-ऑनलाइन फार्मेसी के खिलाफ झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की राज्यव्यापी हड़ताल

-राज्य भर 18 हजार दवा दुकानदारों ने बंद रखे मेडिकल स्टोर

-जेसीडीए ने बताया हड़ताल को सफल,

-मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी

RANCHI: आनलाइन फार्मेसी के विरोध में बुधवार को देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर जहां भारत में आठ लाख दवा दुकानें बंद रहीं, वहीं झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर राज्य भर में 18 हजार दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखीं। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग दवा के लिए यहां-वहां भटकते रहे। हालांकि, हास्पिटल और नर्सिग होम को हड़ताल से मुक्त रखा गया था, जिस वजह से दवा के लिए लोगों ने हास्पिटल का रुख किया। हास्पिटल में दवा मिल जाने से मरीजों ने राहत की सांस ली।

जेसीडीए के जेनरल सेक्रेटरी ने बताया कि हमारा बंद सफल रहा है और इमरजेंसी में लोगों को जहां भी जरूरत पड़ी हमने उनकी मदद की। इसके बाद भी आनलाइन फार्मेसी पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

रिम्स पहुंचे सर्वाधिक मरीज

14 अक्टूबर को राज्यभर के दवा व्यवसायियों की हड़ताल की लोगों को पहले से जानकारी थी। ऐसे में लोगों ने अपने घरों में इमरजेंसी दवाएं खरीदकर रख ली थीं। इसके बावजूद हास्पिटलों में मरीजों की काफी भीड़ देखी गई, क्योंकि छोटी-मोटी बीमारियां होने पर लोग मेडिकल स्टोर से ही पूछकर दवा ले लेते थे। ऐसे में उन्हें बुधवार को हास्पिटल जाना पड़ा। इसी बीच रिम्स में काफी मरीज आए। डॉक्टर से दिखाने के बाद उन्हें दवा के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। मेडिकल स्टोर बंद होने के कारण रिम्स की दवा दुकानों पर दवा लेने के लिए सुबह से ही लंबी लाइन लगी थी। वहीं सिटी के अन्य हास्पिटलों में भी मरीजों की काफी भीड़ देखी गई।