नई दिल्ली (एएनआई)। दिग्गज भारतीय धावक मिल्खा सिंह न केवल मैदान पर एक किंवदंती थे, बल्कि एक ट्रेंडसेटर भी थे। खेल के मैदान पर उनकी उपलब्धियों ने जहां बहुत लोगों को प्रेरित किया तो उनके जीवन पर बनी बायोपिक 'भाग मिल्खा भाग' ने बॉलीवुड में 'स्पोर्ट्स बायोपिक्स' का चलन शुरू किया। 2013 मे आई फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' ने कई रिकाॅर्ड बनाए। फिल्म बाक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। 'भाग मिल्खा भाग' से पहले खिलाड़ियों पर आधारित कुछ फिल्में बनी थीं, लेकिन ऐसा जादू किसी ने नहीं किया। इसकी कहानी प्रसून जोशी ने लिखी थी जबकि निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया।

फिल्म की कहानी लिखना सम्मान की बात
भारतीय पटकथा लेखक और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी उस फिल्म की कहानी लिखने को लेकर आज भी खुद को खुशकिस्मत मानते हैं। प्रसून ने कहा, "भाग मिखा भाग लिखना एक सम्मान की बात थी जिसने मुझे मिल्खा जी के जीवन का पता लगाने और उससे बहुत कुछ सीखने का मौका दिया। कुछ महीने पहले दिल्ली में उनसे और उनकी पत्नी निर्मल जी से मिले थे और 92 साल की उम्र में भी वे जीवन की प्रतीक्षा कर रहे थे।' मिल्खा ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से कैसे प्रेरित किया, जोशी ने कहा, "मिल्खा जी न केवल मेरी लिखी फिल्म के लिए बल्कि जीवन में भी प्रेरणा थे। वे कठिनाइयों से भागे नहीं बल्कि उनके साथ दौड़े और इतिहास रच दिया।'

'भाग मिल्खा भाग' ने बनाया नया ट्रेंड
'भाग मिल्खा भाग' रिलीज होने के बाद बाॅलीवुड में स्पोर्ट्स बायोपिक का ट्रेंड शुरु हो गया। 2016 में, प्रशंसकों को महान भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर आधारित फिल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' देखने को मिली। दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत स्टारर इस फिल्म ने रिलीज के बाद से कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और भारत के छोटे शहरों के युवाओं को सपनों में विश्वास करने के लिए प्रेरित किया। तीन महीने बाद आमिर खान अभिनीत फिल्म 'दंगल' आई जिसमें भारतीय पहलवानों बबीता फोगट और गीता फोगट के संघर्षों को दिखाया गया। यह फिल्म वर्ष 2016 में रिलीज हुई और पांचवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली गैर-अंग्रेजी फिल्म और दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली स्पोर्ट्स फिल्म का खिताब हासिल करने वाली फिल्म बनी।

एक रुपये में बेचे थे फिल्म अधिकार
स्पोर्ट्स बायोपिक्स तब से प्रशंसकों का पसंदीदा बन गया है, जो सिल्वर स्क्रीन पर अपने पसंदीदा एथलीटों की 'ऑफ द फील्ड' कहानियों को देखना पसंद करते हैं। मिल्खा सिंह ने फिल्म के अधिकार एक रुपये में बेचे थे और एक शर्त रखी कि जिसमें कहा गया था कि लाभ का एक हिस्सा मिल्खा सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट को दिया जाएगा, जिसे 2003 में गरीब और जरूरतमंद खिलाड़ियों की सहायता के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।

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