कमिश्नर ने डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसी से ली जानकारी
नवंबर तक पूरा होगा डीपीआर, राज्य और केंद्र सरकार को जाएगी रिपोर्ट
ALLAHABAD: सीएम योगी आदित्यनाथ ने परेड मैदान से प्रयाग में मेट्रो कार्ययोजना तैयार होने की घोषणा की। इसके बाद अचानक शांत पड़ी सरकारी मशीनरी ने भी रफ्तार पकड़ ली। कमिश्नर ने आनन-फानन में डीपीआर तैयार कर रही राइट्स एजेंसी संग बैठक कर जानकारी ली। एजेंसी के कर्मचारियों ने बताया कि नवंबर तक डीपीआर तैयार हो जाएगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मेट्रो रेल परियोजना को ब्रेक लग गया था। लंबे समय से न तो बैठक हुई थी और न ही अधिकारियों द्वारा कोई बयान जारी किया गया।
केंद्र सरकार देगी हरी झंडी
प्रयाग में मेट्रो चलाए जाने की परियोजना पर पिछले एक साल से मंथन चल रहा है। फिलहाल डीपीआर तैयार हो रहा है। नवंबर में रिपोर्ट तैयार होने के बाद जिला प्रशासन राज्य सरकार को भेजेगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र सरकार डीपीआर को फाइनल करेगी। फिर मेट्रो रेल का कार्य जमीनीस्तर पर शुरू हो जाएगा।
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सलाहकार की भूमिका में राइट्स
इलाहाबाद मेट्रो रेल परियोजना का डीपीआर तैयार करने के लिए भारत सरकार के उपक्रम राइट्स को सलाहकार बनाया गया है। वही लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन इस परियोजना में समन्वयक की भूमिका में रहेगी। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण को योजना में नोडल एजेंसी नामित किया गया है। इन सभी एजेंसियों के साथ जिला प्रशासन की जल्द ही बैठक हो सकती है।
राइट्स एजेंसी के लोगों को बुलाकर डीपीआर का मौजूदा स्टेटस पूछा गया है। उन्होंने बताया कि नवंबर तक डीपीआर का काम खत्म कर देंगे। इसके बाद रिपोर्ट उप्र व केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
डॉ। आशीष कुमार गोयल, कमिश्नर
सरकार घोषणाएं तो लगातार कर रही है। जमीन पर कुछ दिखे तो पता चले कि काम हो रहा है। अभी तक ऐसा कुछ देखने को मिला नहीं है। सिटी को ट्रैफिक जाम से मुक्ति के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का रिच होना जरूरी है। मेट्रो इस दिशा में एक बड़ी पहल हो सकती है। घोषणा नहीं सरकार को काम करके दिखाना चाहिए।
पंकज रॉय
वाइस चेयरमैन, कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ
घोषणाएं तो बहुत हैं लेकिन काम शुरू हो जाए तो मानिए। उम्मीद है सीएम की घोषणा के बाद सरकारी मशीनरी तेज काम करेगी।
भानु प्रताप मिश्रा
संभव है कि जल्द ही इलाहाबाद मेट्रो चलने लगेगी। लेकिन इसकी सुरक्षा पर सबसे पहले ध्यान देना होगा। यात्रियों का सेफ रहना बहुत जरूरी है।
विवेक गोंड
योजना की घोषणा के बार उसका अमलीजामा पहनाने में काफी समय लग जाता है। वैसे भी सरकारी काम लेटलतीफी के साथ होते हैं।
विपिन पटेल
8000 करोड़
अनुमानित लागत
2018
के जुलाई तक ढांचागत निर्माण कार्य शुरू8 होने का समय
2024
तक परिचालन शुरू होने का संभावना
20
किलोमीटर का पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण के बीच फर्स्ट फेज में गलियारा बनाने की योजना
39
स्टेशन बनाने का अभी तक है प्रस्ताव