मुंबई पुलिस की तर्ज पर क्राइम ब्रांच का होगा गठन

हाईटेक क्रिमिनल से निपटने के लिए मेरठ पुलिस भी बन रही हाईटेक

क्राइम ब्रांच और कंट्रोल रूम को किया जा रहा है अपडेट

Meerut। बदलते दौर के साथ क्राइम के ट्रेंड में भी बदलाव आया है। अपराधी हाईटेक हो गए हैं तो वहीं अत्याधुनिक उपकरणों और गैजेट्स का प्रयोग कर रहे हैं। खासकर साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में मेरठ पुलिस मुंबई की तर्ज पर हाईटेक हो रही है। क्राइम ब्रांच और कंट्रोल रूम का पुर्नगठन किया गया है। जिसमें दो दर्जन से ज्यादा चुनिंदा पुलिसकर्मी और अधिकारी शामिल जा रहे हैं।

तय हो सकेगी जबावदेही

अपराधी हाईटेक हो गए हैं। साइबर क्राइम भी बढ़े हैं। प्रदेश सरकार ने पुलिस को हाईटेक होने के निर्देश दिए तो पुलिस में स्मार्ट और टेक्नोसेवी पुलिसकर्मियों को साइबर सेल, क्राइम ब्रांच और कंट्रोल रूम में तैनात किया गया। एसएसपी अजय कुमार साहनी के निर्देश पर मेरठ पुलिस को मुंबई की तर्ज पर एडवांस टेक्नोलॉजी यूजर बनाया जा रहा है। अपराधों पर मुख्य जवाबदेही एसपी और एएसपी की होगी।

हाईटेक बदमाश, हाइटेक अपराध

मेरठ में गत दिनों ओएलएक्स पर मिलिट्री के कुछ जवानों की आईडी को मिसयूज कर रायल इनफील्ड की बिक्री के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की गई। साइबर सेल और क्राइम ब्रांच ने हाई टेक्नोलॉजी को यूज करते हुए राजस्थान के रहने वाले साइबर क्रिमिनल्स को उसके आईपी एड्रेस को ट्रैस कर धर दबोचा। ऐसे में क्राइम ब्रांच को और अधिक एक्टिव और स्मार्ट किया गया है। जिससे आर्थिक धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग, साइबर क्राइम एवं अन्य जघन्य अपराधों का खुलासा आसानी से हो सके।

मेरठ में 4 टीमें

क्राइम ब्रांच में चार शाखाएं बनाई गई हैं।

क्राइम इंटेलीजेंस टीम

इसे दो भागों में बांटते हुए क्राइम इंटेलीजेंस और सर्विलांस सेल बनाया गया है।

यह शाखा अपराध और अपराधियों से संबंधित सूचनाएं प्राप्त करेगी।

डिटेक्शन एंड इन्वेस्टीगेशन टीम

इस टीम में पूर्व से चल रही शाखाएं जैसे डॉग स्कवायड आदि को शामिल करके किसी भी क्राइम का त्वरित खुलासा करने के लिए मुस्तैद किया गया है।

क्राइम मॉनीटरिंग

तीसरी शाखा क्राइम मानीटरिंग है। इसमें आर्गनाइज्ड (सुनियोजित) क्राइम यूनिट एवं मानव तस्करी, नारकोटिक्स सेल, गुमशुदा सेल को शामिल किया गया है। इस शाखा का काम क्राइम के ट्रेंड पर डॉक्यूमेंट्री बनाना और प्रभारी व अन्य शाखाओं को फीडबैक देना है।

स्वाट टीम

इस टीम में अपराधियों की धरपकड़ के लिए तेजतर्रार अधिकारी व पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। इन पुलिसकर्मियों को आधुनिक स्वचलित हथियारों और संसाधनों से लैस किया गया है।

अलग कार्यालय

पुलिस लाइन में क्राइम ब्रांच के लिए अलग से कार्यालय खोला गया है। जिसमें स्टाफ व अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें लगभग 25 कांस्टेबल, 4 उप निरीक्षक और एक वैज्ञानिक सहायक तैनात किया गया है।

ट्रेडिशनल क्राइम से बजाय अब क्राइम का ट्रेंड हाईटेक हो गया है। इसलिए पुलिस ने भी अपनी कार्यप्रणाली को हाईटेक किया है। स्मार्ट और टेक्नोसेवी पुलिसकर्मियों को क्राइम ब्रांच में रखा गया है। इंटेलीजेंस इनपुट पर एक-एक टीम अत्याधुनिक तकनीकि का प्रयोग कर केसेस को सॉल्व कर रही है।

राम अर्ज, एसपी क्राइम, मेरठ