच रहे 40 से 45 डायरिया के मरीज

- गर्मी में कटे फल, बासी खाने और गंदगी से सेहत हो रही खराब

जिसका डर था वही हुआ नगर निगम सफाई बयानों तक रह गई और डायरिया ने दबे पांव घरों में दस्तक दे दिया है. सूरज की तपिश और चढ़ते पारे के साथ डायरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शहर का ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जहां डायरिया से पीडि़त रोगी जांच के लिए न पहुंच रहे हों. डॉक्टर्स इसकी वजह गंदगी के बीच खुले में बिकने वाले कटे फल और बासी खाना बता रहे हैं. अस्पतालों में सबसे ज्यादा पीडि़त घनी आबादी वाले क्षेत्रों से आ रहे हैं.

40 से 45 मरीज डेली अस्पताल में

सिर्फ मंडलीय हॉस्पिटल की बात करें तो यहां रोजाना 40 से 45 लोग डायरिया के लक्षणों से इफेक्टेड होकर ओपीडी में पहुंच रहे हैं. खासकर बच्चे. इसमें से कुछ पेशेंट्स को तो एडमिट भी किया जा रहा है. पेशेंट्स की यह संख्या पिछले एक सप्ताह में बढ़ी है. यहां अभी तक डायरिया के 300 से अधिक मामले आ चुके हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल की संख्या अलग है. चिकित्सकों का कहना है कि इस बार मई वाली गर्मी अप्रैल में अपना रूप दिखा चुकी है. ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है.

बच्चे हैं ज्यादा प्रभावित

सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में डायरिया प्रभावित लोगों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है. इसकी वजह ये है कि बच्चे साफ-सफाई और हाइजीन मेंटेन करने में ज्यादा लापरवाही करते हैं. मंडलीय हॉस्पिटल में बजरडीहा, बड़ीबाजार, सरैया के अलावा कच्जाकपुरा, गोलगड्डा, पीलीकोठी, अलईपुरा के बच्चे बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

ये रखें सावधानी

गर्मी बढ़ने के साथ ही गली मोहल्लों में फल और शीतल पेय की दुकानें सज गयी हैं. गर्मी में खुद को ठंडा करने के लिए लोग इन दुकानों के फल और पेय पदार्थ धड़ल्ले से खाते हैं. पर ये ठंडक देने वाले आइटम आपको अस्पताल पहुंचा सकते हैं. इसलिए कटे फल को हाथ भी न लगायें.

डायरिया का ये है लक्षण

- यदि किसी को बार-बार दस्त और उल्टियां हो साथ ही पेट में तेज दर्द और मरोड़ महसूस हो.

-बीमारी की अवस्था में बुखार, कमजोरी और बेचैनी भी देखने को मिली सकती है.

- पेशेंट कुछ भी खाए तो उल्टी हो जाए तो इसे डायरिया का लक्षण समझिये

-डायरिया प्रभावित होने पर तत्काल डॉक्टर से सम्पर्क करें वरना डायरिया क्रिटिकल हो जाएगा जो जानलेवा होता है.

- पेशेंट को ओआरएस का घोल पिलाते रहें ताकि डीहाइड्रेशन न होने पाए

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वजह और बचाव

- डायरिया एक संक्रामक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे तक आसानी से फैलती है

-गंदगी, संक्रामक रोगी के सम्पर्क में रहने, दूषित पानी पीने से, बासी व खुला खाना खाने से ये बीमारी पनपती है

-बीमारी से बचाव के लिए अपने घर के साथ आस- पास के एरिया को अच्छे से साफ रखें.

- पानी के सोर्स में गंदगी है तो क्लोरीन की गोली डालें, कूड़े पर डीडीटी पाउडर का छिड़काव करें

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इन दिनों ओपीडी में डायरिया से प्रभावित रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. हर रोज करीब 40 से 45 मरीज आ रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा बच्चे हैं.

डॉ. एके सिंह, फिजिशियन, मंडलीय हॉस्पिटल

हास्पिटल में डायरिया ही नहीं मौसमी बीमारी के सभी मरीजों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. हालांकि अभी डायरिया के केस ज्यादा आ रहे हैं.

डॉ. अरविंद सिंह, एमएस, मंडलीय हॉस्पिटल