- काशी विद्यापीठ में छात्र-छात्राएं असुरक्षित, आएदिन मारपीट पर उतारू रहते हैं बाहरी छात्र

- अराजकतत्वों पर नहीं चलता है सुरक्षाकर्मियों का जोर, विवि प्रशासन भी बना रहता है मूकदर्शक

काशी विद्यापीठ में इन दिनों छात्रसंघ चुनाव को लेकर माहौल गर्म है। नए-पुराने सभी छात्रनेताओं की जुटान कैंपस में हो रही है। सुबह से दोपहर तक छात्रों का अलग-अलग गुट अपने वर्चस्व को लेकर दंभ भर रहा है। बाहरियों का जमावड़ा बन चुके विद्यापीठ कैंपस में मारपीट की घटनाएं भी आए दिन हो रही है। अभी हाल ही में समाज संकाय में छात्रों का गुट भिड़ गया। इसमें अधिकतर बाहरी छात्र बताए गए। कहने को विद्यापीठ के सुरक्षाकर्मी भी हैं लेकिन छात्रों सहित अराजकतत्वों पर उनका कोई जोर नहीं है।

एडमिशन नहीं हुआ पूरा

कैंपस में बाहरी घुसकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को नजर नहीं आ रहा है। यही वजह है कि छात्राओं में असुरक्षा की भावना होने के साथ ही छात्रों संग मारपीट की घटनाएं होती है। कैंपस में बाहरियों के प्रवेश पर कुछ छात्र लामबंद होते हैं। वहीं कुछ गुट इसे बढ़ावा देते हैं। चुनावी माहौल में इन दिनों सबसे अधिक बाहरी जुट रहे हैं। एक कारण यह भी है कि अभी काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं है।

बाहरी करते हैं गालीगलौज

सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए कैंपस में पुलिस चौकी के अलावा विद्यापीठ के तीन दर्जन से अधिक प्राइवेट सुरक्षाकर्मी तैनात हैं लेकिन मारपीट जैसी घटनाओं में हस्तक्षेप करने से ये भी कतराते हैं। गेट नंबर एक, दो और तीन पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से नोकझोंक सहित गालीगलौज तक बाहरी छात्र करते हैं लेकिन फिर भी विद्यापीठ प्रशासन उन्हें चिन्हित नहीं कर पाता। इसे लेकर सुरक्षाकर्मियों ने कई बार विद्यापीठ प्रशासन से गुहार भी लगाई है।

ड्यूटी करें या मार सहें

बाहरियों को सबक सिखाने के लिए सुरक्षाकर्मी तैयार हैं मगर कहीं न कहीं विद्यापीठ प्रशासन की लचर शैली से अंदर ही अंदर खफा भी हैं। सुरक्षा कर्मियों की मानें तो बाहरी कई ऐसे छात्र हैं जो सिर्फ कैंपस का माहौल खराब करने आते हैं लेकिन प्रशासन की अनुमति बगैर हाथ नहीं डाला जा सकता। विवि प्रशासन भी भलीभांति अपराधिक प्रवृत्ति वाले छात्रों को जानता-पहचानता है।

यह तो सच है कि छात्रों से अधिक बाहरी यहां माहौल बनाते हैं। विवि प्रशासन जानते हुए भी उन पर कार्रवाई नहीं करता। आये दिन मारपीट की घटनाएं हो रही हैं।

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आईकार्ड चेकिंग शुरू हो जाए तो बाहरी छात्रों का जुटान समाप्त हो जाए। लेकिन वह भी एक-दो दिन अभियान चलाकर खत्म हो जाएगा।

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विवि प्रशासन जानते हुए भी बाहरियों पर कार्रवाई नहीं करता। यही वजह है कि अराजकतत्वों का मनोबल बढ़ा हुआ है। यहां असुरक्षा तो है ही नहीं।

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छात्राओं के लिए थोड़ी असुरक्षा की भावना मन में रहती है। बाहरी छात्र क्लासेज तक घुसकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस पर काशी विद्यापीठ प्रशासन रोक नहीं लगा पाया है।

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