- कंसल्टेंट कंपनी ने नगर निगम से मांगा पांच साल का हिसाब

- नगर निगम में किया गया स्मार्ट सिटी सेल का गठन

- कंपनी ने महापौर और नगर आयुक्त के साथ की बैठक

Meerut । एस फॉर स्ट्रेंथ, डब्ल्यू यानी वीकनेस, ओ मींस अपारचुनिटी और टी मतलब थ्रेट। इन चार की-वर्ड से मेरठ स्मार्ट सिटी की कसौटी पर कसा जाएगा। स्मार्ट सिटी के संदर्भ में कंसल्टेंट कंपनी दो दिन से मेरठ में हैं। कंपनी ने नगर निगम से पांच साल का हिसाब मांगा है। कंपनी ने महापौर और नगर आयुक्त के साथ बैठक कर अपनी योजना से अवगत करा दिया।

शहर में कितना है दम

कंसल्टेंट कंपनी ने नगर आयुक्त के साथ हुई बैठक में बताया कि हमारी पूरी योजना स्वोट पर आधारित रहेगी। हमारी ताकत क्या है, कमजोरी क्या है, आने वाले दिनों में अवसर क्या है और किस चीज से लोगों को डर लगता है। मंगलवार को नगर निगम में दिल्ली और सूरत से आईटी और फाइनेंस एक्सपर्ट पहुंच गए। इसके अलावा कंसल्टेंट कंपनी के तीन टाउन प्लानर पर देर शाम मेरठ पहुंच गए।

स्मार्ट टीम गठित

नगर निगम स्मार्ट सिटी के लिए एक स्मार्ट सेल का गठन कर दिया है। इसके लिए टीम का भी गठन किया गया है। उप नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, चीफ इंजीनियर, अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता, आईटी एक्सपर्ट व एक बाबू को इस सेल में लगाया गया है। यह सेल स्मार्ट सिटी के नियुक्त कंसल्टेंट कंपनी से सामांजस्य बनाकर रखेगा।

अफसरों के साथ बैठक

सुबह कंसल्टेंट कंपनी के अधिकारियों ने नगर आयुक्त के साथ बैठक की। नगर आयुक्त ने कंपनी से कहा कि ऐसा प्रपोजल तैयार करें, जिसे आसानी से किया जा सके। पूरे दिन में क्या किया और अगले दिन क्या करना है इसके लिए रोज मीटिंग की जाए। वहीं शाम को महापौर के साथ पूरी योजना पर चर्चा वार्ता की गई।

जगह चिंहित करें पहले

नगर आयुक्त ने कहा कि जल्द से जल्द जगह को चिह्नित किया जाए, जिससे काम को तत्काल शुरू किया जा सके। इसमें किसी प्रकार की देरी न करें। हर विभाग से स्मार्ट सिटी सेल सामांजस्य बनाए। कंपनी जो मांगे उसको तत्काल उपलब्ध कराए जाए।

पार्षदों के साथ बैठक करेंगे

कंसल्टेंट कंपनी ने नगर आयुक्त को कहा कि पार्षदों के साथ बैठक कराई जाए, जिससे उनके क्षेत्र में जाकर लोगों से राय ली जा सके। उसी के आधार पर पूरा स्मार्ट सिटी की योजना बनाई जाएगी।

फेसबुक और ट्वीटर

नगर आयुक्त ने शाम तक फेसबुक और ट्वीटर एकाउंट बनाने के लिए कहा, जिससे जल्द से जल्द वोटिंग शुरू कराई जा सके। उस पर वोटिंग के लिए सारा मुद्दे भी डाल दिए जाएं। किन-किन चीजों पर वोटिंग करनी है।

कंसल्टेंट कंपनी को डाटा देने के लिए संबंधित अधिकारी को बोल दिया है। अन्य मुद्दों पर भी बातचीत हुई है। नगर निगम में एक आईटी सेल का गठन कर दिया गया है। एक टीम बना दी गई है, जो कंपनी की चीजे उपलब्ध कराने और योजना बनाने की मदद करेगी।

-डीकेएस कुशवाहा, नगर आयुक्त

कंपनी के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने कुछ सुझाव दिए है और हमने भी कुछ अपनी बात रखी है। स्मार्ट सिटी के लिए उनको जो भी मदद चाहिए वह की जाएगी।

-हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

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स्मार्ट सिटी का सूत्र

एस- स्ट्रेंथ

दुनिया की सबसे बड़ी खेल इंडस्ट्री, कैंची उद्योग, ज्वैलरी उद्योग, मेरठ से दिल्ली कनेक्टीविटी, एजुकेशन हब

डब्ल्यू- वीकनेस

क्राइम का बढ़ता ग्राफ, ड्रेनेज का खराब सिस्टम, खराब सड़कें, हाईवे और शहर में जाम, अतिक्रमण, कूड़ा निस्तारण

ओ- अपॉरच्यूनिटी

ज्वैलरी इंडस्ट्री का प्रस्ताव, आईटी पार्क, रेपिड रेल का प्रस्ताव, मेरठ मेट्रो, गंगाजल

टी- थ्रैट

सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति ठीक नहीं, कूड़े का निस्तारण नहीं, बिजली आपूर्ति, जाम, अतिक्रमण