- सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से बिगड़ी थी हालत

Meerut : मेडिकल में उपचार के दौरान 18 लोगों की मौत से मेरठ दहल गया। जिसके चलते अस्पताल चीखों से गूंज उठा। मौके पर पहुंचे डीएम अनिल ढींगरा समेत कई प्रशासनिक, आबकारी व पुलिस अधिकारियों ने मेडिकल अस्पताल का दौरा किया। भर्ती मरीज का हालचाल की जानकारी हासिल की। परिजनों को मुआवजे का आश्वासन दिया।

39 लोग हुए भर्ती

शुक्रवार को सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से सहारनपुर में 16 लोगों की मौत हो गई थी। कई बीमार हुए लोगों को उपचार के लिए मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां पर शनिवार को अस्पताल में भर्ती 18 लोगों की मौत हो गई। जिससे अस्पताल में परिजनों ने कोहराम मचा दिया।

शासन को िलखा लेटर

डीएम अनिल ढींगरा अपनी टीम के साथ मेडिकल इमरजेंसी पहुंचे। वहां पर उन्होंने जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों के परिवार से बातचीत की। परिजनों के मुआवजे के लिए शासन को लेटर लिया। अभी भी नौ लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। जिसमें दो लोगों को वेंटीलेटर पर रखा हुआ है। जबकि कई मरीज बेसुध पड़े हुए है।

मेडिकल में पुलिस तैनात

एसएसपी अखिलेश कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार शाम को ही मेडिकल में कई थानों की फोर्स तैनात कर दी थी। एडीएम मुकेश चंद व एसपी सिटी रणविजय सिंह ने आश्वासन देकर मामला निपटाया। इसके बाद सुबह से देर शाम तक सारे अधिकारी मेडिकल अस्पताल व पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात रहे।

शव भेजे सहारनपुर

एडीएम सिटी मुकेश चंद व एसपी सिटी ने पोस्टमार्टम हुए सभी लोगों के शव सहारनपुर के लिए रवाना किए। शनिवार शाम को भी सहारनपुर से आठ लोगों को मेडिकल में भर्ती कराया। जहां पर उनकी हालत नाजुक बताई गई।

एक दिन में लाखों की शराब बरामद

मेरठ : जहरीली शराब पीने से हुई 84 लोगों की मौत के बाद आबकारी विभाग तथा पुलिस में कुछ हलचल नजर आई। एक ही दिन में दबिश डालकर 40 लोगों को दबोच लिया। उनके पास से 20 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध शराब भी बरामद की गई।

खुलेआम चलता है कारोबार

जानकारों के मुताबिक जिले में एक करोड़ की अवैध शराब की खरीद फरोख्त होती है। यह शराब अंग्रेजी व देशी शराब के ठेके, बार में खपाई जाती है। इसके साथ उनकी बाजारों में छुटपुट तरीके से बिक्री भी होती है। उधर शासन ने भी सहारनपुर में हुई मौतों के लिए आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर, अधिकारियों व पुलिस को भी दोषी ठहराया है। उन्हें सस्पेंड करके उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है।

आबकारी विभाग का काम

मेरठ जिले में आबकारी विभाग के कमिश्नर से लेकर जिला आबकारी अधिकारी तक बैठते है। अवैध शराब रोकने के लिए जिले में छह आबकारी इंस्पेक्टर व 16 आबकारी सिपाही समेत काफी स्टाफ है। इनका सिर्फ अवैध शराब की तस्करी रोकने का ही काम है। एक दिन में लाखों की शराब बरामद करके इन्होंने दिखा दिया कि मेरठ में अगर रोज छापेमारी की जाए तो करोड़ों की शराब बरामद हो सकती है।

धधक रहीं भट्ठियां

हस्तिनापुर खादर क्षेत्र में खुलेआम अवैध शराब की भट्ठियां धधकती है। रेलवे रोड पुलिस की नाक के नीचे सरेआम अवैध शराब की बिक्री की जाती है। माधवपुरम में पुलिस चौकी के पास ही अवैध शराब का कारोबार हो रहा है, लेकिन यह सब पुलिस की मेहरबानी से चलता है।

अंग्रेजी शराब बरामद

जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार ने अपनी टीम के साथ कंकरखेड़ा के जवाहर नगर में मधु पत्‍‌नी गुड्डू व प्रवीन पत्‍‌नी उस्मान को अवैध शराब बेचते हुए दबोच लिया। उनके पास से 15 पेटी अंग्रेजी बरामद हुई। इसके साथ आबकारी व पुलिस ने अन्य स्थानों पर दबिश डालकर 40 से ज्यादा तस्करों व बीस लाख रुपये की अवैध शराब बरामद की। इसके साथ एसपी देहात राजेश कुमार ने खादर क्षेत्र के मिर्जापुर एंव कुंडा गांव में छापा मारकर अवैध शराब की 40 भट्ठियां दर्ज करते हुए 500 लीटर कच्ची शराब बरामद की।

धधक रहीं भट्ठियां

हस्तिनापुर के देहात क्षेत्र में मौत की भट्ठियां धधक रही हैं। विभाग के पास अवैध दारू की कोई 'दवा' नहीं है। बताते हैं कि शराब बनाने वालों के घर की महिलाएं और बच्चे भी इस कार्य में संलिप्त हैं।

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व्यवस्थाएं संभालने में नाकाम रहा मेडिकल प्रशासन

जहरीली शराब प्रकरण में शुक्रवार देर रात मरीजों के मेडिकल कॉलेज आने का सिलसिला शुरू हो गया था। मरीजों की स्थिति ओर मामले को देखते हुए देर रात को ही मेडिकल प्रशासन अलर्ट हो गया था। रात से ही इमरजेंसी में डॉक्टर्स की टीम की डयूटी व दवाओं समेत रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई थी लेकिन बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में दिन भर अराजकता का माहौल रहा।

स्थिति संभालने में नाकाम

देर रात से मेडिकल कॉलेज में 27 मरीजों को भेजा गया, जिनमें से 7 की रास्ते में मौत हो गई और 11 शनिवार को भर्ती हुए। 9 मरीजों को इलाज चल रहा है, 2 की हालत गंभीर है। ऐसे में मरीजों को इलाज देने में एक बार फिर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं फेल हो गई। मेडिकल कॉलेज में भी मरीज स्ट्रैचर पर बेसुध पड़े दिखे लेकिन कोई प्राथमिक उपचार नही मिला। दर्जनों जमीन पर लेटे दिखे। इलाज के नाम पर मरीजों को सिर्फ ग्लूकोज ही चढ़ाया जा रहा था।

लापरवाही का आरोप

परिजनों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उपचार के नाम पर सिर्फ ग्लूकोज ही लगाया जा रहा है। ठीक उपचार न मिलने के कारण उनकी मौत हो रही है।

भाजपा नेता मैनेज कर रहे प्रकरण- इमरान मसूद

मरीजों को देखने मेडिकल कालेज पहुंचे कांग्रेस के उप्र उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह हादसा प्रशासन व सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है। मेडिकल कॉलेज में अभी भी दो दर्जन से अधिक लोग बेसुध पड़े हैं लेकिन समुचित इलाज नहीं हो रहा है। मरीजों के लिए डॉक्टर तक मौजूद नही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 85 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन प्रदेश सरकार संख्या को छुपा रही है। भाजपा के नेता इस प्रकरण को मैनेज कर रहे हैं।

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शराब माफिया पिंटू की मेरठ में तलाश

रुड़की के गांव बालूपुर के शराब माफिया पिंटू की मेरठ में तलाश शुरू हो गई है। पुलिस को उसकी आखिरी लोकेशन मेरठ में मिली है। उत्तराखंड व सहारनपुर पुलिस ने पिंटू की तलाश में मेरठ में डेरा डाल दिया है। पिंटू शराब माफिया है, जिसने सहारनपुर में जहरीली शराब बेची थी। जिसके चलते 84 लोग मौत के मुंह में समा गए।

पिंटू ने की थी सप्लाई

पुलिस को छानबीन में पता चला है कि रूड़की के गांव बालूपुर में काफी संख्या में अवैध शराब की भट्ठियां धधकती हैं। पिंटू यूपी के 20 जिलों में शराब सप्लाई करता है। एसपी देहात राजेश कुमार ने बताया कि सहारनपुर में जिस शराब की पीने से 84 लोगों की मौत हुई है, वह शराब रूड़की से पिंटू लेकर गया था। जांच में पता चला है कि पिंटू सहारनपुर समेत कई जिलों में शराब की तस्करी करता है। उसका मेरठ से लिंक खंगाला जा रहा है।