अर्जुन अवार्ड है बोगस
एथलीट मिल्खा सिंह ने खिलाडि़यों के लिये प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड पर सवाल उठाते हुये कहा है कि इन पुरस्कारों का इतिहास देखा जाये तो 100 से ज्यादा अर्जुन अवार्ड बोगस ही पाये जायेंगे. एक समय खुद अर्जुन अवार्ड को ठुकरा चुके मिल्खा का मानना है कि प्लेयर्स के अंदर ऐसे पुरस्कारों को पाने की लालसा बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है, जबकि उनके समय में वह पुरस्कारों पर कम अपने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान देते थे.

हिंदुस्तान में एक दिन की छुट्टी
85 साल के मिल्खा ने 1958 के कार्डिफ कॉमनवेल्थ गेम्स को याद करते हुये कहा कि मैंने उन खेलों में गोल्ड मेडल जीता था. तब भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन और ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विजयलक्ष्मी पंडित मेरे पास आई और उन्होंने मुझे नेहरू जी का संदेश दिया. नेहरूजी ने मुझसे पूछा था कि आप क्या चाहते हैं. मिल्खा ने कहा कि मैं चाहता तो पंजाब में कई एकड़ जमीन या दिल्ली में बंगला मांग सकता था, जो उनके लिये कोई बड़ी बात नहीं थी. लेकिन मैंने सिर्फ इतना ही कहा कि अगर आप कुछ देना चाहते हैं, तो एक दिन के लिये हिंदुस्तान में छूट्टी कर दें.

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