मेरठ के सबसे ज्यादा स्कूलों ने नहीं दिया डाटा

Meerut। मिड डे मील पर सरकार की पैनी नजर के बावजूद सरकारी स्कूल गंभीर नहीं हैं। इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम यानि आईवीआरएस रिपोर्ट के जरिए शासन ने स्कूलों की पोल खोल दी है। मेरठ में करीब 233 स्कूलों ने मिड डे मील की सूचना नहीं दी है। शासन ने सभी स्कूलों का ब्योरा जुटाकर कार्रवाई के निर्देश्दिए हैं।

यह है मामला

मिड डे मील अथॉरिटी ने बीते बुधवार को योजना की समीक्षा की थी। जिसमें प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों से 17 अप्रैल को बच्चों को दिए गए मिड-डे मील का डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। इस दौरान मेरठ में 1579 खुले स्कूलों में से 233 स्कूलों ने मिड डे मील के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। प्रदेश के 16 जनपदों में से सिद्धार्थनगर के बाद मेरठ में सबसे अधिक स्कूलों ने मिड डे मील नहीं उपलब्ध कराया है।

यह है स्थिति

स्कूलों को रोजाना मिड-डे मील की रिपोर्ट आईवीआरएस पर देनी होती है। इसके लिए स्कूल में ही स्कूल हेड व टीचर्स से उसके मोबाइल पर एमडीएम ऑथेरिटी की ओर से हर दिन फोन कॉल करके बच्चों की संख्या का डाटा लिया जाता है। यह कॉल दिन में दो बार आती है। पहली बार में यह जानकारी ली जाती है कि आज स्कूल में कितने टीचर्स, कितने स्टूडेंट्स कितनी लड़कियां व लड़के उपस्थित हैं। दूसरी बार फोन मिड डे मील से लाभांवित होने वाले बच्चों का डाटा लियााता है।

जिन स्कूलों ने पूरी जानकारी नहीं दी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। मिड डे मील की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है।

वीरेंद्र कुमार सिंह, मंडलीय कोर्डिनेटर, एमडीएम