- मेट्रो ट्रेन के लिए सीधे ग्रिड से बिजली की सप्लाई ली जाएगी

- 1.78 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा सब स्टेशन

LUCKNOW: मेट्रो रेल को बिजली की आवाजाही से कोई फर्क नहीं पडे़गा। मेट्रो परियोजना के लिए एलएमआरसी और लेसा के बीच टाइअप भी हो गया। करोड़ों रुपए की लागत से एक सब स्टेशन मेट्रो ट्रेन के लिए बिजली सप्लाई की जाएगी। इस सब स्टेशन से डायरेक्ट मेट्रो को बिजली सप्लाई की जाएगी। बिजली के आने-जाने से मेट्रो को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

सरोजनी नगर में बनेगा सब स्टेशन

सरोजनी नगर में अलग से क्फ्ख् केवी का सब स्टेशन बनाया जाएगा। इस सब स्टेशन के जरिए ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक मेट्रो दौड़ाने के लिए विद्युत सप्लाई दी जाएगी। ग्रिड फेल होने की दशा में ही मेट्रो रेल के पहिए रूकेंगे। मेट्रो रेल परियोजना में पहले चरण में नार्थ साउथ कोरिडोर में अमौसी से मुंशीपुलिया के बीच मेट्रो चलेगी। पहले फेज में प्राथमिक सेक्शन के रूप में ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक आठ किमी में मेट्रो दिसंबर ख्0क्म् में शुरू होना है। एलएमआरसी में इलेक्ट्रिकल एंड सिग्नल के निदेशक महेंद्र सिंह ने बताया कि मेट्रो रेल को चलाने के लिए सीधे ग्रिड से बिजली की सप्लाई ली जाएगी। इसके लिए सरोजिनीनगर में लगभग क्.78 करोड़ की लागत से क्फ्ख् केवी सब स्टेशन बनाया जाएगा। इस सब स्टेशन से ट्रैक्शन पावर के लिए ख्भ् केवी ओवर हेड इलेक्ट्रिकल (ओएचई) की सप्लाई ली जाएगी। इससे क्षेत्र विशेष में मेट्रो रेल को बिजली देने से कोई फर्क पडे़गा और न ही क्षेत्र में बिजली की आवाजाही से मेट्रो रेल रूकेगी। हालांकि ग्रिड फेल होने की दशा में ही मेट्रो रेल के पहिए रूक जाएंगे। वहीं रेल के चलने के बाद माह वार होने वाली विद्युत खपत के लिए बाद में पावर कॉरपोरेशन से अनुबंध होगा।

पाइलिंग का काम तेज

प्राथमिक सेक्शन में सभी आठ स्टेशनों पर पाइलिंग कार्य जारी है। कृष्णा नगर स्टेशन में एक पियर भी बन कर तैयार हो चुका है। वहीं स्टेशन के दूसरी ओर पॉलीटेक्निक की जमीन भी एलएमआरसी को मिल गई। हालांकि कुछ स्टेशनों पर जमीन को लेकर विवाद है लेकिन बाहर की ओर स्टेशनों पर फ्ख्क् पाइल व क्क् पाइल कैप बन चुके है। बुधवार को स्टेशन डिजाइन की फिनिशिंग व इसके आकार को लेकर कनसल्टेंसी कोरिया व फ्रांस से सिस्ट्रा के प्रतिनिधियों ने तकनीकि पहलुओं पर चर्चा विमर्श किया। इस महीने होंगे टेंडर इस महीने के अंतिम सप्ताह में मेट्रो चार और टेंडर करने जा रहा है। मेट्रो रेल को दौड़ाने के लिए टेंडर मायने रखते हैं। चालीस करोड़ के दो ट्रैक फिनिशिंग व इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिक और ट्रैक्शन पावर के टेंडर होंगे। यह टैंडर पूरे कोरिडोर व डिपो के लिए होंगे। एलिवेटड रूट पर ट्रैक्शन पावर जहां ब्ख् मीटर होगा वहीं भूमिगत रूट पर पांच मीटर के ऊपर ट्रैकशन पावर होगा।

मेट्रो रेल को चलाने के लिए सीधे ग्रिड से बिजली की सप्लाई ली जाएगी। इसके लिए सरोजिनीनगर में लगभग क्.78 करोड़ की लागत से क्फ्ख् केवी सब स्टेशन बनाया जाएगा।

महेन्द्र सिंह, निदेशक, इलेक्ट्रिकल एंड सिग्नल, एलएमआरसी