- परेंट्स को कम निजी स्कूलों को अधिक राहत मिलने के थे आसार

-सीए की रिपोर्ट पर संदेह जताकर एबीवीपी ने किया हंगामा

बरेली: करीब छह माह बाद होने वाली जिला शुल्क निर्धारण कमेटी की बैठक थर्सडे को नहीं हो सकी। खींचतान में फंसने के कारण डीएम ने मीटिंग कैंसिल कर दी। शुल्क निर्धारण कमेटी के सदस्यों के ट्रांसफर हो जाने और उनकी जगह पर नए सदस्यों के नाम नहीं होने को आधार बताकर मीटिंग कैंसिल कर दी गई। साथ ही अन्य सदस्यों को सूचना भी भेज दी गई है।

सीए की रिपोर्ट पर संदेह

जिला शुल्क कमेटी की जांच में करीब 25 निजी स्कूल आए थे। इनके रिकॉर्ड सीए ने चेक करके रिपोर्ट सौंपी। आरोप है कि निजी स्कूलों ने कार्रवाई से बचने के लिए इन्हीं सीए को बाद में अपनी बैलेंस शीट व अन्य रिकॉर्ड करने का काम सौंप दिया। ऐसे में अभिभावक संघ व एबीवीपी ने सीए की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर उनकी रिपोर्ट पर संदेह जताया। बैठक में साल-दर साल हजारों रुपए की शुल्क वसूली करने वाले निजी स्कूलों से मात्र 200-400 रुपये तक फीस वापसी पर मुहर लगने की आशंका पर एबीवीपी व अभिभावक संघ मुखर हो गया।

एबीवीपी ने किया हंगामा

कमेटी में अभिभावक प्रतिनिधि अंकुर सक्सेना भी सदस्य थे। जिन्होंने बैठक से पहले ही सीए की रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था। बैठक में इस बिंदु पर अपनी सहमति न देने की तैयारी की थी। जबकि एबीवीपी ने अभिभावकों के पक्ष में सकारात्मक हल नहीं निकलने पर आंदोलन का बिगुल बजा रखा था। इसी कड़ी में थर्सडे को सुबह सीए की रिपोर्ट पर संदेह जता कर एबीवीपी कार्यकर्ता डीएम को ज्ञापन देने पहुंचे। जिन्हें कलेक्ट्रेट गेट पर रोकने से बात बिगड़ गई। एबीवीपी कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए। उन्होंने जमकर कलेक्ट्रेट पर हंगामा किया।

डीएम को सौंपा ज्ञापन

हालांकि बाद में 20 कार्यकर्ताओं को अंदर जाने की अनुमति मिली और उन्होंने ज्ञापन सौंपा। ऐसे में बैठक होने पर अभिभावकों को कम व निजी स्कूलों को अधिक राहत मिलने पर हंगामा की आशंका पर अफसरों ने बैठक को आनन-फानन में स्थगित कर दिया।