-आज की डिबेट: श्री सिद्धि विनायक ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस भोजीपुरा

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BAREILLY:
जहां आधी से अधिक आबादी युवा है, ऐसे में देश के विकास की जिम्मेदारी भी युवाओं के कंधे पर है. यूथ का पॉलिटिक्स में रुझान और फील्ड में उनका अहम योगदान है. इन सबके बीच अगर आगामी चुनाव में यूथ के मुद्दों की बात करें तो यूथ के लिए कॅरियर ही सबसे अहम मुद्दा है. वजह बढ़ती उम्र के बीच नौकरी के घटते चांसेस के चलते हमारे देश का यूथ परेशान है. वह खुद को एम्पॉवर्ड और सिक्योर नहीं महसूस कर रहा है. मंडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और रेडियो सिटी के मिलेनेयिल्स स्पीक में केशलता नर्सिग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने खुलकर अपनी बात रखी.

क्वालिटी शिक्षा को मिले बढ़ावा
डिबेट में अंजली शर्मा ने कहा कि यूथ को रोजगार देने वाली सरकार ही चाहिए. सरकार यूथ को रोजगार जब तक नहीं दिला पाती है इसके चलते वह ओवर ऐज हो जाते हैं. ऐसे में रोजगार के लिए जो पढ़ाई की वह बेकार हो जाती है, इससे यूथ मायूस होता है. तभी भानू प्रताप ने कहा कि यूथ को जो भी शिक्षा दी जाए वह क्वालिटी परक और रोजगार से जुड़ी हो. ऐसी शिक्षा न दी जाए जो रोजगार से न जुड़ी हो. शिक्षा ऐसी हो जिससे उसे जॉब मिले या फिर वह अपने आप खुद कुछ कर सके. दीक्षा ने कहा कि देश में हर तरफ करप्शन फैला हुआ है. करप्शन मुक्त देश होना चाहिए.

महिला सुरक्षा हो पर्याप्त
गीतांजलि ने कहा कि महिला सुरक्षा की जो बात की जाती है उससे महिला सुरक्षा होने वाली नहीं. जब तक कि पुरुष महिलाओं के प्रति अपनी मानसिकता नहीं बदलेंगे. महिला सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी है कि पुरुष अपनी मानसिकता बदलें तभी महिलाएं सुरक्षित होंगी. तभी हुमा ने कहा कि जो भी वैकेंसी हमारे यहां निकलती हैं वह भर्ती होने से पहले ही निरस्त हो जाती हैं इसके लिए प्रक्रिया में सुधार हो ताकि बेरोजगारों को छला न जा सके.

शिक्षा का सुधरे सिस्टम
आयुषी शर्मा ने कहा कि शिक्षा में सुधार की जरूरत है. क्योंकि जो टीचर सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं वह भी अपने बच्चों को निजी स्कूल्स में भेजते हैं. क्योंकि वह अच्छी तरह जानते हैं कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर कैसा है. स्वीटी चौधरी ने कहा कि जब तक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाला अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाएगा तब तक शिक्षा सिस्टम में सुधार नहीं होगा. इस बात को सभी ने अपनी सहमति जताई. तभी शिल्पा ने कहा कि हमारे देश में जनसंख्या बड़ी समस्या है इस पर कंट्रोल होना चाहिए. क्योकि जितनी तेजी से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है उसके अनुसार जॉब के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं. इसीलिए बेरोजगारी बढ़ रही है. हमारी सरकार को चाहिए कि जनसंख्या पर नियंत्रण करे और जॉब के साधन बढ़ाए. तभी हमारा देश तेजी से प्रगति करेगा.

कड़क मुद्दा
अब युवा बदल चुका है, यूथ जाति धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों से सावधान हो चुका है. अब तो युवा रोजगार और देश के विकास के नाम पर ही वोट देगा. क्योंकि अभी तक तो लोग जाति-धर्म के नाम पर गुमराह हो जाते थे लेकिन अब कोई गुमराह होने वाला नहीं है. यूथ को अपने एजेंडे के वादे पूरा करने वाली सरकार की दरकार है.

मेरी बात
देश का विकास चाहते हो तो यूथ के लिए आगे आना होगा. क्योकि यूथ में ही देश के विकास को गति देने की क्षमता है. इसीलिए पढ़े लिखे यूथ को देश के डेवलपमेंट के बारे में सोचना चाहिए. करप्शन के खिलाफ भी हम सभी को आगे आना होगा तभी करप्शन खत्म होगा.

 

 


देवेन्द्र खंडेलवाल


सतमोला खाओ कुछ भी पचाओ
सरकारी स्कूल में जो भी टीचर पढ़ाते हैं उनके लिए सख्त नियम बनाए जाएं कि वह भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं. तभी बेसिक शिक्षा के स्तर की शिक्षा में सुधार होगा. इससे पहले बेसिक शिक्षा में सुधार होने वाला नहीं है.

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-सरकार चुनने में वोटर अब अधिक सजग हो गया है. अब वोटर का पहले जैसा मिजाज नहीं रह गया है. वह देश में बदलाव देखना चाहता है. इसीलिए वह अपने एजेंडे को देखकर ही वोट करेगा.

अंजली शर्मा

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-हमारे देश में बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सर्वे होना चाहिए. हमारे देश में बेरोजगारी इस कदर बढ़ी है कि एक वैकेंसी निकलने पर हजारों बेरोजगार उसके लिए दावेदार बन जाते हैं.

भानू प्रताप

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-जब तक बेसिक शिक्षा में सुधार नहीं होगा तब तक शिक्षा में क्वालिटी नहीं आ सकती है. क्योंकि कम आमदनी वाला व्यक्ति अपने बच्चों को निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकता है.

दीक्षा

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-करप्शन की शुरूआत कहीं न कहीं हम लोगों से ही होती है. इसीलिए करप्शन के लिए हम लोगों को पहल करनी होगी तभी करप्शन रुकेगा. अन्यथा करप्शन रुकने वाला नहीं है.

गीतांजलि

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-जब कहीं पर वैकेंसी निकलती तो उसमें बगैर करप्शन के जॉब नहीं मिलती है. ऐसे में जो व्यक्ति खुद करप्शन करके सरकारी पद पर आएगा वह भी करप्शन ही करेगा. इसीलिए ऊपर से सुधार हो.

हुमा

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-जो भी सरकार बनेगी वह भी हमारे आपके बीच का ही होगा. इसके लिए हमारे यहां लोगों को अपने अंदर की कमियां दूर करने की जरूरत है. लोगों को खुद सुधरना होगा.

नेहा

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- चुनाव आते ही नेता पब्लिक के बीच दौड़ लगाते हैं लेकिन जब इलेक्शन जीत जाते हैं तो फिर पब्लिक को भूल जाते हैं. नेता ऐसा हो जो जीतने के बाद भी पब्लिक की सुने.

पूनम

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-युवाओं को जुमलेबाजी नहीं एक्शन, रिएक्शन और जॉब चाहिए. अब तक हमारे यहां पर सभी काम हुए लेकिन यूथ की कोई सुनने वाला नहीं मिला इसीलिए यूथ अब अपने एजेंडे के साथ तैयार है.

प्रिया

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-देश में बेरोजगारों के लिए स्टार्टअप अच्छा है लेकिन इसका यूथ उतना उपयोग नहीं कर पा रहा है जितना उसे करना चाहिए. सरकार को चाहिए कि स्टार्टअप के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए.

सराहा एडवर्ड

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-पॉलिटीशियन हमेशा यूथ को अपने फायदे के लिए यूज करने आते हैं. जब तक इलेक्शन जीत नहीें जाते तब तक वह यूथ की सभी जरूरतों को समझते हैं लेकिन जीतने के बाद नहीं.

शिल्पा महेश्वरी