--थोक मंडी में 31 से 35 रुपये प्रति किलोग्राम उपलब्ध है प्याज

- थोक व्यापारियों का दावा, एक महीने में नियंत्रित होगी कीमत

- आज विभागीय अधिकारियों के साथ मूल्य स्थिरीकरण कोष पर मंत्रणा

रांची : मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश होने की वजह से प्याज का उत्पादन समय पर नहीं हो सका। नतीजतन प्याज के लिए महाराष्ट्र के नासिक की मंडी पर ही झारखंड की निर्भरता बनी रही। देश में प्याज की कीमत में बढ़ोतरी की यह मूल वजह है। झारखंड में प्याज की कोई किल्लत नहीं है। बाजार समिति की थोक मंडी में आज भी 41 से 45 (उच्च गुणवत्ता) तथा 31-35 (मध्य श्रेणी) रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज उपलब्ध है। अब जबकि बारिश समाप्ति की ओर है, एक महीने के अंदर प्याज की कीमत नियंत्रित हो जाएगी। फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, रांची चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा आलू प्याज थोक विक्रेता संघ ने खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय को यह जानकारी दी है।

नहीं कर रहे स्टॉक

व्यापारियों ने मंत्री को यह भी आश्वस्त किया कि वे प्याज की होर्डिग नहीं कर रहे। मंत्री हाल के दिनों में प्याज की कीमत में हुई बेतहाशा वृद्धि को लेकर मंगलवार को व्यापारियों से मुखातिब थे। मंत्री सरयू राय ने प्याज के थोक भाव एवं खुदरा भाव में काफी अंतर होने पर चिंता जताई तथा खुदरा व्यापारियों से प्याज की कीमत थोक भाव के आसपास रखने की अपील की। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आम जनता को रांची और नासिक में विद्यमान प्याज के थोक भाव और खुदरा भाव से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी मसले पर बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें मूल्य स्थिरीकरण कोष का उपयोग कर प्याज की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार होगा। इसके बाद मुख्य सचिव और वित्त सचिव को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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