- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा कचहरी में राजनी-टी मिलेनियल्स स्पीक का किया गया आयोजन

- मिलेनियल्स ने उत्तराखंड को मॉडल स्टेट बनाने पर दिया जोर, विकास और पलायन की बात करने वाले को मिलेगा वोट

DEHRADUN: जब उत्तराखंड का पानी और जवानी पूरे देश में फेमस है तो फिर उत्तराखंड मॉडल की बात क्यों नहीं की जाती है। देश-विदेश से उत्तराखंड लोग आते हैं और यहां के लोगों की तारीफ करते हैं तो फिर आज तक हमें ऐसी पहचान क्यों नहीं मिल पाई है। अब की बार दूनाइट्स ऐसी सरकार को चुनने की बात कर रहे हैं, जो उत्तरांखड स्टेट के मॉडल को देश के मेप पर स्थापित करे। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित राजनी-टी टॉक में मिलेनियल्स ने उत्तराखंड को मॉडल स्टेट बनाने पर जोर दिया।

साफ-सफाई की बात से शुरु हुई बात
कचहरी की कैंटीन में चाय की चुस्कियों के बीच कानून के जानकारों के साथ कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आगामी लोकसभा इलेक्शन को लेकर चर्चा शुरू की। सामाजिक कार्यकर्ता शांति प्रसाद भट्ट ने देश में स्वच्छता अभियान की पोल खोलने की बात करते हुए सिटी में साफ-सफाई के हालात सामने रखे। उन्होंने केन्द्र की वर्तमान सरकार पर सिर्फ दिखावा करने का आरोप लगाया। शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य के हालात किसी से छिपे नहीं हैं और बात हो रही है विकास की। भट्ट के तर्क पर एमएस पंत ने अपनी आपत्ति जताते हुए केन्द्र सरकार की कुछ पॉलिसी से आम आदमी को फायदा होने की बात कही। उन्होंने देश में इस समय बने माहौल के बारे में बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर लोगों में पॉजीटिव थॉट्स आए हैं। ऐसे में सिर्फ केन्द्र सरकार को दोष देना सही नहीं है। शांति प्रसाद भट्ट ने इस पर केन्द्र की सरकार को पूंजीपतियों को मदद पहुंचाने वाली सरकार बताया। जबकि आम आदमी के बारे कोई सोच ही नहीं रहा है। विजय बौड़ाई ने स्टेट में एजुकेशन और हायर एजुकेशन के हालात को सुधारने के लिए हर ब्लॉक में एक-एक सेंट्रल स्कूल खोलने की जरुरत बताई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में हमारी पैरवी करने वाले एमपी कमजोर होने से प्रदेश का सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है। हमें ऐसे प्रतिनिधि की आवश्यकता है जो हमारी बात मजबूती के साथ रख सके।

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ
राकेश कुकरेती ने प्रदेश के पानी और जवानी को देश के मेप पर स्थापित करने के लिए उत्तराखंड स्टेट के मॉडल स्टेट बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल की सभी बात करते हैं। हमें ऐसे लीडर चाहिए जो उत्तराखंड मॉडल को पूरे देश में स्थापित करें। इसके अलावा राजनी-टी में उत्तराखंड में पलायन को रोकने के लिए स्पेशल पॉलिसी पर काम करने की जरुरत बताई गई। सभी ने एक सुर में हिमालयी राज्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज के साथ ही स्पेशल पॉलिसी लाने की बात कही।

दिल्ली में बैठकर उत्तराखंड के लिए पॉलिसी तैयार नहीं हो सकती है। इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधियों को यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से पॉलिसी लाने और उन पर काम करने की जरुरत है। साथ ही जनता की आवाज बनकर उनके मुद्दे को उठाए। मेरा वोट विकास की सोच रखने वाले लीडर को है।

- डिगर सिंह नेगी, एडवोकेट

केन्द्र सरकार वर्तमान में प्राइवेट सेक्टर्स को बढ़ावा दे रही है। जबकि सरकारी सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। बीते 5 वर्षो में सभी दावे हवाहवाई हुए हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है आयुष्मान योजना। 30 रुपए में लाखों के इलाज का दावा किया जा रहा है। जो संभव ही नहीं है। हमें ऐसे लीडर चुनने चाहिए जो क्षेत्र में विकास करे।

सुरेन्द्र सिंह रावत, मानवाधिकार आयोग कार्यकर्ता

उत्तराखंड के विकास के लिए रोजगार के सोर्स बढ़ाने पढ़ेंगे। इसके साथ ही किसानों के लिए ऐसी योजना चाहिए जो दूरगामी परिणाम दे, मेरा वोट ऐसे प्रतिनिधि को जो रोजगार और किसानों के लिए पॉलिसी पर काम करे। हमें ऐसे प्रतिनिधि चुनने चाहिए जो देश को सबसे पहले मानते हों।

- एमएस पंत, एडवोकेट

युवाओं के लिए किसी भी सरकार ने आज तक ऐसी पॉलिसी नहीं बनाई है। जिससे युवाओं को सीधे फायदा हो। आज तक बस नाम की पॉलिसी आई, आवश्यकता है ऐसे युवा प्रतिनिधियों की जो युवाओं के लिए खास नीति पर काम करे।

अतिरेक नवानी, एडवोकेट

प्रदेश का पानी और जवानी पूरे देश में फेमस है। ऐसे में यहां की पानी और जवानी के लिए स्पेशल पॉलिसी पर काम करने की जरुरत है। उत्तराखंड ऐसा स्टेट बनना चाहिए जिसका मॉडल गुजरात मॉडल से ज्यादा फेमस हो।

राकेश कुकरेती, एडवोकेट

बेरोजगारी आज भी प्रदेश नहीं देश की सबसे बड़ी समस्या है। सरकारी जॉब नहीं मिल रही है। प्राइवेट जॉब की कोई श्योरिटी नहीं है। ऐसे में युवाओं को रोजगार देने को लेकर बड़ी पॉलिसी बनाने की जरुरत है।

आशीष गुप्ता, प्राइवेट जॉब

बीते 5 वर्षो में विकास के नाम पर कुछ भी नया नहीं हुआ है। जो भी योजनाएं आ रही है, वे धरातल पर नजर नहीं आ रही है। ऐसे में योजनाओं को पंख देने वाले जनप्रतिनिधियों की जरुरत है। मेरा वोट ऐसे एक्टिव लीडर को जो विकास को हर घर तक पहुंचाने की कोशिश करे।

विक्रम सिंह, बिजनेसमैन

रोजगार को बढ़ाने के लिए केन्द्र का अहम रोल है। इसमें लोकल लीडर को बहुत ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है। ऐसे में रोजगार को बढ़ावा देने और वुमेंस सिक्योरिटी पर फोकस करने वाली पॉलिसीज को बनाने और उन्हें धरातल पर उतारने की जरूरत है। विकास की बात करने वाले लीडर को मेरा वोट कास्ट होगा।

गिरीश थपलियाल, एडवोकेट

सूबे के विकास के लिए बेरोजगारी और पलायन पर काम करने की जरुरत है। हमें ऐसे प्रतिनिधि चाहिए जो हमारी बात को संसद में अच्छी तरह से रख सकें। न कि इलेक्शन जीतने के बाद गायब हो जाएं। मेरा वोट विकास के नाम पर है।

- आशीष रतूड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता

वूमेन एम्पावरमेंट की जरुरत है। जो भी लॉ वुमन सिक्योरिटी के लिए बने हैं, उनका सही तरह से पालन नहीं हो रहा है। महिलाओं में आज भी अवेयरनेस की कमी है। वुमेन सिक्योरिटी को लेकर जो लीडर काम करेगा, उसी का साथ दिया जाएगा।

अल्पना जदली, एडवोकेट

कड़क मुद्दा-
देश का विकास तब होगा जब गांव के कोने-कोने तक अंतिम व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी की आवश्यकता है। देश में इस वक्त पूंजीपतियों का बोलबाला है। हमें ऐसी सरकार की आवश्यकता है, जो आम आदमी के बारे में सोचे न कि पूंजीपतियों के बारे में

 

 

- शांति प्रसाद भट्ट, सामाजिक कार्यकर्ता

मेरी बात-
एजुकेशन और हायर एजुकेशन के हाल बहुत ही खराब हैं। ऐसे में हर ब्लॉक को एक-एक सेंट्रल स्कूल खोलने की जरुरत है। केन्द्र में हमारी पैरवी करने वाले एमपी कमजोर होने से प्रदेश का सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है। हमें ऐसे प्रतिनिधि की आवश्यकता है जो हमारी बात मजबूती के साथ रख सके।

विजय बौड़ाई, एडवोकेट