गुरदासपुर हादसे के बाद भी नहीं जागी मेरठ पुलिस

सेटिंग से फल-फूल रहा पटाखा फैक्ट्री का व्यापार

शहर में चल रही हैं सैंकड़ों अवैध पटाखा फैक्ट्रियां

Meerut। पंजाब के गुरदासपुर में पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद लगी भीषण आग से बुधवार को 23 लोगों का जीवन लील लिया। बावजूद इसके मेरठ पुलिस इस हादसे से सबक लेने को तैयार नहीं है। मेरठ शहर में सैंकड़ों अवैध पटाखा फैक्ट्रियां चल रही हैं, अवैध गोदामों में पटाखों के ढेर लगें हैं लेकिन प्रशासन आंखे मूंदे और कान बंद करके बैठा है। क्या शहर में अवैध पटाखा फैक्ट्री के किसी बड़े धमाके के बाद ही पुलिस और प्रशासन कान खुलेंगे? ऐसे हालात में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्रियों की पड़ताल शुरू की। पेश हैं इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट

पैकेज में मिल रहे पटाखे

गौरतलब है कि मेरठ में तीन साल पहले 40 से ज्यादा फैक्ट्रियों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए थे, मगर आज भी शहर में अवैध पटाखों का व्यापार जबरदस्त ट्रेंड कर रहा। इसी बाबत मैं और मेरे फोटोग्राफर साथी दोपहर को डेढ़ बजे कोतवाली के तीरगरान में पहुंचे। यहां पर एक दुकान पर हमने सुलेमान नाम के शख्स से पटाखे खरीदने की बात की। सुलेमान बोला कि पटाखे अभी खरीदने है या सिर्फ जानकारी करने के लिए आए हैं। हमने कहा कि हम पटाखे अभी खरीदने के लिए आए हैं, क्या आप हमें पटाखे दिखा सकते हैं। इतना सुनते ही सुलेमान ने अपना मोबाइल निकाला और दुकान के बराबर में बने घर का गेट खोलने के लिए अपने छोटे भाई से कहा। छोटा भाई तुरंत नीचे आया और उसने गेट खोल दिया। इसके बाद सुलेमान हमें सीढि़यों से होते हुए दुकान के ऊपर बने घर में ले गया। सुलेमान ने पूछा कि पटाखे दीपावली में चलाने के लिए ले जाने है या घर में कोई शादी है। हमने बिना देर किया कहा कि शादी के लिए चाहिए। जिसके बाद सुलेमान ने एक कमरे में रखे पटाखे हमें दिखाए। पटाखों के ढेर में अनार, फूलझड़ी, सुतली बम, बुलेट बम के साथ-साथ तेज धमाके की आवाज करने वाले बम भी शुमार थे। हमने सुलेमान से कहा कि पटाखे के रेट क्या है तो उसने कहा कि भैय्या अलग-अलग पैकेज है। दो-चार हजार ऊपर-नीचे चल जाएंगे। इतने कहते हुए उसने पटाखों के पैकेज की तीन लिस्ट हमें थमा दी।

फोटो खींचने को करता रहा मना

मैंने सुलेमान से कहा कि यहां रखे पटाखों की फोटो और लिस्ट बड़े भाई को व्हाट्सऐप पर भेजकर उनसे फाइनल पूछ लेता हूं। इतना कहते ही सुलेमान घबरा गया और फोटो खीचने से मना करने लगा। उसने कहा आप लिस्ट भेजकर जो पूछना है पूछ लो पर फोटो मत खींचना। हालांकि इस बीच मैंने मोबाइल कैमरे से चुपचाप कुछ फोटो क्लिक कर लिए थे। मैंने बात बदली और कहा कि यहां मौजूद पटाखे तो बहुत कम हैं तो सुलेमान ने जवाब दिया हमारा गोदाम थोड़ी दूरी पर है आप एडवांस जमा करा दें 10 मिनट में पटाखों का ढेर लगा दूंगा। हमने गोदाम पर खुद चलकर पटाखों की क्वालिटी देखने की बाद की तो उसने साफ मना कर दिया कि आप बैठकर चाय पीजिए पटाखे यहीं आ जाएंगे।

'खुद की मैन्यूफैक्चरिंग है'

मैंने सुलेमान से कहा कि गोदाम में मुर्गा छाप पटाखे तो होंगे क्योंकि वो ही ज्यादा चलते हैं। इतना कहते ही सुलेमान ने झट से रिप्लाई किया कि हम आपको अच्छे से अच्छे पटाखे दे देंगे हमारी पटाखों की मैन्यूफैक्चरिंग है और यकीन मानिए धमाके शादी को चार चांद लगा देंगे। इसके बाद हमने सुलेमान से ये कहकर विदा ली कि घर में डिस्कशन करके एक-दो दिन में आते हैं। घर से नीचे उतरते हुए भी हमने उसकी दुकान पर रखे कुछ पटा्रखों के फोटो अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिए।

फैक्ट्री ले जाने को राजी

सुलेमान के घर से निकलने के बाद हमने मार्केट में चहलकदमी की और कुछ और दुकानदारों से मिले। जिनमें से ज्यादातर ने हमें सौदे के लिए पटाखा फैक्ट्री ले जाने के लिए साफ मना कर दिया। मगर अजीज भाई नाम के एक दुकानदार ने हमसे कहा कि मैं आपको जहां कहो वहां और जितने कहो उतने पटाखे पहुंचवा दूंगा। फैक्ट्री भी दिखा दूंगा और क्वालिटी भी चेक करवा दूंगा। मगर इसके लिए आपको एडवांस जमा करवाना होगा और पटाखे लेने ही होंगे। अगर फैक्ट्री पर पटाखे पसंद नहीं आते तो एडवांस वापस नहीं होगा। मैंने कहा कि ऐसा कहा होता है तो अजीज भाई बोले भाईजान आप कौन हो हम जानते नहीं और फैक्ट्री दिखा दें कहीं आप कल को कुछ कर दो तो बस हमारा तो धंधा ठप हो जाएगा। इसके बाद हमने अजीज भाई से कहा कि आप निश्चिंत रहिए हमें लिस्ट दे दीजिए फिर हम फाइनल मन बनाकर आएंगे। फैक्ट्री भी चलेंगे और पटाखे भी जरूर लेंगे।

बारुद के ढेर पर

दरअसल, पटाखों के मामले में तीरगरान बड़ा नाम है। मगर भोपाल विहार, गोकुलपुर, मंगलपांडेय नगर, तारापुरी, अहमद नगर, श्याम नगर, शिव शक्ति विहार समेत कई इलाकों में भी पटाखा बनाने की फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही है। इन इलाकों में किसी भी दिन पंजाब के गुरदासपुर जैसा धमाका लोगों की इहलीला समाप्त कर सकता है।

बाहर भी सप्लाई

तीरगरान में पटाखे लेने के लिए लोग दूर दराज से आते है। जैसे-जैसे दीपावली के दिन पास आते रहेंगे, वैसे-वैसे तीरगरान में पटाखे लेने वालो की भीड़ बढ़ती जाएगी। घर-घर में पटाखे बेचे जा रहे है और अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चलाई जा रही है।

थानों की सेटिंग हो रहा खेल

ऐसा नहीं है कि शहर के इन इलाकों में चल रही पटाखों की अवैध फैक्ट्रियों का पता पुलिस को नहीं है। दरअसल, सारा खेल सेटिंग की आड़ में चल रहा है। कोतवाली के तीरगरान में कई लोग अवैध रूप से पटाखे बना रहे है लेकिन बावजूद इसके पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। लिसाड़ी गेट क्षेत्र में भी कई पटाखा फैक्ट्री चल रही हैं लेकिन थाना पुलिस इन पर कार्रवाई से हमेशा बचती है।

परमीशन के लिए लगा रहे सिफारिश

सूत्रों के मुताबिक जिला प्रशासन ने अग्निशमन विभाग के साथ मिलकर पटाखा फैक्ट्री के लाइसेंस 3 साल पहले निरस्त करा दिए थे। जिसके बाद से लगातार पटाखा फैक्ट्री मालिक जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे है ताकि लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई हटकर नवीनीकरण हो जाए, इसके लिए बकायदा ऊपर लेवल से सिफारिश भी लगाई जा रही है लेकिन लाइसेंस नवीनीकरण करने से साफ मना कर दिया गया है।

हमने आदेश जारी किया है कि शहर में अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जहां-जहां अवैध फैक्ट्री चल रही है, उनको चिह्नित करके छापेमारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी

ये रहे बड़े मामले

10 नवंबर 2018

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का शहर में खुलकर उल्लंघन हुआ। ग्रीन के बजाय बारूद वाले पटाखे जलाए गए, जिसमें कई घटनाएं भी हुई।

7 मार्च 2018

लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के समर गार्डन में खाली पड़े एक प्लॉट में सुतली बम (पटाखा) फटने से छह बच्चे घायल हो गए थे।

23 मई 2016

लिसाड़ी गेट के इस्लामाबाद में खत्ता रोड के पास ही आतिशबाजी के लिए लाए गए पटाखों को नष्ट करते समय उनमें जबरदस्त विस्फोट हो गया।