- बिहार सरकार ने एमओयू पर किया हस्ताक्षर, तीन संस्थान करेंगे सहयोग

-128 करोड़ से भोजपुर के कोईलवर में इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ का हुआ निर्माण

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मानसिक समस्याओं से प्रभावित लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से भोजपुर जिले के कोईलवर में लगभग 128 करोड़ की लागत से इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ का निर्माण भी किया गया है। बिहार में बेहतर मानसिक स्वास्थ्य की सुविधा बहाल करने को लेकर राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब राज्य के प्रत्येक जिले में बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की सरकार द्वारा पहल की जा रही है। इसमें मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करने वाले तीन संस्थान मारीवाला हेल्थ फाउंडेशन, इंडियन लॉ सोसायटी, पुणे एवं आई-कॉल (टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान-टीआईएसएस) के साथ बिहार सरकार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। अब ये तीनों संस्थान राज्य में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को तकनीकी सहयोग के द्वारा मजबूती प्रदान करने का कार्य करेंगे। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के दौरान कहीं।

- मिलेंगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं

मंत्री ने कहा कि यह एक गैर-वित्तीय समझौता है जो पांच वषरें तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने बताया कि इन तीनों संस्थानों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम पर कार्य करने के अच्छे अनुभव हैं। मारीवाला हेल्थ फाउंडेशन समुदाय में हाशिये पर रहने वाले लोगों के लिए सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इंडियन लॉ सोसायटी राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत कानूनी नियमों के संरक्षण एवं इससे संबंधित सुझाव देने का कार्य करेगी। टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की एक फील्ड एक्शन परियोजना है, जो संकट में रहने वाले लोगों को सुलभ एवं बेहतर सुविधा प्रदान कर उन्हें लाभ पहुंचाने का कार्य करती है।

क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों में कानूनी सहायता इकाई का निर्माण

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि यह एमओयू राज्य में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम को सुदृढ़ करेगा। इसमें मारीवाला हेल्थ फाउंडेशन द्वारा एक तकनीकी सहयोग इकाई (टीएसयू) की स्थापना की जाएगी। अब मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन के लिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोडरें की क्षमता वर्धन एवं इसे सुचारू रूप से कार्यान्वित करने में भी तकनीकी सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इससे पुलिस अधिकारियों, जिला न्यायाधीशों, सेवा उपयोगकर्ताओं, सेवा प्रदाताओं एवं मानसिक स्वास्थ्य कर्मियों का भी क्षमता वर्धन होगा। उन्होंने बताया कि मानसिक समस्याओं से प्रभावित लोगों के लिए समुदाय स्तर तक बेहतर सेवा का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों में कानूनी सहायता इकाई का भी निर्माण होगा। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत परामर्शदाताओं का क्षमता वर्धन कर इसके माध्यम से किशोरों को मानसिक स्वास्थ्य सेवा परामर्श प्रदान किया जाएगा। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन कार्यक्रम की स्थापना की जाएगी।