PATNA : पटना समेत पूरे प्रदेश में दवा दुकानों की स्ट्राइक का पहला दिन असरदार रहा। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर पटना में दवा दुकानें बंद रही। दवा मिलने की आस में लोग भटकते रहे। खासतौर पर वे मरीज परेशान रहे जिनका इलाज बुधवार को डॉक्टर ने किया। प्राइवेट क्लीनिक के पेशेंट के साथ ही सरकारी हॉस्पिटलों में भी स्ट्राइक खासा असर रहा। हॉस्पिटलों में सरकारी योजना के तहत चलने वाले दुकानों को छोड़ अन्य जगहों पर दवा दुकानें बंद रहीं। स्ट्राइक का सबसे ज्यादा असर दवा की थोक मंडी जीएम रोड, अशोक राजपथ, राजा बाजार, अगमकुआं एरिया में दिखा। क्योंकि अधिकांश पेशेंट इन्हीं जगहों से दवा लेते हैं। पटना में करीब आठ हजार दवा दुकानें बंद रहीं।

दवा दुकानदारों की स्ट्राइक खत्म

दवा दुकानदारों की स्ट्राइक बुधवार की देर शाम खत्म हो गई। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आहवान पर बुधवार से तीन दिवसीय राज्यव्यापी बंद था, जो देर शाम एसोसिएशन के पदाधिकारियों की स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की उपस्थिति में प्रधान सचिव के साथ बैठक के बाद समाप्त करने का निर्णय लिया गया। बैठक में मंत्री ने उनकी मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद स्ट्राइक वापस ले ली गई है। अब गुरुवार से दवा दुकानें पहले की तरह खुलेंगी। एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने बताया कि बातचीत में भरोसा दिया गया कि दवा दुकानों के लिए बनाए गए निरीक्षण नियम को सरल बनाया जाएगा। दो फॉर्मेसी कॉलेजों को भी मान्यता दी गई है, जबकि 22 नए कॉलेजों के खोलने की प्रक्रिया चल रही है। भरोसा दिया गया कि बिना विभागीय अधिकारी के पुलिस कार्रवाई नहीं होगी। जब्ती प्रक्रिया को लेकर भी गाइडलाइन जारी की जाएगी।

छिटपुट तरीके से दवा बिकी

पटना में अशोक राजपथ पर कुछ दवा की दुकानें खुली मिलीं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने जबरन बंद कराया। वहीं, स्ट्राइक के दौरान दवा दुकान का शटर गिराकर फोन से दवा की सप्लाई कुछ दुकानदारों ने किया।

दवा मिलने का दावा हवा-हवाई

जहां एक ओर सिविल सर्जन और स्टेट ड्रग कंट्रोलर के द्वारा यह दावा किया गया था कि दवा की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी। यह बात हवा-हवाई साबित हुई। क्योंकि पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर जो दवा मरीजों के लिए लिखते हैं उनमें से अधिकांश बाहर से ही खरीदनी पड़ती है। ऐसे में मरीजों दवा के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा।

जन औषधि में उमड़ी भीड़

जहां एक ओर सड़क के किनारे और हॉस्पिटलों के बाहर प्राइवेट दवा दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखकर स्ट्राइक का समर्थन किया तो वहीं दवा की कमी के कारण सभी पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और एनएमसीएच के कैंपस में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र, अमृत फार्मेसी के काउंटरों पर भीड़ लगी रही।

तीन दिनों की दवा स्टॉक

स्वास्थ्य विभाग ने दवा दुकानदारों की स्ट्राइक को ध्यान में रखते हुए सभी प्रमुख सरकारी हॉस्पिटलों को तीन दिनों की दवा स्टॉक करने का निर्देश दिया था। पीएमसीएच के मेडिकल सुपरीटेंडेट डॉ बीके कारक ने बताया कि यहां दवा की कमी नहीं है। दवा स्टॉक किया गया है।