वादा तेरा वादा

सपा के घोषणा पत्र में जनता को लुभाने का प्रयास

चुनावी मौसम में वादों की पटरी पर मेट्रो

-यूपी में कैबिनेट स्तर पर अटकी डीपीआर की मंजूरी

-परियोजना को मंजूर कराने का वादा कर रहे थे स्थानीय नेता

अखिल कुमार

Meerut: सियासी वायदों की पटरी पर मेरठ की मेट्रो एक बार फिर चल पड़ी है। लखनऊ में रविवार को आए समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र में मेरठ में मेट्रो चलाने का वादा किया गया, जबकि सत्ता में रहते हुए परियोजना पर नजरें इनायत नहीं हो सकीं।

कैबिनेट की चौखट पर

27 मई 2016 को मेरठ में राइटर्स और लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कमिश्नर आलोक सिन्हा की अध्यक्षता मेरठ मेट्रो की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत की थी। नोडल एजेंसी एमडीए के ऑफीसर्स ने भूमि अधिग्रहण संबंधी अपनी तैयारियों का ब्योरा दिया था। यहां से एप्रूव होकर डीपीआर शासन के पास भेजी गई। विभिन्न मंत्रालयों से गुजरकर फिलहाल मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट कैबिनेट के दरवाजे पर ठहर गया है।

राजनीतिक उपेक्षा

स्थितियों पर गौर करें तो लखनऊ मेट्रो को सूबे की सपा सरकार ने टास्क के तौर पर लिया और कार्यकाल पूरा होने से पहले इसके साथ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण भी कर दिया। दूसरे चरण में कानपुर, वाराणसी, मेरठ और आगरा में मेट्रो परियोजना का शुभारंभ होना था। कानपुर और वाराणसी में मेट्रो की डीपीआर यूपी की कैबिनेट होती हुई केंद्र सरकार से भी एपू्रव हो गई किंतु आगरा और मेरठ की डीपीआर यूपी सरकार की कैबिनेट का दरवाजा खटखटा रही है।

एक नजर

-10 हजार करोड़ की मेरठ मेट्रो में 55 फीसद ऋण राशि होगी।

-जबकि बाकी लागत केंद्र और राज्य सरकार वहन करेगी।

-डीपीआर में कुल निर्माण को दो कॉरीडोर में बांटा गया है।

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मेरठ मेट्रो को सीएम ने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया है। डीपीआर पहले ही मंजूर हो चुकी है। आधा काम हो गया है, आधा बाकी है। सपा की सरकार बनते ही मेरठ में मेट्रो आएगी।

-शाहिद मंजूर, कैबिनेट मंत्री, किठौर विधानसभा प्रत्याशी

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अखिलेश ने एक बार फिर मेट्रो का नाम लेकर वेस्ट की पब्लिक को लुभाने का काम किया है। मेरठ मेट्रो परियोजना को प्रदेश स्तर पर टाला जा रहा था। कई बार सीएम का पत्र लिखा था।

-राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ

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मेट्रो की डीपीआर एप्रूव होने के बाद भी सपा सरकार उसे कैबिनेट में लेकर नहीं गई। एक बार फिर मेरठ की जनता को भ्रमित करने का काम अखिलेश यादव ने किया है।

-हरिकांत अहलूवालिया, महापौर, मेरठ

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मेरठ मेट्रो की डीपीआर को गत दिनों कैबिनेट की मंजूरी के लिए सरकार में भेजा गया है। आचार संहिता लागू होने के बाद फिलहाल परियोजना पाइप लाइन में है। सूबे में नवीन सरकार के गठन के बाद ही परियोजना पर प्रगति होगी।

-विवेक भास्कर, नोडल अधिकारी, मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट