ranchi@inext.co.in
RANCHI: इस बार लोकसभा चुनावों में कौन से मुद्दे हावी रहेंगे? यंग जेनरेशन आज की राजनीति को किस नजरिए से देख रहा है? वोटिंग के दौरान वे किन बातों व प्राथमिकताओं को तरजीह देंगे? इन्हीं सब से रु-ब-रु होने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का मिलेनियल्स स्पीक जेनरल इलेक्शन-2019 का कारवां नोटबंदी को लेकर मिलेनि यल्स की राय जानने मेन रोड स्थित आईएनआईएफडी इंस्टीट्यूट पहुंचा। यहां चाय की चुस्कियों के बीच स्टूडेंट्स ने नोटबंदी के नफा-नुकसान पर बेबाक राय रखी।

आईएएनआईएफडी के कैंपस में मिलेनियल्स स्पीक को लेकर मिलेनियल्स का उत्साह देखते ही बन रहा था। इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर महबूब आलम के विचारों से नोटबंदी पर चर्चा की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू होने के बाद काला धन बाहर आया है, लेकिन सरकार से जिस तरीके से इसे लागू किया उससे देश में अव्यवस्था के साथ कॉमन मैन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अगर नोटबंदी करने का फैसला किया था तो व्यवस्था ऐसी कर ली जानी चाहिए थी कि लोगों को इस वजह से दिक्कतें नहीं हो। एकाएक नोटबंदी लागू होने के बाद महीनों तक लोगों को कैश क्राइसिस का सामना करना पड़ा। हालात ऐसे हो गए थे कि पैसे-पैसे की जुगाड़ में लोग इधर-उधर दौड़ रहे थे। बेहतर होता कि नोटबंदी से होने वाली परेशानियों से निजात की व्यवस्था पहले कर ली जानी चाहिए थी।

नोटबंदी कोई मुद्दा नहीं है
खुशबू तिर्की ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री के काला धन वापस लाने के लिए नोटबंदी करने के निर्णय के साथ हूं, सरकार की इस निर्णय के साथ मैं पूरी तरह से हूं। सरकार ने यह जो निर्णय लिया है वह बहुत पहले ही लागू होना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। इसबार लोकसभा चुनाव के दरम्यान जब मैं वोट करने जाऊंगी तो नोटबंदी मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं होगा। यह भी कहना सही है कि नोटबंदी के बाद आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन, यह हर स्थिति में देशहित में था। वैसे भी, जब कोई भी नई शुरुआत होती है तो आरंभिक चरणों में तरह-तरह की दिक्कतें आती हैं, लेकिन भविष्य में यह काफी फायदेमंद साबित होता है। नोटबंदी का भी अब पॉजिटिव असर साफ देखने को मिल रहा है। देश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मोदी का है ऐतिहासिक फैसला
रेणु मुंडारी ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा लिए गए नोटबंदी का फैसला ऐतिहासिक है और हमें इसपर गर्व है। हालांकि, नोटबंदी लागू होने के शुरुआती दिनों में इस वजह से कारोबारियों के साथ कॉमन मैन को थोड़ी दिक्कतें जरूर हुईं। मोदी के आलोचकों ने इस गलत फैसला करार दिया। उनका कहना था कि इसने देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का काम किया है। लेकिन, अब जिस तेजी से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है उससे साबित हो जाता कि यह सरकार द्वारा उठाया गया बेहतरीन कदम था। दरअसल, नोटबंदी का विरोध करने वालों में वैसा तबका शामिल है, जिसके पास ज्यादा ब्लैकमनी थी और वे इसके रद्दी हो जाने के डर से परेशान थे। ऐसे में इस चुनाव में नोटबंदी का मुद्दा निर्णायक नहीं रहेगा।

कड़क मुद्दा
इस लोकसभा चुनाव में नोटबंदी हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने जो निर्णय लिया था वह हर लिहाज से स्वागत योग्य है। यह हर लिहाज से देशहित में था, आज भी है और आगे भी रहेगा। इससे देश की तरक्की को राह मिली है। अर्थव्यवस्था में हावी काला धन 'गायब' हो चुका है। देश हित की बात सोचने वालों के लिए नोटबंदी एक ऐतिहिासिक कदम है। मोदी सरकार की इस बात के लिए जितनी तारीफ की जाए वह कम होगी। यह भी कहना उचित है कि नोटबंदी से शुरुआत में काफी अड़चनें आई लेकिन धीरे-धीरे इसके फायदे नजर आने लगे हैं। आज कैश लेनदेन की तुलना में डिजिटल ट्रांजेक्शन ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। डीबीटी से बिचौलियागिरी खत्म हो रही है। करप्शन पर भी काफी हद तक लगाम लगा है। ऐसे में मैं सरकार के साथ इस मुद्दे पर खड़ा हूं। चुनाव में यह किसी भी रुप में निर्णायक मुद्दा नहीं बनेगा, भले ही कुछ लोग मतदाताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर कितना भी जाने की कोशिश करें।

प्रगति खातून

मेरी बात .

इस बार चुनाव में नोटबंदी मुद्दा बनेगा, लेकिन यह सकारात्मक पहलू होगा। नोटबंदी के कारण काला धन बाहर आया है। ऐसे में वोटिंग करने वक्त इसका जरूर ख्याल रखूंगा। वैसे भी, चुनाव लड़े जाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के पास और भी मुद्दे हैं। ऐसे में सिर्फ नोटबंदी के मुद्दे पर वोटिंग प्रभावित हो सकती है, इससे मैं बहुत सहमत नहीं हूं। यह ठीक है कि नोटबंदी लागू होने के शुरूआती दिनों में कारोबारियों व कॉमन मैन को इस वजह से थोड़ी तकलीफों का सामना करना पड़ा था। पर, अब हर चीज पटरी पर लगभग लौट चुकी है।

महबूब आलम, डायरेक्टर, आईएनआईएफडी


वर्जन

कैसे पूरा हो डिजिटल इंडिया का सपना

मुझे नहीं लगता कि नोटबंदी से डिजिटल इंडिया का सपना साकार होगा। इसकी वजह आज भी देश की 70 परसेंट आबादी रुरल एरियाज से बिलांग करती है जहां कैश लेन-देन होता है। यहां रहने वाले लोग अभी भी डिजिटल ट्रांजेक्शन करना नहीं जानते हैं और अगर इसकी जानकारी है तो इसके इस्तेमाल से डरते हैं। यह ठीक है कि कैशलेश व डिजिटल लेनदेन देश हित में है लेकिन इसे आनन-फानन में पूरा नहीं किया जा सकता है। आहिस्ता-आहिस्ता यह आगे बढ़ेगा और इसके लिए लोगों को हर लिहाज से जागरूक करना होगा.
ईरम सानिया

 

नोटबंदी के बाद नहीं लौटा काला धन

नोटबंदी लागू हुए दो साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन इसका पूरा हिसाब-किताब अभी तक प्रत्यक्ष नहीं हो सका है। विदेशों में जमा काला धन भी नहीं लौट सका है। जबकि, देश में करप्शन पर भी लगाम कसने में बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल रही है। देश को डिजिटल बनाने की राह में भी अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। अभी भी लोग कैश लेन-देन करना ज्यादा प्रेफर कर रहे हैं.
फातिमा हैदर

 

शादी में रोड़ा बना था कैश क्राइसिस

नोटबंदी का झटका हर वर्ग को झेलना पड़ा था। चाहे कारोबारी हो या कॉमन मैन। नोटबंदी के एकाएक लागू होने के बाद हर कोई कै क्राइसिस के कारण परेशान था। शुरुआती दिनों में खासकर वैसे लोग सबसे ज्यादा परेशान था, जिनके यहां शादी-विवाह था। कैश नहीं होने की वजह से कई को शादी की तारीख तक आगे बढ़ानी पड़ गई थी। इसका खामियाजा काफी दिनों तक लोगों को उठाना पड़ा था.
शिल्पा कुमारी

 

नोटबंदी से ब्लैक मनी पर प्रहार

पीएम मोदी के नोटबंदी का फैसला ऐतिहासिक है। इसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम होगी। इसने काला धन पर कड़ा प्रहार किया है। बिचौलियों पर भी इसकी मार पड़ी है। डिजिटल लेन-देन तेजी से आगे बढ़ रही है। सबसे बड़ी बात कि कारोबार में ब्लैक मनी खपाने वालों की कमर तोड़कर रख दी। वैसे, इससे कॉमन मैन को जरूर परेशानियों का शुरुआत में सामना करना पड़ा था.
शादाफ शहीन

 

अर्थव्यवस्था को मिल रहा मजबूती

भारत प्रजातांत्रिक देश है। ऐसे में सरकार के फैसले की आलोचना भी प्रजातंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है, लेकिन देशहित में जो भी फैसले लिए जाएं, उसका स्वागत जरूर करना चाहिए। नोटबंदी भी एक ऐसा कदम है जिसने देश की अर्थव्यवस्था से काला धन को निकाल बाहर कर दिया है। अब इसके फायदे साफ नजर आ रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.
रोहित सिंह

 

ऐतिहासिक है नोटबंदी का फैसला

पीएम मोदी का नोटबंदी एक ऐतिहासिक फैसला था। हालांकि, इससे काफ लोगों को शुरुआती दिनों में परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस चुनाव में यह मुद्दा नहीं रहेगा। दरअसल, इसका मकसद कैशलेस इंडिया को बढ़ावा देना और कालेधन पर वार करना थ, हमको हमारे पीएम पर भरोसा रखना चाहिए वो जो भी करेंगे देश की भलाई के लिए ही करेंगे।
द्यपल्लवी अग्रवाल

 

किसी का कारोबार ठप, किसी का छिना रोजगार

नोटबंदी देश को कालेधन से मुक्त करने की दिशा में लिया गया बड़ा फैसला जरूर रहा है, लेकिन मोदी जी ने देश में इसे लागू करने से पहले पर्याप्त प्रबंध नहीं किया। ऐसे में इसकी गाज कई लोगों पर गिरी। किसी का कारोबार ठप हो गया तो किसी का रोजगार छिन गया। इस वजह से क लोगों ने सुसाइड भी कर लिया। बेहतर होता कि इसे लागू करने के पहले कैश क्राइसिस से निपटने की पूरी व्यवस्था कर ली जानी चाहिए थी।
कुमारी शिखा

 

अभी भी कैश लेन-देन हो रहा ज्यादा

नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रमोट करने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए। लेकिन, आज भी लोग डिजिटल की बजाय कैश लेन-देन पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। कई दुकानों में पेटीएम नहीं है तो कहीं है तो उसका इस्तेमाल करने से लेनदार-देनदार दोनों कतराते हैं। बेहतर होगा कि डिजिटल ट््रांजेक्शन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कैंपेन चलाए जाए।
सुशांत शेखर