सीतापुर में चर्चा

जी हां सीतापुर के पवन कुमार ने सतयुग के श्रवण कुमार के चरित्र को खुद के अंदर उतारने की कोशिश की है। जिस तरह से सतयुग के श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को कांवड़ पर तीर्थयात्रा कराई थी उसी तरह वह अपने दादा को लेकर निकले है। इसके लिए पवन ने अपनी नौकरी छोड़ दी है। पवन कांवड़ के एक पाले में दादा बसंत लाल को और दूसरी ओर अपनी स्वर्गवासी दादी की अस्थियों के साथ गांव की मिट्टी रखे हैं। दादी की अस्थियों को वह हरिद्वार में विसर्जित करेंगे। हाल ही में वह बरेली पहुंच गए हैं। सबसे खास बात तो यह है कि पवन नंगे पांव चल रहे हैं। इस दौरान उनके इस नेक काम में पीछे-पीछे उनके चाचा ताऊ आदि भी चल रहे हैं। सभी पवन का पूरा ख्याल रखे हैं और उसके इस कदम की तारीफ कर रहे हैं। पूरे सीतापुर में भी पवन की चर्चा है।

इंडिया को जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने वाले इस इंसान को होना पड़ा था नेशनल हॉकी टीम से बाहरख्वाहिश को पूरा

इस संबंध में पवन कुमार का कहना है कि वह पूरे एक साल तक पैदल चलकर चारों धामों की यात्रा पूरी करेंगे। उनके बड़ी खुशी है कि वह अपने दादा की ख्वाहिश को पूरा कर रहे हैं। पवन कहते हैं कि उन्हें एक दिन पता चला कि उनके दादा की इच्छा तीर्थयात्रा पर जाने की है। जिसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपने दादा की यह इच्छा पूरी करेंगे। आज वह जिस तरफ से निकल रहे हैं हर कोई उन्हें देख रहा है। लोग उन्हें कलियुग का श्रवण कुमार कह रहे हैं। वहीं उनके इस कदम से उनके दादा जी भी बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि वह काफी किस्मत वाले हैं क्योंकि उन्हें ऐसा पोता मिला है।

इन बच्चों ने सिर्फ हंसने के लिए लगाई 75 लाख रुपये की मर्सिडीज में आग, देखें वीडियो

एक ऐसी झील जहां पर आने वाले जीव बन जाते हैं पत्थर की मूर्ति...

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

Interesting News inextlive from Interesting News Desk