8 मुद्दों पर होगा काम

5 साल लगेंगे प्रोजेक्ट में

216 करोड़ रुपये होंगे खर्च

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Meerut : रक्षा मंत्रालय ने मेरठ को यूपी का पहला स्मार्ट कैंट बनाने के लिए चुन लिया है। मेरठ कैंट बोर्ड के अधिकारियों की ओर से भेजे गए ड्राफ्ट को मंत्रालय ने देश के बाकी कैंट बोर्ड से पहले हरी झंडी दे दी है।

कैंट बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने हाल में कहा था कि कैंट को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट से पूरी तरह बाहर किया गया है। ऐसे में कैंट को स्मार्ट बनाने की जिम्मेदारी हमें खुद उठानी होगी। इसके लिए सभी कैंट से प्रस्ताव मांग गए थे। मेरठ ने स्वच्छ भारत अभियान की गाइडलाइंस के तहत ड्राफ्ट तैयार किया था।

तीन हिस्सों में होगा पूरा

एक साल में

काम : ईको फ्रेंडली टॉयलेट, सोलर पावर, विमेन हॉस्टल और ओल्ड एज होम का काम पूरा होगा।

बजट : 53.74 करोड़ रुपये

कैसे होगा :

1. ईको फ्रेंडली टॉयलेट के लिए सभी पब्लिक टॉयलेट्स को ईको फ्रेंडली बनाया जाएगा। कैंट के सिविल एरिया में 44 जगहों पर 1320 ऐसे टॉयलेट हैं। इसमें 4.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

2. सोलर पावर के लिए सभी स्कूलों, हॉस्पिटल, कार्यालयों, गांधी बाग आदि में सोलर पैनल लगाएं जाएंगे। 16 प्वाइंट्स पर 236.5 किलोवॉट के पैनल लगेंगे। इस पर 35.99 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में बदला जाएगा।

3. करियप्पा रोड पर वर्किग विमेन और छात्राओं के लिए 8.78 करोड़ रुपये की लागत से हॉस्टल बनाया जाएगा। वहीं, सदर बाजार में 4.23 करोड़ रुपये से ओल्ड एज होम बनाया जाएगा।

तीन साल में

काम : वॉटर सप्लाई, वॉटर एटीएम, सॉलिड वेस्ट और ड्रेनेज सिस्टम में सुधार

बजट : 74.88 करोड़ रुपये

कैसे होगा :

1. कैंट के 7316 वॉटर कनेक्शन धारकों को 24 घंटे वॉटर सप्लाई देने की योजना है। इसके लिए बड़े पैमाने पर रिपेयरिंग और कंस्ट्रक्शन का काम होगा। 12 पंप हाउस, 2 ओवर हेड टैंक, 4 पंप, 2 ट्यूबवेल और 4.5 किलोमीटर वॉटर पाइपलाइन रिपेयर की जाएगी। वहीं, 4 ट्यूबवेल, 650 किलोलीटर के 8 और 1200 किलोलीटर का एक ओवरहेड टैंक बनाया जाएगा। आठों वार्डो में 9.2 किमी। की नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी। साफ पानी के लिए 6 क्लोरिनेशन प्लांट बनाए जाएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 8.08 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

2. कैंट के इलाकों में 11 वॉटर एटीएम लगाए जाएंगे। 100 लीटर क्षमता वाले ये एटीएम सोलर पैनल से चलाए जाएंगे। इनसे एक बार में एक गिलास से 20 लीटर तक पानी निकाला जा सकेगा। इसमें सिक्के और प्रीपेड कार्ड से पानी निकाल सकेंगे। यह कार्ड एटीएम लगाने वाली कंपनी से मिलेगा। इस तरह पानी की लागत 25 से 50 पैसे प्रति लीटर आएगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 7 लाख रुपये खर्च होंगे।

2. सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत 2 स्वीपिंग मशीन से सफाई होगी। गांधी बाग में डेयरियों के सोलिड को व्यवस्थित करने के लिए बायोगैस प्लांट बनाया जाएगा। कूड़ा एक जगह इकट्ठा करने के लिए 1320 डस्टबिन और स्लम एरिया को साफ रखने के लिए 30 अलग डस्टबिन रखे जाएंगे। कूड़े को ट्रंचिंग ग्राउंड में ले जाने के लिए 40 वाहन भी खरीदे जाएंगे। इस पर 13.11 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

3. ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए 3 किलोमीटर के आबूनाले की बाउंड्रीवॉल को पूरी तरह रिपेयर किया जाएगा। इसके अलावा 50 अन्य छोटे-बड़े नालों की दीवारें भी दुरुस्त होंगी, जिससे उनमें सोलिड वेस्ट न जा सके। 22 किमी। के नालों की बड़े पैमाने पर सफाई होगी। इसके लिए छोटी और बड़ी दो मशीनें खरीदी जाएंगी। 17 लाख रुपये की लागत से 9 किमी। का नया नाला भी बनाया जाएगा। नालों पर 8 पुल बनाए जाएंगे। 6 रेन वॉटर रिचार्जिग यूनिट तैयार की जाएंगी। इस पूरे काम पर 53.69 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

छह साल में

काम : सीवरेज सिस्टम पूरा होगा।

बजट : 114.66 करोड़ रुपये

कैसे होगा : कैंट में अभी सीवरेज लाइन नहीं है। 2016 में इसका बजट 18.66 करोड़, दूसरे साल में 20 करोड़, तीसरे में 19 करोड़, चौथे में 18.50 करोड़, पांचवें में 21 करोड़ और छठे में 17.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कैंट के आठों वार्डो में करीब 30 किलोमीटर लाइन डाली जाएगी।