प्लास्टिक से बिजली बनाने वाला देश का पहला निगम बनेगा मेरठ

654 करोड़ रुपये की आय-व्यय का बजट पास

नगरायुक्त ने गिनाई अपने कार्यकाल की उपलब्धियां

Meerut। शहर का कूड़ा भले ही नगर निगम के लिए कई साल से आफत बना हो, लेकिन अब यही कूड़ा मेरठ नगर निगम का नाम देशभर में रोशन करेगा। नगर निगम के आलाधिकारियों की मानें तो मेरठ देश का पहला ऐसा नगर निगम बनने जा रहा है जो कूड़े से एकत्र प्लास्टिक से ना सिर्फ बिजली बनाएगा बल्कि उससे शहर की बिजली समस्या को भी दूर करेगा। शुक्रवार को आयोजित पुनरीक्षित बजट बैठक में नगरायुक्त ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस दौरान शहर के विकास कार्यो की योजनाओं के लिए 654 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। हालांकि, इस दौरान भाजपा और गैर भाजपा दल के पार्षदों के बीच में जमकर कहासुनी भी हुई। वहीं, शोर मचाकर जबरन बजट भी पास कराया गया।

जड़ से खत्म होगा कूड़ा

टाउन हॉल स्थित तिलक हॉल में शुक्रवार को नगर निगम के पुनरीक्षित बजट की बैठक की गई। इसकी शुरुआत में नगर आयुक्त डॉ। अरविंद चौरसिया ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहाकि देश के सभी शहरों में कूड़े की समस्या है। उन्होंने इंदौर की मिसाल देते हुए कहा कि वहां पर भी कूड़े का ढेर लगा है, लेकिन हम देश के लिए पहली ऐसी मिसाल बनाने जा रहे हैं, जहां प्लास्टिक से बिजली बनाई जाएगी। इससे शहर में कूड़े की समस्या जड़ से खत्म होगी। उन्होंने बताया कि गांवड़ी में जो प्लांट लगाया जा रहा है, उसमें गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करने की व्यवस्था होगी। यहीं पर शहर से निकलने वाले कूड़े से प्लास्टिक भी अलग-अलग की जाएगी।

जताई आपत्ति

इसी दौरान भाजपा के कार्यकारिणी सदस्य ललित नागदेव ने गांवड़ी में बैलेस्टिक सेपरेटर तकनीक से लगने वाले कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मेरठ कैंट में ही पांच साल के एग्रीमेंट पर फ्री में निजी कंपनी प्लांट लगा सकती है तो फिर नगर निगम 18 करोड़ रुपए प्लांट में क्यों बर्बाद कर रहा है। क्या निगम भी कैंट की तरह किसी कंपनी से प्लांट का फ्री में संचालन नही करा सकते हैं। पार्षद ने कहा कि मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में भी फ्री में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगवाया गया है।

बिफर गए नगरायुक्त

इस पर नगरायुक्त ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आईएल एंड एफएस कंपनी ने फ्री में प्लांट लगाने को कहा था, लेकिन काम शुरु किए बिना ही कंपनी वापस चली गई। अब अगर कार्यकारिणी फैसला कर ले तो मैं प्लांट का काम बंद करा देता हूं। इस पर ललित नागदेव ने कहा कि वह प्लांट बंद कराने को नहीं बल्कि पैसों की बर्बादी न करने का सुझाव दे रहे थे। पार्षद ने सवाल किए कि जब 6 करोड़ प्लांट पर खर्चा हो चुका है, तो फिर 70 लाख रुपये के खर्चे से कौन सी मशीन ली गई है। हर महीने 4 लाख 20 हजार रुपये का खर्चा क्यों किया जा रहा है। कूड़ा कलेक्शन की 130 गाडि़यां कितने में खरीदी गई हैं। इस पर वित्त नियंत्रक संतोष शर्मा ने बताया कि 6 करोड़ रुपये से यह कूड़ा उठाने वाली गाडि़यां खरीदी हैं।

पार्षदों के सवाल पर हंगामा

इसी दौरान गैर भाजपा के ही दर्जनों पार्षद खड़े होकर हंगामा करने लगे कि बजट बैठक का ललित नागदेव मजाक बना रहे हैं। पार्षदों ने आरोप लगाया कि एक ही पार्षद बोर्ड बैठक में बोल रहे हैं बाकी सभी क्या उनकी बात सुनने आए हैं उनको बोलने का मौका नही दिया जा रहा है। बाद में सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने नगरायुक्त और एफसी को शांत करा दिया।

शोर मचाकर बजट पास

हंगामे के दौरान ही पार्षद गफ्फार पोस्टर लेकर खड़े हो गये। जिस पर बजट पास-पास लिखा था। पार्षद गफ्फार को देखते हुए तमाम गैर भाजपाई पार्षद पास-पास का शोर मचाने लगे। मजबूरी में भाजपा पार्षदों ने भी बिना चर्चा के ही बजट को पास करने पर सहमति जता दी।

ये रहे मौजूद

बैठक के दौरान मंच पर अपर नगरायुक्त शिक्षा शांडिल्य को कुर्सी नही दी गई। जिससे नाराज होकर अपर नगरयुक्त मंच से उठकर चली गई। बाद में अलग से कुर्सी लगाकर अपर नगरायुक्त को बुलाया गया। बैठक में अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शांडिल्य, सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह, अधिशासी अभियंता नीना सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी आदि मौजूद रहे।