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PATNA : पीएमसीएच और आईजीआईएमएस में मेडिकल वेस्ट का बड़ा खेल चल रहा है. मेडिकल वेस्ट को इंसीनेटर में नष्ट करने की बजाय अस्पताल के कर्मचारी इसे बेच रहे हैं. सीरिंज से लेकर दवा की बोतल तक को बोरे में

बंद कर बाजार में बेचा जा रहा हैं. इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को पिछले कई दिनों से मिल रही थी. हकीकत जानने के लिए हमारी टीम ने पड़ताल की तो चंद रुपए की खातिर मेडिकल वेस्ट को बेचने के खेल का खुलासा हुआ. पीएमसीएच और आईजीआईएमएस के कर्मचारी नियमों के खिलाफ मेडिकल वेस्ट को कचरे में डाल देते हैं. वहां पहले मौजूद कर्मचारी इसे बोरे में भरकर बाजार में बेच देते हैं. आप भी पढि़ए किस तरह हो रहा है पीएमसीएच और आईजीआईएमएस में मेडिकल वेस्ट का सौदा.

पीएमसीएच में जगह-जगह फैला है मेडिकल वेस्ट

मेडिकल वेस्ट की हकीकत जानने के लिए डीजे आई नेक्स्ट की टीम पीएमसीएच के इंसीनेटर रूम के पास पहुंची. कैंपस के बाहर मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से भले ही इंसीनेटर लगाया हो लेकिन कर्मचारियों इसे नष्ट करने की बजाय कबाड़ी के हाथों सौदा कर लेते हैं.

मेडिकल वेस्ट नष्ट नहीं होने से हेपेटाइटिस बी, सहित एचआईवी जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी,

जनरल फिजिशियन

आपने कहा है तो हम इसे चेक करवा लेंगे. दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

डॉ. राजीव रंजन, अधीक्षक पीएमसीएच

मेडिकल वेस्ट को जलाने की व्यवस्था है. इस तरह के मामले की जानकारी नहीं है.

डॉ. एनआर विश्वास, डायरेक्टर आईजीआईएमएस

इस तरह हुआ खुलासा

मेडिकल वेस्ट का सच जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर सबसे पहले आईजीआईएमएस के पीछे वाले गेट से एंट्री किया तो देखा कि यूकलिप्टस के पेड़ के नीचे बड़े पैमाने पर मेडिकल वेस्ट जमा किया गया था. मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए कैंपस में इंसीनेटर लगाया गया है. जिसके लिए एक एजेंसी काम करती है. लेकिन एजेंसी के कर्मचारी मेडिकल वेस्ट को इंसीनेटर रूम में न ले जाकर इसे यूकलिप्टस के पेड़ के नीचे फेंक देते हैं. मेडिकल वेस्ट को 2 सौ रुपए प्रति ट्रॉली के हिसाब से कर्मचारी कबाड़ी वाले को बेच देते हैं. बताते चलें कि मेडिकल वेस्ट को बोरे में भरते कर्मी की निगाह जैसे ही कैमरे की तरफ गया तो वो वहां से भाग गया.