शहर में हर रोज 3.5 लाख से 4 लाख ली। की दूध की खपत

2 लाख 8 हजार 500 ली। की हुई बिक्री

जिले में 7 लाख ली। से हर रोज होता है दूध का उत्पादन

खेतों में बेकार हो रही किसानों की सब्जियां

नहीं ले जा रहे मंडी

आगरा। लॉकडाउन में लोगों को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं मिल पा रहा है। शहर में शहर में हर रोज 3.5 लाख से 4 लाख ली। दूध की खपत होती है, लेकिन मौजूदा समय में दो लाख 8 हजार 500 ली। दूध की ही बिक्री हो पा रही है। ऐसे में आप अनुमान लगा सकते हैं कि क्या सभी को पैक्ड दूध मुहैया हो पा रहा है। प्रशासन का दावा है कि शहर में दूध की कोई कमी नहीं है। डेयरियों से पैक्ड दूध की आपूíत की जा रही है, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। अभी भी शहर के तमाम ऐसे हिस्से हैं, जहां दूध के साथ-साथ आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।

डोर टू डोर नहंी मिल रहा दूध

शास्त्रीपुरम पश्चिमपुरी के रहने वाले कोक सिंह सिसौदिया कहते हैं कि घर से निकलने की मनाही है। प्रशासन की ओर से डोर टू डोर दूध मुहैया कराने का दावा किया गया है, लेकिन हमें दूध लेने चौराहे पर जाना पड़ता है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि हुक्मरानों के दावे है कि शहर में कहीं कोई कमी नहीं है। ऐसे में लोगों की ये जुबानी दास्तान अफसरों के दावों की चुगली करती नजर आती हैं।

शहर में 2 लाख 8 हजार 500 ली। की हुई बिक्री

ग्रोसरी के नोडल अफसर एफएसडीए के नोडल अफसर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को शहर में 2 लाख 8 हजार 500 ली। पैक्ड दूध की बिक्री हुई है। अभी शाम को भी दूध आने की उम्मीद है। शहर में फल-सब्जी दूध की कोई कमी नहीं है। ग्रोसरी का सामान भी ऑनलाइन बिक्री हो रहा है। कल शाम तक 7050 ऑन डिलीवरी हुई है। हम लगातार मॉनीट¨रग कर रहे हैं। कहीं कोई दिक्कत की जानकारी आती है तो उसे निस्तारित कराया जा रहा है।

इतने दूध की बिक्री का दावा

अमूल मिल्क- 1 लाख 45 हजार ली।

मदर डेयरी- 12 हजार ली।

अनिक- 9 हजार ली।

नोवा- 10 हजार ली।

नेचर प्योर- 10 हजार ली।

पराग - 15 हजार ली।

ये है जिले में दुधारु मवेशियों की स्थिति

जिला विदेशी गाय देशी गाय भैंस भेड़ बकरी

आगरा 39353 166654 926668 93495 303077

खेतों में सब्जी भरपूर, शहर में लोग मोहताज

शहर में लोग सब्जी के लिए मोहताज है। कहीं मिल भी रही है तो रेट इतने महंगे कि भाव पूछकर ही मन हट जाए। वहीं दूसरी ओर खेतों में सब्जियां भरी पड़ी हैं। किसान सब्जियों को मंडी तक नहीं ले जा पा रहे हैं। इसके चलते खेतों में खड़ी-खड़ी सब्जियां खराब हो रहीं हैं। लॉक-डाउन पार्ट-2 में 12 दिन गुजर चुके हैं। लोगों को ग्रोसरी का सामान तक नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन के दावे हवा-हवाई सबित हो रहे हैं। एक ओर प्रशासन द्वारा सभी मंडियों के डिसेंटरराइजेशन करने की बात कही गई, लेकिन शनिवार को मंडियां तो खुलीं लेकिन उनमें सन्नाटा पसरा रहा। प्रशासन ने पांच मंडियों को खोलने की बात कही थी, लेकिन पास धारकों को भी प्रवेश दिया जा रहा है। सिकंदरा सब्जी मंडी से पहले पुलिस ने बैरियर लगाकर सभी को रोका जा रहा है। केवल पास धारक ही जा पा रहे हैं। उनको भी सब्जी नहीं मिल पा रही है। मंडी में कच्ची सब्जी को छोड़कर आलू और प्याज के अलावा अन्य कोई सब्जी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोग बिना दूध और सब्जी के घरों में कैद होकर रह गए हैं। बता दें कि सोशल डिस्टे¨सग का पालन कराने के लिए मंडी में जुर्माने का भी प्रावधान कर दिया गया है। इसमें बिना मास्क के पकड़े जाने पर 500 रुपये दूसरी बार में 1000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। जबकि थोक विक्रेता के अलावा अन्य के पाए जाने पर 1500 रुपये जुर्माना व अन्य का लाइसेंस निरस्त करने का निर्देश जारी किया गया है।

बाजार में सब्जियों के ये है रेट

आलू- 20 रुपये किलो

प्याज- 30 रुपये किलो

तोरई- 50 रुपये किलो

करेला- 50 रुपये किलो

¨भडी - 60 रुपये किलो।

लौकी- 30 रुपये किलो

टमाटर- 40 रुपये किलो।

शिमला मिर्च- 60 रुपये किलो।

कशीफल- 30 रुपये किलो

हरी मिर्च- 60 रुपये किलो।

खीरा-30 रुपये किलो

अदरक-120 रुपये किलो।